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कांग्रेस-सपा समझौते के बाद राहुल-अखिलेश 25 फरवरी को आगरा से चुनाव अभियान शुरू करेंगे - राहुल गांधी और अखिलेश यादव

Lok Sabha polls : लोकसभा चुनाव को लेकर यूपी में सपा और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारा हो जाने के बाद अब राहुल गांधी और अखिलेश यादव 25 फरवरी को आगरा से चुनावी अभियान शुरू करेंगे. इसको लेकर दोनों ही पार्टियों के कार्यकर्ता एकजुट हो रहे हैं. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट...

Rahul Gandhi and Akhilesh Yadav
राहुल-अखिलेश

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 22, 2024, 4:15 PM IST

Updated : Feb 22, 2024, 4:25 PM IST

नई दिल्ली : लोकसभा चुनावों के लिए सीट बंटवारे का समझौता हो जाने के बाद कांग्रेस और सपा एक बार फिर उत्तर प्रदेश में 'यूपी के लड़के' का नारा बुलंद करेंगे. इसी कड़ी में 25 फरवरी को आगरा में राहुल गांधी और अखिलेश यादव संयुक्त रोड शो करेंगे. इस संबंध में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के यूपी चरण के प्रभारी पीएल पुनिया ने बताया कि अखिलेश यादव 25 फरवरी को आगरा में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होंगे. इसके अलावा संयुक्त रोड शो और एक रैली होगी जिसे दोनों नेता संबोधित करेंगे. यह एक तरह से गठबंधन चुनाव अभियान की शुरुआत होगी.

उन्होंने कहा कि यात्रा का 22 और 23 फरवरी को विश्राम रहेगा, लेकिन 24 फरवरी को भारत जोड़ो न्याय यात्रा मुरादाबाद से फिर से शुरू होगी. बता दें कि अखिलेश यादव ने पहले ही घोषणा की थी कि वह 19 या 20 फरवरी को अमेठी या रायबरेली में राहुल गांधी की यात्रा में शामिल होंगे लेकिन बाद में इसमें शामिल नहीं होने का फैसला किया. इसके बाद उन्होंने दो दिन पहले यह कहकर कांग्रेस नेताओं को चौंका दिया था कि सीट बंटवारे पर मुहर लगने तक वह यात्रा में शामिल नहीं होंगे.

वही 21 फरवरी को दोनों दलों के नेताओं ने घोषणा की कि कांग्रेस गठबंधन के हिस्से के रूप में 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. जबकि सपा और कुछ छोटे दल यूपी में शेष 63 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे.एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि हमने तुरंत सपा नेताओं से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि अखिलेश यादव यात्रा में शामिल हों, इस पर वह तुरंत सहमत हो गए.

उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियों के स्थानीय कार्यकर्ता भी संयुक्त रोड शो और रैली के लिए सहयोग कर रहे हैं. वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कल एक बार फिर कहा था कि कांग्रेस और सपा ने 2017 यूपी विधानसभा चुनाव में साथ लड़ने के लिए गठबंधन किया था. उस समय चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने 'यूपी के लड़के' का नारा स्थानीय युवाओं के साथ तालमेल बिठाने के लिए दिया था. उस समय अखिलेश और राहुल एक साथ एक अभियान में बस में सवार होकर राज्य भर में घूम रहे थे. हालांकि गठबंधन काम नहीं आया. उत्तर प्रदेश की विधानसभा की कुल 403 सीटों में से सपा 47 सीटों और कांग्रेस 7 सीटों पर सिमट गई. वहीं भाजपा ने 325 सीटों के साथ चुनाव जीता था.

यूपी विधानसभा चुनाव के परिणाम ने सपा को चौंका दिया था. इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनावों में सपा ने कांग्रेस के साथ कोई समझौता करने से इनकार कर देने के बाद भाजपा से मुकाबला करने के लिए कट्टर प्रतिद्वंदी बसपा के साथ समझौता करने का विकल्प चुना था. इसके बाद भी एसपी-बीएसपी गठबंधन केवल 15 सीटें ही जीत सका, जिसमें बीजेपी की 62 सीटों के मुकाबले एसपी को 5 और बीएसपी को 10 सीटें मिली थीं. वहीं कांग्रेस केवल एक सीट रायबरेली से जीत सकी थी, जिसका प्रतिनिधित्व तत्कालीन पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी करती थीं.

कांग्रेस नेता पुनिया ने कहा कि जमीनी स्तर पर स्थिति बदल गई है. राज्य की राजनीति में परिवर्तन आने वाला है. उन्होंने कहा कि गठबंधन यूपी में आगामी चुनाव में गठबंधन मजबूती से लड़ेगा. साथ ही रोजगार, महंगाई, महिलाओं की सुरक्षा जैसे प्रासंगिक मुद्दों को उठाया जाएगा.

हालांकि कांग्रेस नेता 2009 के राष्ट्रीय चुनावों में पार्टी द्वारा जीती गई 22 सीटों की मांग कर रहे थे, लेकिन पार्टी के नेता समझौते के तहत 17 सीटों से संतुष्ट थे. पुनिया ने कहा कि यह एक अच्छा आंकड़ा है, हमें अब जमीन पर उतरने की जरूरत है.

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Last Updated : Feb 22, 2024, 4:25 PM IST

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