प्रयागराज: ज्ञानवापी केस में सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को भी आदेश दिया (Puja will continue in Vyasji Tehkhana) है. कोर्ट ने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह पूरे इलाके को संरक्षित करे. शुक्रवार को अपने आदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी सरकार को ज्ञानवापी परिसर को संरक्षित करने का आदेश दिया.
अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी को ज्ञानवापी के तहखाने में पूजा अर्चना की अनुमति देने के जिला जज वाराणसी के आदेश पर इलाहाबाद हाईकोर्ट से कोई फौरी राहत नहीं मिली. शुक्रवार को हाईकोर्ट ने कहा कि मस्जिद पक्ष ने पहले 17 जनवरी 2024 के आदेश को चुनौती दी. इस आदेश से जिलाधिकारी वाराणसी को रिसीवर नियुक्त किया गया है. इस आदेश पर जिलाधिकारी ने 23 जनवरी को ज्ञानवापी परिसर अपने कब्जे में ले लिया. इसके बाद जिला जज ने 31 जनवरी के अंतरिम आदेश से काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को पुजारी के माध्यम से ज्ञानवापी तहखाने में पूजा करने की अनुमति दी. अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने 31जनवरी की स्थिति बहाल करने की मांग की थी.
सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्र का कहना था कि सरकार की जिम्मेदारी कानून व्यवस्था कायम रखने की है. वाराणसी के डीएम सुरक्षा व्यवस्था देख रहे हैं. इससे पहले कोर्ट ने अंजुमन इंतजामिया कमेटी की ओर से सीनियर एडवोकेट एसएफए नकवी से कोर्ट ने पूछा था कि जो बेसिक आदेश 17 जनवरी 2024 का है, उसको क्यों चुनौती नहीं दी? कमेटी के वकील ने कहा कि 31 जनवरी का आदेश आने के कारण उन्हें तुरंत आना पड़ा.
बेसिक आदेश को भी चुनौती दी जाएगी. उन्होंने कहा कि डीएम ने आदेश होते ही रात में तैयारी कर ली और नौ घंटे में पूजा शुरू करा दी. साथ ही कहा कि जिला जज ने अपने ही आदेश के विपरीत अंतरिम आदेश देकर वस्तुत: वाद स्वीकार कर लिया है, जो न्यायोचित नहीं है. हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने याचिका की पोषणीयता पर आपत्ति की. कहा कि मूल आदेश को चुनौती नहीं दी है. अधीनस्थ अदालत ने वादी को राहत नहीं दी है. मंदिर ट्रस्ट को अधिकार दिया है. अंजुमन इंतजामिया कमेटी गुरुवार को तड़के ही सुप्रीम कोर्ट गई थी लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने कमेटी से हाईकोर्ट जाने को कह दिया था.
मुस्लिम पक्ष की याचिका सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को अंतरिम स्टे एप्लिकेशन की अनुमति नहीं दी. अदालत ने कहा है कि मस्जिद समिति से 6 फरवरी तक अपनी अपील में संशोधन कर सकती है. आखिर रिसीवर को नियुक्त करने की इतनी क्या जल्दी थी. हाईकोर्ट को मुस्लिम पक्ष के वकील ने बताया कि हिंदू पक्ष के आवेदन को 17 जनवरी को रिसीवर (वाराणसी डीएम) नियुक्त करते हुए अनुमति दी गई. 31 जनवरी को व्यास जी तहखाने में पूजा की अनुमति देने का आदेश दिया गया.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष से पूछा कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में 4 तहखाने हैं. हिंदू पक्ष किस तहखाने में प्रार्थना करना चाहता है, इसका कोई दावा नहीं किया गया. मुस्लिम पक्ष ने अदालत में कहा कि हिंदू पक्ष चार तहखानों में से एक, जिसमें व्यास तहखाना है उसी में पूजा करने की मांग कर रहा है.
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