कोझिकोड: सऊदी अरब में कैद भारतीय नागरिक अब्दुल रहीम की रिहाई एक बार फिर टल गई है. रियाद क्रिमिनल कोर्ट ने आज (30 दिसंबर, 2024) मामले पर विचार किया. हालांकि, मामले में आगे के अध्ययन की आवश्यकता का हवाला देते हुए कोर्ट ने कार्यवाही को स्थगित करने का फैसला किया.
अब इस मामले की अगली सुनवाई 15 जनवरी 2025 को होगी. आज रहीम की रिहाई तय करने के लिए पांचवां कोर्ट सेशन था. रियाद क्रिमिनल कोर्ट ने पहले तकनीकी कारणों से 12 दिसंबर को मामले को स्थगित कर दिया था और आज की सुनवाई भी बिना किसी समाधान के समाप्त हो गई.
1.5 करोड़ सऊदी रियाल (34 करोड़ से अधिक भारतीय रुपये) के मुआवजे के भुगतान और रहीम को मौत की सजा से बख्शने के कोर्ट के फैसले के बावजूद, उनकी रिहाई को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है. मामला अभी भी अनसुलझे कानूनी मुद्दों में उलझा हुआ है, जिससे कानूनी प्रक्रिया लंबी हो रही है.
परिवार ने त्वरित कार्रवाई का आग्रह किया
अब्दुल रहीम की मां फातिमा ने लगातार हो रही देरी पर अपनी नाराजगी जाहिर की है और अपने बेटे को घर वापस लाने के लिए त्वरित कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने लगातार हो रही देरी के पीछे के कारणों पर चिंता जताई और मामले का त्वरित समाधान करने की मांग की.
क्या है मामला?
बता दें कि अब्दुल रहीम 2006 से सऊदी अरब की जेल में बंद हैं. उन्हें 15 साल के सऊदी लड़के फैज की अनजाने में हुई मौत मामले में गिरफ्तार किया गया था. रहीम ड्राइवर वीजा पर सऊदी अरब गए था और उन्हें फैज की देखभाल करने वाले के रूप में काम करता था, जो गर्दन से नीचे लकवाग्रस्त था.
24 दिसंबर 2006 को फैज को कार में ले जाते समय, रहीम का हाथ गलती से फीडिंग डिवाइस में उलझ गया, जिससे फैज उस समय बेहोश हो गया, और बाद में उसकी मौत हो गई. रहीम को हत्या के आरोप में गिरफ़्तार किया गया और उसे मौत की सज़ा सुनाई गई.