जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से निपटने के लिए सेना तालमेल के साथ काम करेगी: सेना प्रमुख - security review meeting - SECURITY REVIEW MEETING
Jammu- Kashmir Army Chief security review meeting: जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ समय में आतंकवाद की कई घटनाएं सामने आई. आतंकवाद को खत्म करने के लिए सरकार प्रयासरत है.
जम्मू में सुरक्षा समीक्षा बैठक (ETV Bharat URDU AND J&K Desk)
जम्मू:केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में हाल की आतंकी घटनाओं के मद्देनजर सेना प्रमुख ने एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की. बैठक में सुरक्षा से संबंधित सभी एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. समीक्षा बैठक के बाद सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को आश्वासन दिया कि सुरक्षा एजेंसियां जम्मू क्षेत्र में आतंकवादियों से निपटने के लिए तालमेल के साथ काम करेगी.
अधिकारियों ने बताया कि राजभवन और पुलिस मुख्यालय में हुई बैठक में बीएसएफ, सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक, खुफिया एजेंसियों के प्रमुख और अन्य वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी भी शामिल हुए. जनरल द्विवेदी ने पहले पुलिस मुख्यालय में एक घंटे से अधिक समय तक चली बैठक की अध्यक्षता की. उसके बाद उनकी एक बैठक राजभवन में भी हुई.
उपराज्यपाल सिन्हा ने सेना प्रमुख, विभिन्न सुरक्षा एवं कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रमुखों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की और उनसे जम्मू संभाग में समन्वित आतंकवाद-रोधी अभियान सक्रियता से चलाने को कहा. अधिकारियों ने बताया कि जम्मू में सेना प्रमुख की अध्यक्षता में हुई बैठक में रक्षा और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए.
भारतीय सेना के अतिरिक्त लोक सूचना महानिदेशालय (ADGPI) ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि जम्मू में 'संयुक्त सुरक्षा समीक्षा बैठक' का ध्यान क्षेत्र में आतंकवादियों और राष्ट्र विरोधी तत्वों के दुर्भावनापूर्ण मंसूबों को विफल करने पर केंद्रित था. एडीजीपीआई ने ट्वीट में कहा कि सेना प्रमुख (COAS) ने सिन्हा से मुलाकात की और क्षेत्र में मौजूदा सुरक्षा स्थिति पर विचार-विमर्श किया.
बयान में कहा गया, 'सेना प्रमुख ने उपराज्यपाल को वर्तमान स्थिति से निपटने और क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए सशस्त्र बलों और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा समन्वित दृष्टिकोण अपनाने का आश्वासन दिया.' पुलिस मुख्यालय में आयोजित बैठक का उल्लेख करते हुए एडीजीपीआई ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में कार्यरत सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसियों के सभी हितधारकों ने इसमें भाग लिया.