नई दिल्ली: भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने शुक्रवार को अधिसूचित किया कि पहली बार लोकसभा चुनाव में पोल पैनल ने बुजुर्गों के लिए घर पर मतदान की सुविधा प्रदान की है. निर्वाचन आयोग ने डाक मतपत्र सुविधा से वोटिंग की यह सुविधा विकलांगों, 85 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों, कोविड से प्रभावित लोगों या आवश्यक सेवाओं में शामिल लोगों और बूथ तक जाने में असमर्थ लोगों के लिए शुरू किया है.
मतदान पैनल ने एक बयान में कहा था कि मतदान के पहले और दूसरे चरण के लिए देश भर में 81 लाख से अधिक 85+ वृद्ध मतदाता और 90 लाख से अधिक PwD मतदाता पंजीकृत हैं. भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा वरिष्ठ नागरिकों और 40 फीसदी से अधिक विकलांगता वाले व्यक्तियों के लिए 'घर से वोट' सुविधा का विस्तार करने के साथ, एक वीडियोग्राफर और एक सुरक्षा कर्मी के साथ मतदान अधिकारियों की टीमों ने मतदाताओं के घरों का दौरा करना शुरू कर दिया है.
आगामी चुनावों में विकलांग व्यक्ति, 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाता और 40 फीसदी विकलांगता वाले विकलांग व्यक्ति (पीडब्ल्यूडी) वैकल्पिक घरेलू मतदान सुविधा का लाभ उठा सकते हैं. बता दें, इस वर्ग के मतदाताओं ने अभी से ही वोट डालना शुरू कर दिया है. मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. सुखबीर सिंह संधू के साथ इसकी घोषणा की थी.
इस घोषणा के साथ उन्होंने आगे कही था कि बुजुर्गों और दिव्यांगों को घर पर मतदान की सुविधा देना आयोग की उनके प्रति देखभाल और सम्मान की अभिव्यक्ति है. उम्मीद है कि यह एक उदाहरण स्थापित करेगा, ताकि समाज इसे दैनिक जीवन में अपना सके. पहले चरण के मतदान में घर पर मतदान की सुविधा का लाभ उठाने वाले मतदाताओं ने ईसीआई की पहल के लिए आभार और संतुष्टि व्यक्त की है.
बता दें, घर से मतदान का मतलब होता है कि जिसमें मतदान कर्मचारियों और सुरक्षा कर्मियों की पूरी टुकड़ी शामिल होती है. इसमें मतदान की गोपनीयता को पूरी लगन से बनाए रखा जाता है. ईसीआई ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य एक अधिक न्यायसंगत और प्रतिनिधि लोकतंत्र की सुविधा प्रदान करना, जहां प्रत्येक नागरिक की आवाज मायने रखती है, चाहे उसकी शारीरिक सीमाएं या उम्र कुछ भी हो.