नई दिल्ली: दिल्ली और पंजाब में सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी अब हरियाणा में भी पूरे दम-खम के साथ विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है. हालांकि, पिछले महीने संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी को हरियाणा में आशानुरूप परिणाम नहीं मिला था. बावजूद इसी साल होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में से सिर्फ हरियाणा की 90 सीटों पर पार्टी ने फोकस करने का फैसला किया है.
सूचना है कि AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल शनिवार को हरियाणा के लिए ''केजरीवाल की गारंटी" जारी करेंगी. वह पंचकूला में टाउन हॉल मीटिंग में हरियाणा के लिए पार्टी का चुनावी घोषणापत्र जारी करेंगी. AAP के शीर्ष नेताओं का मानना है कि दिल्ली मॉडल की देश में चर्चा है. ऐसे में पड़ोसी राज्य के लोग बखूबी आम आदमी पार्टी की कार्यप्रणाली, सरकार चलाने के तरीके से वाकिफ हैं. इसलिए दिल्ली से दूरदराज के राज्यों की बजाय पड़ोसी राज्य हरियाणा में चुनाव बेहतर तरीके से लरा जाए तो नतीजा पक्ष में आ सकते हैं.
राज्यसभा सांसद एवं राष्ट्रीय संगठन महामंत्री डॉ. संदीप पाठक ने यह स्पष्ट कर दिया कि बिना समय गंवाए आप कार्यकर्ता चुनावी तैयारियों में जुट जाएं. हरियाणा की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने के फैसले के तुरंत बाद 20 जुलाई को आम आदमी पार्टी टाउनहॉल मीटिंग कर हरियाणा की जनता के लिए “केजरीवाल की गारंटी” की घोषणा करेगी.
संजय सिंह ने हरियाणा की बीजेपी सरकार को घेरा:आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भले ही जेल में हैं, लेकिन संगठन का नेतृत्व कर रहे अन्य नेताओं को उन्होंने चुनाव की तैयारियां और उसे ठीक तरह से अमल में लाने का निर्देश दिया है. राज्यसभा सांसद संजय सिंह का कहना है कि पार्टी हरियाणा में पूरी मजबूती के साथ चुनाव लड़ेगी. ये निर्णय इसलिए किया क्योंकि हरियाणा की जनता ने सभी पार्टियों का शासन देखा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार पिछले 10 साल से हरियाणा में डबल इंजन की सरकार चल रही है. लेकिन पिछले 10 साल में इस डबल इंजन की सरकार ने हरियाणा को क्या दिया है, ये बहुत महत्वपूर्ण सवाल है. उन्होंने कहा बीजेपी ने इस समय जो देश की हालत कर रखी है, खट्टर साहब का इंजन बदलकर सैनी साहब का इंजन लेकर आए हैं. लेकिन जनता सब जानती है वो से चुनाव में इनको जवाब देगी.
AAP के लिए हरियाणा आसान नहीं:वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक नवीन गौतम का कहना है कि आम आदमी पार्टी के लिए दिल्ली और पंजाब की तरह यहां सीटें जीतना आसान नहीं है. हरियाणा का अलग मिजाज है. हरियाणा को जाट लैंड कहा जाता है. मौजूदा परिदृश्य में बीजेपी को टक्कर देने में कांग्रेस की स्थिति बेहतर है. आम आदमी पार्टी को यहां काफी मेहनत करनी होगी.
बता दें कि दिल्ली और पंजाब के बाद अभी तक आम आदमी पार्टी का गुजरात में प्रदर्शन बेहतर रहा है. दिसंबर 2022 में गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 14 फीसद वोट मिला था, तब से आम आदमी पार्टी चुनाव आयोग द्वारा प्रमाणित राष्ट्रीय पार्टी है. दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है, 5 विधायक गुजरात और 2 विधायक गोवा में हैं. इसके बाद अब पार्टी हरियाणा में दम-खम से चुनाव लड़ने जा रही है.