प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि आईपीसी की धारा 498A पूरे परिवार पर दबाव बनाने के लिए दर्ज कराई जाती है, इसलिए इसके आधार पर किसी को नौकरी देने से इनकार नहीं किया जा सकता है. यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने बाबा सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार दिया.
कोर्ट डीएम मिर्जापुर और मुख्य अभियंता लघु सिंचाई को नोटिस जारी करते हुए उनसे याचिका पर जवाब मांगा है. कोर्ट ने कहा कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्तियों को सार्वजनिक सेवा से बाहर करने का इरादा रखने वाला कानून उम्मीदवारों को केवल इसलिए अयोग्य ठहराने की परिकल्पना नहीं करता है कि वे पारिवारिक विवादों में फंसे हुए हैं. न्यायमूर्ति मुनीर ने कहा कि आईपीसी की धारा 498A के तहत शिकायत पूरे परिवार के खिलाफ दर्ज की गई है, ताकि उन पर दबाव बनाया जा सके.
अगर इस तरह के अपराधों को संभावित उम्मीदवार के आपराधिक इतिहास का आकलन करने के लिए ध्यान में रखा जाए, तो सार्वजनिक रोजगार के लिए बहुत नुकसान होगा. कोर्ट ने कहा कि चरित्र प्रमाण पत्र देने से इनकार करना तकनीकी रूप से या परिस्थितियों पर उचित विचार किए बिना नहीं किया जाना चाहिए. कोर्ट ने मामले को संवेदनशीलता से न संभालने के लिए डीएम की आलोचना करते हुए चरित्र प्रमाण पत्र जारी न करने का औचित्य बताने का निर्देश दिया है.