नई दिल्ली : चुनाव आयोग के निर्देशानुसार यह सभी पार्टियों के लिए आवश्यक है कि वे अपनी सालाना आय-व्यय रिपोर्ट आयोग के पास जमा करें. हालांकि, एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में पाया कि सभी क्षेत्रीय पार्टियां ऐसा नहीं कर रहीं हैं. एडीआर के अनुसार कुछ क्षेत्रीय पार्टियों ने समय सीमा बीत जाने के बाद भी अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी है. इस रिपोर्ट में क्षेत्रीय पार्टियों की आमदनी और उनके खर्चे का विश्लेषण किया गया है.
एडीआर के अनुसार57 क्षेत्रीय पार्टियों ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अपनी ऑडिट रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंपी है. एडीआर ने इनमें से 39 पार्टियों की रिपोर्ट का विश्लेषण किया है.
इन पार्टियों के नाम हैं - एजीपी, एआईएडीएमके, एआईएमआईएम, एआईएनआरसी, एआईटीसी, एआईयूडीएफ, आजसू पार्टी, अपना दल (सोनीलाल), बीजेडी, बीआरएस, सीपीआई, सीपीआई (एमएल), डीएमडीके, डीएमके, जीएफपी, आईएनएलडी, जेएंडके पीडीपी, जेडी(एस), जद (यू), जेजेपी, जेएमएम, केसी (एम), एलजेएसपी (रामविलास), एमजीपी, एमएनएस, एनडीपीपी, एनपीएफ, पीपीए, राजद, आरएलटीपी, आरएसपी, एसएडी, एसडीएफ, एसकेएम, एसपी, टीडीपी, यूपीपीएल, वॉयस ऑफ पीपुल्स पार्टी और वाईएसआर-कांग्रेस.
एडीआर के अनुसारइनमें से 16 पार्टियों ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट समय पर सौंप दी थी, जबकि 23 पार्टियों ने 3 दिन से लेकर 150 दिन तक की देरी से रिपोर्ट सौंपी. वित्त वर्ष 2022-23 के लिए शेष 18 क्षेत्रीय दलों की ऑडिट रिपोर्ट इस रिपोर्ट की तैयारी के समय ईसीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है. इनमें कुछ प्रमुख राजनीतिक दल जैसे एसएचएस, बीपीएफ, जेकेएनसी, एनसीपी और शिवसेना (यूबीटी) आदि शामिल हैं.
कितनी आमदनी
- वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 39 क्षेत्रीय दलों की कुल आय 1740.486 करोड़ रुपये थी.
- बीआरएस ने सबसे अधिक 737.677 करोड़ रुपये की आय बताई. यह विश्लेषित किए गए सभी दलों की कुल आय का 42.38% है.
- इसके बाद टीएमसी 333.457 करोड़ रुपये या 19.16% की आय के साथ दूसरे स्थान पर है.
- डीएमके की आय 214.353 करोड़ रुपये या 12.32% है.
- शीर्ष 5 दलों की कुल आय 1541.328 करोड़ रुपये थी.
वित्तीय वर्ष 2021-22 के मुकाबले वित्तीय वर्ष 2022-23 की आमदनी
- 39 में से 20 पार्टियों की आमदनी बढ़ी है.
- 17 पार्टियों ने अपनी आमदनी घटते हुई दिखाई है.
- 37 पार्टियों की कुल आय वित्त वर्ष 2021-22 में 1721.189 करोड़ रुपये थी, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में 1731.935 करोड़ रुपये हो गई. यानी 10.746 करोड़ रुपये की वृद्धि है.
- बीआरएस ने अपनी आय में 519.565 करोड़ रुपये की सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की.
- इसके बाद टीडीपी और सीपीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 और वित्त वर्ष 2022-23 के बीच क्रमशः 57.966 करोड़ रुपये और 12.454 करोड़ रुपये की कुल वृद्धि घोषित की.
- 19 क्षेत्रीय दल ऐसे हैं, जिन्होंने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अपनी आय का एक हिस्सा खर्च नहीं होने की घोषणा की है, जबकि 20 राजनीतिक दलों ने इस दौरान एकत्रित आय से अधिक खर्च किया है.
- बीआरएस की कुल आय का 680.201 करोड़ रुपये से अधिक खर्च नहीं हुआ है, जबकि बीजेडी और डीएमके के पास क्रमशः 171.066 करोड़ रुपये और 161.729 करोड़ रुपये हैं, उनकी आय वित्त वर्ष 2022-23 के लिए खर्च नहीं की गई है.
- वाईएसआर-कांग्रेस, एनडीपीपी, सीपीआई (एमएल) (एल), जेडी (एस), एसएडी, आईएनएलडी, एलजेएसपी (रामविलास), अपना दल (सोनीलाल), केसी (एम), एसडीएफ, एजेपी, एजेएसयू पार्टी, जेएंडके पीडीपी, एआईयूडीएफ, एआईएनआरसी, आरएसपी, एनपीएफ, वॉयस ऑफ द पीपल पार्टी, एमजीपी और जीएफपी 20 क्षेत्रीय दल हैं जिन्होंने अपनी आय से अधिक खर्च करने की घोषणा की है.
- जद (एस) ने सबसे अधिक 7.224 करोड़ रुपये यानी अपनी आय से 490.43% अधिक खर्च करने की घोषणा की है.
----गौरतलब है कि जीएफपी एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए कोई आय घोषित नहीं की है, लेकिन पार्टी ने इस वर्ष के दौरान 6.68 लाख रुपये का खर्च घोषित किया है.