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पुरी रत्न भंडार खोलने पर 9 जुलाई को लिया जा सकता है फैसला: न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ - Puri Ratna Bhandaar - PURI RATNA BHANDAAR

ओडिशा के पुरी जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार को खोलने को लेकर काफी समय से विचार चल रहा है. अब जानकारी सामने आ रही है कि रत्न भंडार को खोलने का निर्णय 9 जुलाई को लिया जा सकता है.

High level meeting to open Ratna Bhandar
रत्न भंडार खोलने के लिए उच्च स्तरीय बैठक (फोटो - ETV Bharat Odisha Desk)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 6, 2024, 4:46 PM IST

Updated : Jul 6, 2024, 6:07 PM IST

पुरी: ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार को खोलने की खबर कई दिनों से मीडिया में चल रही हैं. पहले जानकारी सामने आई थी कि रत्न भंडार को आगामी 8 जुलाई को खोला जाएगा, लेकिन अब ताजा जानकारी की माने तो रत्न भंडार को खोलने की तारीख का फैसला 9 जुलाई को लिया जा सकता है.

यह जानकारी रत्न भंडार को फिर से खोलने की निगरानी के लिए गठित समिति का नेतृत्व कर रहे न्यायमूर्ति बिस्वनाथ रथ ने शनिवार को दी. न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ ने कहा कि रत्न भंडार कब खुलेगा, इस पर 9 जुलाई को निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकारी खजाने में रत्न भंडार की डुप्लीकेट चाबी है.

न्यायमूर्ति ने कहा कि श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन के मुख्य प्रशासक को समिति की अगली बैठक में चाबी पेश करने को कहा गया है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर चाबी से ताला नहीं खुला तो उसे तोड़ दिया जाएगा. इस संबंध में पूरी प्रक्रिया के बारे में एसओपी सरकार के समक्ष पेश की जाएगी.

इससे पहले, कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि समिति द्वारा लिया गया निर्णय सरकार को स्वीकार्य है. उन्होंने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि समिति की अध्यक्षता उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश कर रहे हैं. वे जो भी निर्णय लेंगे, वह सरकार पर निर्भर है. हम समिति के सभी निर्णयों का पालन करेंगे.

वहीं दूसरी ओर पुरी गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने समिति के गठन के बारे में अनभिज्ञता जाहिर की. शंकराचार्य ने खेद व्यक्त किया कि इस मामले में किसी ने उनसे कुछ नहीं पूछा. स्वामी निश्चलानंद सरस्वती शनिवार को रथ यात्रा में शामिल होने के लिए तीर्थ नगरी पहुंचे. पवित्र नगरी पहुंचने के बाद उन्होंने रत्न भंडार मुद्दे पर मीडिया के सवालों का जवाब दिया.

उन्होंने कहा कि 'सुप्रीम कोर्ट ने कोई भी कदम उठाने से पहले शंकराचार्य से परामर्श करने का आदेश दिया है. मेरी मौजूदगी में कोई बैठक नहीं हुई और न ही मुझे कोई जानकारी दी गई. फिर मैं सलाह कैसे दे सकता हूं? मुझे समिति के बारे में कोई जानकारी नहीं है और न ही इसका गठन क्यों किया गया है. समिति के गठन पर मेरी राय जानने के लिए किसी ने मुझसे संपर्क किया. चूंकि मुझे समिति के बारे में कोई जानकारी नहीं है, इसलिए मुझे इस संबंध में कुछ नहीं कहना है.'

Last Updated : Jul 6, 2024, 6:07 PM IST

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