हैदराबाद: एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी लोकसभा में शपथ लेने के दौरान 'जय फिलिस्तीन' बोलने पर नए विवाद में फंस गए हैं. हालांकि, भाजपा सांसदों के आपत्ति जताने के बाद उनके इन शब्दों को लोकसभा के रिकॉर्ड से हटा दिया गया है, लेकिन उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं. फिलिस्तीन की प्रशंसा करने पर ओवैसी के खिलाफ राष्ट्रपति के समक्ष शिकायत दर्ज कराई गई है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या 'विदेशी राज्य के प्रति निष्ठा दिखाने' के लिए ओवैसी को संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराया जा सकता है.
अधिवक्ता विनीत जिंदल ने राष्ट्रपति के समक्ष संविधान के अनुच्छेद 103 के तहत शिकायत दर्ज कराई. जिंदल ने एक्स पर एक पोस्ट में इसकी जानकारी दी. जिंदल ने लिखा कि भारत के राष्ट्रपति के समक्ष संविधान के अनुच्छेद 103 के तहत एक शिकायत दर्ज की, जिसमें एक विदेशी राज्य 'फिलिस्तीन' के प्रति अपनी निष्ठा या प्रतिबद्धता दिखाने के लिए अनुच्छेद 102 (4) के तहत सांसद असदुद्दीन ओवैसी को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है.
हैदराबाद से लगातार 5वीं बार सांसद चुने गए ओवैसी ने मंगलवार को लोकसभा में उर्दू में शपथ लेने के बाद जय तेलंगाना, जय भीम और जय फिलिस्तीन (फिलिस्तीन की जय हो) के नारे लगाए, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि उन्हें ओवैसी की फिलिस्तीन को लेकर टिप्पणी के बारे में कुछ सदस्यों से शिकायतें मिली हैं. हमारी फिलिस्तीन या किसी अन्य देश से कोई दुश्मनी नहीं है. मुद्दा यह है कि क्या शपथ लेते समय किसी सदस्य के लिए दूसरे देश की प्रशंसा में नारे लगाना उचित है? हमें नियमों की जांच करनी होगी.
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर संविधान के अनुच्छेद 102 का एक अंश और ओवैसी के नारे का वीडियो क्लिप पोस्ट कर कहा कि मौजूदा नियमों के अनुसार असदुद्दीन ओवैसी को एक विदेशी राज्य यानी फिलिस्तीन के प्रति निष्ठा प्रदर्शित करने के लिए उनकी लोकसभा सदस्यता से अयोग्य ठहराया जा सकता है.
ओवैसी ने अपने शब्दों का किया बचाव...
हालांकि, संसद के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए ओवैसी ने अपने शब्दों का बचाव किया. उन्होंने कहा कि अन्य सदस्य भी अलग-अलग बातें कह रहे हैं... यह कैसे गलत है? मुझे संविधान का प्रावधान बताएं. मैंने वही कहा जो मुझे कहना था. पढ़िए महात्मा गांधी ने फिलिस्तीन के बारे में क्या कहा था. जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने फिलिस्तीन का जिक्र क्यों किया, तो ओवैसी ने कहा कि वे उत्पीड़ित लोग हैं.