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झारखंड में अरहर और नाशपाती की खेती पर शोध करवाएगा कृषि मंत्रालय, दलहन पर तय होगा एमएसपी: शिवराज सिंह चौहान - Agriculture Ministr Shivraj

Agriculture Ministr Shivraj in Palamu. पलामू दौरे पर पहुंचे केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि झारखंड के अरहर और नाशपाती पर केंद्रीय कृषि शोध करवाएगा. इसके अलावा अरहर पर एमएसपी भी तय की जाएगी.

AGRICULTURE MINISTR SHIVRAJ
शिवराज सिंह चौहान (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 29, 2024, 12:29 PM IST

पलामू:झारखंड के अरहर पर एमएसपी तय किया जाएगा और इसकी खरीद केंद्रीय कृषि मंत्रालय करवाएगा. इसके अलावा झारखंड में अरहर, नाशपाती, ड्रैगन फ्रूट, आलू जैसी खेती पर केंद्रीय कृषि मंत्रालय शोध भी करवाएगा. ये बातें केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कही हैं.

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (ईटीवी भारत)

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान दो दिनों तक पलामू प्रमंडल के दौरा पहुंचे. इस दौरान उन्होंने झारखंड में खेती के हालातों के बारे जानकारी ली है और खेती में विविधीकरण को लेकर योजनाएं भी तैयार की हैं. लातेहार का नेतरहाट का नाशपाती की खेती के लिए चर्चित है. वहीं, पलामू का इलाका दलहन के उत्पादन के लिए चर्चित रहा है. झारखंड का पलामू जिला वन स्टेट वन प्रोडक्ट के तहत अरहर की खेती के लिए चयनित है. 2024 में पलामू के इलाके में 51800 हेक्टेयर में अरहर के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया था.

अरहर का तय होगा एमएसपी, कृषि मंत्रालय के वैज्ञानिक करेंगे शोध

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि कृषि के विविधीकरण को लेकर कई कदम उठाए जा रहे हैं. पलामू का इलाका अरहर की खेती के लिए चर्चित रहा है. धीरे-धीरे यह खेती कम हुई है. अरहर की फसल को खरीदा जाएगा और इस पर एमएसपी भी तय किया जाएगा. केंद्रीय कृषि मंत्रालय शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि इंडियन काउंसिल एग्रीकल्चर रिसर्च (आईसीएआर) के वैज्ञानिक अरहर, नाशपती, ड्रैगन फ्रूट समेत कई फसलों के उत्पादन को लेकर इलाके में शोध करेंगे. उन्होंने बताया कि झारखंड के इलाके में कृषि की वृद्धि कारण को लेकर भी शोध किया जाएगा और इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं. यहां के किसान मेहनती है इसलिए उन्होंने वैज्ञानिकों की टीम को निर्देश दिए है. वैज्ञानिकों की टीम अधिकारी एवं किसानों के साथ मिलकर पलामू के इलाके में किसानी के विविधीकरण के बारे में शोध करेगी.

हर दूसरे साल पलामू में सुखाड़

पलामू के इलाके में अरहर की फसल को किसान स्थानीय बाजार में ही बेचते हैं. हाल में ही झारखंड लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी ने दीदियों के माध्यम से अरहर के उत्पादन एवं खरीदारी की भी योजना पर काम किया गया है. पलामू के बड़े हिस्सों में अरहर की खेती होती है, लेकिन इसकी कीमत किसानों को नहीं मिल पाती. पलामू का इलाका हर दूसरे साल सुखाड़ की समस्या से जूझता रहता है. 2022 में पलामू के लगभग सभी प्रखंडों को सुखाड़ क्षेत्र के दायरे में रखा गया था वहीं, 2023 में कई प्रखंडों को सुखाड़ के दायरे में रखा गया था. पलामू के इलाके में गैर परंपरागत खेती को लेकर भी विभाग कई स्तर पर पहल कर रहा है. यही वजह अरहर की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है.

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