पटना:लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बिहार का राजनीतिक समीकरण बदल चुका है. नीतीश कुमार महागठबंधन छोड़ भाजपा के साथ आ गए हैं. इन सबके बीच असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री भी बिहार के सियासत में हो चुकी है. ओवैसी ने सीमांचल से लोकसभा चुनाव अभियान की शुरुआत कर दी है.
महागठबंधन के मजबूत किले पर ओवैसी की नजर: महागठबंधन के सबसे मजबूत किले पर असदुद्दीन ओवैसी की नजर है. माय समीकरण को ध्वस्त करने के लिए ओवैसी का एक्शन प्लान भी तैयार है. असदुद्दीन ओवैसी ने देश की तीन लोकसभा सीट को हथियार बनाया है. हैदराबाद, औरंगाबाद और किशनगंज लोकसभा सीट को साधने के लिए एआईएमआईएम ने पूरी तैयारी कर ली है.
अख्तरुल इमान पर एक बार फिर से भरोसा:पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने अभियान की शुरुआत बिहार के सीमांचल से की है और किशनगंज लोकसभा सीट पर बकायदा प्रत्याशी का ऐलान भी कर दिया है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान किशनगंज से इस बार फिर उम्मीदवार होंगे. पिछले लोकसभा चुनाव में भी अख्तरुल निर्माण चुनाव लड़े थे हालांकि जीत कांग्रेस को मिली थी.
2019 में किशनगंज से कांग्रेस को मिली थी जीत: पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के मोहम्मद जावेद को 367017 वोट हासिल हुए थे, लगभग 33% वोट मोहम्मद जावेद को मिले थे. जदयू के सैयद मोहम्मद अशरफ को 333251 वोट मिले थे. उन्हें लगभग 30% वोट मिला था. एआईएमआईएम प्रत्याशी अख्तरुल इमान को 295029 वोट मिले थे. लगभग 26 प्रतिशत वोट इन्हें हासिल हुआ था.
सभी पार्टियां लगा रही है जोर: आपको बता दें कि सीमांचल में चार लोकसभा सीट हैं. चार में दो पर जदयू का कब्जा है. पूर्णिया और कटिहार लोकसभा सीट जदयू खाते में है तो बीजेपी के पास एक सीट है. अररिया से प्रदीप कुमार भाजपा के सांसद हैं. कांग्रेस के पास एकमात्र सीट किशनगंज है.। मोहम्मद जावेद वहां से सांसद हैं. ऐसे में 2024 की जंग जीतने में सभी पार्टी लगी है.
विधानसभा में AIMIM का प्रदर्शन शानदार रहा: विधानसभा चुनाव की बात अगर करें तो सीमांचल इलाके में 24 विधानसभा सीट हैं. भारतीय जनता पार्टी के पास आठ कांग्रेस के पास पांच, जदयू के पास चार, राजद के पास एक विधानसभा सीट है. एआईएमआईएम को पिछले विधानसभा चुनाव में पांच सीटें मिली थीं. जिसमें से चार विधायक राष्ट्रीय जनता दल के साथ जा चुके हैं.
बिहार में मुस्लिम आबादी: जातिगत जनगणना के आंकड़ों के बिहार में मुसलमान की आबादी 17.7% है यानी कि मुसलमान की कुल आबादी 2 करोड़ 31 लाख 49925 है. सीमांचल इलाके में मुसलमान की बहुतायत आबादी है, लिहाजा असदुद्दीन ओवैसी सीमांचल को साधना चाहते हैं. बिहार में 12 विधायक जीत कर बिहार के सियासत को भी अपने हिसाब से संचालित करने की उनकी मंशा है. किशनगंज सीट पर प्रत्याशी का ऐलान कर ओवैसी ने सबको चौंका दिया है.
"मैं किशनगंज से चुनाव लड़ूंगा और इस बार किशनगंज में सभी समीकरण ध्वस्त होंगे. किशनगंज की जनता का विश्वास हमें प्राप्त होगा."- अख्तरुल इमान ,प्रदेश अध्यक्ष, एआईएमआईएम
ओवैसी ने तेजस्वी को किया टारगेट:ओवैसी ने सीमांचल से हुंकार भरा है और राष्ट्रीय जनता दल के माय समीकरण पर हमला बोला है. ओवैसी ने कहा है कि तेजस्वी यादव की वजह से ही बिहार के अंदर भाजपा शासन में है. तेजस्वी की गलत नीतियों के वजह से भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को फलने फूलने का मौका मिला है.
पार्टियों के बीच घमासान:राष्ट्रीय जनता दल की ओर से असदुद्दीन ओवैसी पर पलटवार किया गया है. पार्टी प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि बिहार में अल्पसंख्यकों के रहनुमा लालू प्रसाद यादव हैं. भाजपा प्रवक्ता योगेंद्र पासवान ने कहा है कि असदुद्दीन ओवैसी का बिहार में कुछ भी चलने वाला नहीं है. वहीं वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी ने कहा है कि असदुद्दीन ओवैसी अल्पसंख्यकों के रहनुमा बनना चाहते हैं, मोहम्मद शहाबुद्दीन के बाद यह जगह खाली पड़ी है.