गुवाहाटी: पड़ोसी राज्यों के साथ असम का सीमा विवाद लंबे समय से एक जटिल मुद्दा रहा है. असम सरकार के सीमा सुरक्षा और विकास विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पड़ोसी राज्यों ने अब तक असम की कुल 82,751.8618 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण किया है.
अतिक्रमण करने वाले राज्यों में अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम और नागालैंड शामिल हैं. इस संबंध में असम के सीमा सुरक्षा और विकास मंत्री अतुल बोरा ने शुक्रवार को संपन्न विधानसभा के शरदकालीन सत्र के दौरान सदन में यह जानकारी दी.
किस राज्य ने कितनी जमीन पर किया अतिक्रमण?
अतुल बोरा ने असम विधानसभा में बताया कि चारों सीमावर्ती राज्यों ने अब तक असम की 82,751.8618 हेक्टेयर जमीन पर अतिक्रमण किया है. उन्होंने बताया कि अरुणाचल प्रदेश ने 16,144.0117 हेक्टेयर, नागालैंड 59,490.21 हेक्टेयर, मेघालय 3,441.8601 और मिजोरम ने 3,675.78 हेक्टेयर जमीन पर अतिक्रमण किया है.
सीमा सुरक्षा को मजबूत के लिए राज्य सरकार ने उठाए ये कदम
मंत्री अतुल बोरा ने आगे बताया कि असम सरकार ने पिछले तीन साल में सीमा सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए भी कई कदम उठाए हैं. असम पुलिस के पुलिस अधीक्षकों (सीमा) से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पिछले तीन साल में असम सरकार ने सीमा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए बॉर्डर पर पुलिस कमांडो तैनात करने के साथ-साथ कई सीमा पुलिस गश्ती शिविर स्थापित किए हैं.
इनमें से 38 कमांडो असम-अरुणाचल सीमा पर लखीमपुर के दुलुंग वन क्षेत्र में तैनात हैं और नए कैंप बनाने की तैयारी चल रही है. असम सरकार ने मिजोरम की सीमा साझा करने वाले कछार जिले में आठ सीमा चौकियां, और मेघालय से सटे पश्चिम कार्बी आंगलोंग की सीमा पर 6 सीमा चौकियां स्थापित की हैं. इसके अलावा राज्य सरकार ने बराक घाटी के करीमगंज में मिजोरम सीमा पर अस्थायी रूप से दो कैंप स्थापित किए हैं.
ऊपरी असम के शिवसागर जिले में नगालैंड सीमा पर सात सीमा चौकियां और कमांडो बल तैनात किए गए हैं. बराक के हैलाकांडी जिले में मिजोरम सीमा पर चार अस्थायी सीमा पुलिस चौकियां भी स्थापित की गई हैं और एक स्थायी कमांडो बटालियन कैंप बनाया किया गया है. इसी तरह पहाड़ी जिले दीमा-हसाओ में नगालैंड सीमा पर चार नई सीमा चौकियां बनाई की गई हैं.
बराक के हैलाकांडी जिले में भी मिजोरम सीमा पर चार अस्थायी सीमा पुलिस चौकियां भी बनाई की गई हैं और एक स्थायी कमांडो बटालियन कैंप स्थापित किया गया है. इसी तरह पहाड़ी जिले दीमा-हसाओ में नागालैंड सीमा पर चार नई सीमा चौकियां स्थापित की गई हैं.
गौरतलब है कि असम सरकार के पास पिछले पांच सालों में असम के पड़ोसी राज्यों द्वारा भूमि पर किए गए अतिक्रमण और फिर से कब्जा की गई भूमि के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं है. असम सरकार ने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए पड़ोसी राज्यों के साथ नरमी से बातचीत जारी रखी है.
सीमा विवाद समाधान प्रक्रिया कैसी चल रही है?
2021 में गठित मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा सरकार की पहल पर असम में सीमा विवादों को सुलझाने के लिए विभिन्न स्तरों पर बातचीत की प्रक्रिया चल रही है. बोरा ने सदन को बताया कि पड़ोसी राज्य के साथ विवादित सीमा क्षेत्रों में विवादों को सुलझाने के लिए 12 क्षेत्रीय समितियों का गठन कर काम किया जा रहा है. ये समितियां विवादित सीमा क्षेत्रों का संयुक्त दौरा कर बातचीत की प्रक्रिया को अंजाम दे रही हैं.
असम-अरुणाचल के 71 गांवों में सीमा विवादों का निपटारा
इसके अलावा असम के मंत्री अतुल बोरा ने सदन को बताया कि अरुणाचल प्रदेश द्वारा अपना दावा किए जाने वाले 123 गांवों के संबंध में 20 अप्रैल, 2023 को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए थे. परिणामस्वरूप, असम अरुणाचल के 71 गांवों में विवाद सुलझ गए. बोरा ने कहा कि विवाद सुलझने वाले गांवों का सीमांकन केंद्र सरकार द्वारा किया जाता रहेगा, जबकि शेष 52 गांवों के लिए बातचीत की प्रक्रिया जारी रहेगी.
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