रांची:असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने डेमोग्राफी चेंज को लेकर चल रही सियासत के बीच बड़ा बयान दिया है. रांची में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि असम में 1951 में मुस्लिम आबादी 12% थी और वर्तमान समय में 40% हो गई है. साथ ही असम में कई जिले बदल गए हैं, इसलिए मेरे लिए डेमोग्राफी चेंज जीने और मरने का मुद्दा है.
संथाल परगना में भी हो रहा डेमोग्राफी चेंजः सरमा
उन्होंने आगे कहा कि कुछ इसी तरह का बदलाव झारखंड के संथाल परगना में भी हो रहा है. संथाल परगना से लेकर पूरा झारखंड इसके चपेट में आ रहा है.घुसपैठियों को चिन्हित करना और उन्हें बाहर करना बहुत बड़ी चुनौती है.
चुनावी मेनिफेस्टो को लेकर कही यह बात
असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि चुनावी मेनिफेस्टो में आदिवासी बेटियों के साथ बांग्लादेशी मुसलमान के द्वारा की जाने वाली शादी को रोकने के लिए कड़े कानून बनाने का वादा कर हम इस बार चुनाव मैदान में उतरेंगे.
चंपाई सोरेन को हटाने से जेएमएम 10 सीट खोने वाला है-हिमंत
झारखंड में हुए सत्ता परिवर्तन और हेमंत सोरेन को एक बार फिर मुख्यमंत्री बनाए जाने पर असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने इसकी आलोचना करते हुए कहा है कि चंपाई सोरेन को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने का खामियाजा झारखंड मुक्ति मोर्चा को भुगतना होगा और आने वाले समय में होने वाले चुनाव में कम से कम 10 सीट खोना पड़ेगा.उन्होंने चंपाई सोरेन की तारीफ करते हुए कहा कि हेमंत सोरेन से बेहतर चंपाई सोरेन मुख्यमंत्री के रूप में काम कर रहे थे.
प्रोटोकॉल खर्च मामले में जेएमएम द्वारा सवाल उठाए जाने पर जताई नाराजगी
साथ ही असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने सत्तारूढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा द्वारा उनके प्रोटोकॉल पर हो रहे खर्च पर आपत्ति जताए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. सरमा ने कहा कि झारखंड बीजेपी के चुनाव सह प्रभारी बनाए जाने के बाद पहले ही दिन उन्होंने प्रोटोकॉल नहीं देने का आग्रह किया था. इसके बावजूद राज्य सरकार द्वारा प्रोटोकॉल दिया जाता रहा. उन्होंने कहा कि राजनीति का स्तर इस तरह से नीचे चला जाएगा, यह मुझे पता नहीं था.