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BPSC परीक्षा विवाद: हक के लिए सर्दी में संघर्ष करते छात्र, आखिर किस बात का डर? - BPSC RE EXAM FOR ALL

70वीं बीपीएससी परीक्षा पर छात्रों ने सवाल खड़े किए हैं. इसपर राजनीति भी धुंआधार हो रही है. सवाल है कि 1 जनवरी को क्या होगा?

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70वीं बीपीएससी पेपर रद्द करने की मांग (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 26, 2024, 10:51 PM IST

पटना: ''क्या रखा है किताबी संसार में, बिना पढ़ें टॉप करें बिहार में.'' प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों के बैनर पर लिखे ये शब्द 70वीं बीपीएससी परीक्षा पर सवाल खड़े करते हैं. 4 जनवरी को हो रही परीक्षा को रद्द कराने के लिए अभ्यर्थी विरोध में अब भी डटे हुए है. जैसे-जैसे पारा लुढ़क रहा है, वैसे-वैसे बीपीएससी अभ्यर्थियों के आंदोलन की गरमी सियासी शोला बनती जा रही है.

70वीं बीपीएससी पेपर रद्द करने की मांग: बापू सभागार में हंगामे के बाद 70वीं बीपीएससी की परीक्षा 12 हजार छात्रों के लिए दोबारा आयोजित हो रही है. लेकिन अन्य अभ्यर्थी जो पहले परीक्षा दे चुके हैं वो दोबारा हो रही परीक्षा पर प्रश्न-चिह्न लगा रहे हैं. उनका मानना है कि परीक्षा हो तो सभी की फिर से हो.

70वीं बीपीएससी पेपर रद्द करने की मांग (ETV Bharat)

आंदोलन का 9वां दिन : गर्दनीबाग में 18 दिसंबर से चल रहे बीपीएससी अभ्यर्थी हाथों में पोस्टर लेकर बीपीएससी के अधिकारियों और बिहार सरकार से अपना हक मांग रहे हैं. उनका कहना है कि परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक होने और आयोग की व्यवस्था में खामियों के कारण उनका भविष्य दांव पर लगा हुआ है.

चांदनी को न्याय की उम्मीद : नवादा की चांदनी कुमारी का कहना है कि बीपीएससी परीक्षा की तैयारी में दबाव तो होता है ही, लेकिन उससे भी बड़ा दबाव यह है कि कहीं परीक्षा में कोई गड़बड़ी तो नहीं हो जाएगी. चांदनी और उनके साथी छात्र चाहते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस समस्या की पूरी जानकारी मिले और छात्रों के संघर्ष का समाधान निकाला जाए.

बिहार लोक सेवा आयोग (ETV Bharat)

"नीतीश चाचा जरूर सुनेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सही बात की जानकारी नहीं दी जा रही है. हम लोगों को इस बात का दुख है कि हक की लड़ाई में छात्र साथ नहीं दे रहे हैं. ऑनलाइन सारी जानकारी उन लोगों को है लेकिन आंदोलन में छात्रों को और मदद नहीं कर रहे. मेरी अपील है कि वो लोग भी मदद करें.''-चांदनी कुमारी, धरना दे रही अभ्यर्थी

'सड़क पर बैठकर न्याय मांग रहे हैं' : पश्चिम चंपारण के संदीप गिरी, जो पिछले सात वर्षों से बीपीएससी की तैयारी कर रहे थे, अब इस आंदोलन में शामिल हैं. वे बताते हैं कि उनके पिता की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, फिर भी उन्होंने अपनी मेहनत और ट्यूशन के जरिये पटना में अपनी पढ़ाई की. संदीप कहते हैं, “अब लगता है कि पढ़ाई छोड़नी पड़ेगी. पहले प्रश्न पत्र लीक हुआ, फिर अब 70वीं परीक्षा में भी यही हुआ.” उनका सपना था कि वे अधिकारी बनेंगे, लेकिन आज सड़क पर बैठकर न्याय की गुहार लगा रहे हैं.

शिक्षा सत्याग्रह करते छात्र (ETV Bharat)

पिता का सपना और संघर्ष : रवीश कुमार, जो गया से हैं, का सपना था कि वे अधिकारी बनकर अपने पिता का सपना पूरा करेंगे. रवीश के पिता एक किसान हैं और उन्होंने सीमित संसाधनों में रवीश को पटना भेजा, ताकि वह पढ़ाई में अच्छा कर सके. तीन वर्षों से वह बीपीएससी की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन अब उनका आत्मविश्वास कमजोर हो रहा है. रवीश कहते हैं, ''हमारे पास जो थोड़ा सा पैसा था, वही पढ़ाई और भोजन में खर्च हो गया. अब हमारे सपने इस तरह टूटते हुए दिखाई दे रहे हैं''

"पटना में रहकर पढ़ाई करने के लिए पिताजी 4000रु महीना भेजते हैं. इसी पैसे में रहना, खाना किताब खरीदना सब कुछ करना पड़ रहा है. सोचे थे की मेहनत करके अधिकारी बनेंगे तो पिताजी का सपना पूरा होगा. वैसी स्थिति में रहकर पढ़ाई कर रहे लेकिन उनके सपनों को और उनके परिवार वालों के सपनों को मारा जा रहा है. हम लोग छात्र हैं कोई उपद्रवी नहीं.''- रवीश कुमार राज, अनशन पर बैठा अभ्यर्थी

सोनू को श्रद्धांजलि देते प्रदर्शनकारी छात्र (ETV Bharat)

बापू परीक्षा केंद्र पर देर से क्यों मिला पेपर?: पिछले 9 दिनों से अनशन पर बैठे डेहरी ऑन सोन के रहने वाले हिमांशु राय का कहना है कि उन लोगों के साथ इंसाफ नहीं हो रहा. बापू परीक्षा केंद्र पर उन लोगों का सेंटर था. आयोग का कहना था कि केंद्र पर प्रश्न पत्र पहले से पहुंच गया था जब पहले पहुंच गया तो छात्रों को समय पर प्रश्न पत्र क्यों नहीं मिला?

"एक पोस्ट के लिए दो एग्जाम क्यों दें. आयोग दो परीक्षा ले रहा है तो उसका आधार क्या होगा कितना कटऑफ पर रिजल्ट जारी होगा. इन्हीं मांगों को लेकर कल आयोग कार्यालय गए थे बदले में बुरी तरीके से पिटाई हुई. आखिर अपनी मांग किसके पास लेकर जाएं. जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होती हम लोग यहीं बैठे रहेंगे चाहे हम लोगों की जान क्यों नहीं चली जाए.''- हिमांशु राय, अनशन कर रहा अभ्यर्थी

धरना स्थल पर ठंड में ठिठुरते छात्र (ETV Bharat)

BPSC पर राहुल गांधी की चेतावनी: बीपीएससी अभ्यर्थियों के इस आंदोलन को अब राजनीतिक समर्थन भी मिल रहा है. विपक्षी दलों की ओर से राहुल गांधी ने छात्रों के समर्थन में ट्वीट किया और संज्ञा दी कि जिस तरह से एकलव्य का अंगूठा काटा गया ठीक वैसे ही पेपर लीक कराकर अभ्यर्थियों का अंगूठा काटा जा रहा है. उन्होंने आश्वस्त किया कि उनकी पार्टी बीपीएससी अभ्यर्थियों की मांगों के साथ खड़ी है.

तेजस्वी और लालू यादव ने खोला मोर्चा : विपक्षी नेता तेजस्वी यादव और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भी छात्रों के समर्थन में आवाज उठाई है. तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री से परीक्षा रद्द करने की अपील की है, जबकि पप्पू यादव ने 1 जनवरी को बिहार बंद का एलान किया है.

दो दिन धरने में शामिल हुए पप्पू यादव : पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव भी बीपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में खुलकर सामने आ गए.ठंढ में धरना दे रहे छात्रों के साथ वे भी धरना स्थल पर रात भर डटे रहे. इसके बाद भी वह एक और रात अभ्यर्थियों के साथ धरना स्थल पर बिताया.

सांसद पप्पू यादव का बीपीएससी से सवाल: पप्पू यादव ने छात्रों के मांग का समर्थन करते हुए पूरी परीक्षा को रद्द करने की मांग की. उन्होंने बिहार कर्मचारी चयन आयोग पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि हर बार प्रश्न पत्र लीक होती है और आयोग चुप रहता है. पप्पू यादव ने मांग की कि जब 12000 परीक्षार्थियों का री एग्जाम लिया जा रहा है तो पूरी परीक्षा क्यों नहीं रद्द कर दी जा रही.

शिक्षा सत्याग्रह करते छात्र (ETV Bharat)

सरकार को पप्पू की चेतावनी : पप्पू यादव ने एक कदम बढ़कर 1 जनवरी को बिहार बंद का आह्वान कर दिया. उनकी ओर से कहा गया कि छात्रों की बातें नहीं मानी गई तो 1 जनवरी को बिहार बंद होगा. हालांकि आयोग ने परीक्षा को लेकर तारीख जारी कर दी है. बापू परीक्षाकेन्द्र के अभ्यर्थियों की परीक्षा 4 जनवरी को ही होगी. पूरे पेपर को रद्द करने से बीपीएससी ने इंकार किया है. बिहार लोक सेवा आयोग का दावा है कि पेपर लीक नहीं हुआ, गड़बड़ी बापू केंद्र पर हुई इसलिए सिर्फ उसी सेंटर की परीक्षा दोबारा होगी.

क्या कहता है पुलिस और प्रशासन?: 70 वीं BPSC की परीक्षा के दौरान हुए हंगामे पर चौंकाने वाले खुलासे हुए. पटना के DM डॉ चंद्रशेखर सिंह ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी, जिसमें जिला प्रशासन ने एक CCTV फुटेज भी जारी किया था, जो बापू परीक्षा भवन का बताया गया. वीडियो में साफ दिख रहा था कि छात्र परीक्षा केंद्र पर बवाल कर रहे हैं. डीएम का आरोप था कि ये सब एक साजिश के तहत किया गया था. इन सबके खिलाफ 25 दिसंबर को छात्र गर्दनीबाग में धरने पर बैठे थे जिन्हें हल्का बल प्रयोग कर हटाया गया.

प्रदर्शनकारी छात्रों का बैनर (ETV Bharat)

''25 दिसंबर को निर्धारित धरना स्थल गर्दनीबाग से दूर नेहरू पथ पर बीपीएससी कार्यालय के निकट प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश कर प्रदर्शन किया जा रहा था. वापस धरना स्थल पर जाने का बार-बार अनुरोध करने पर भी वे नहीं माने और कुछ लोग वहीं धरने पर बैठ गये, जिन्हें हल्का बल प्रयोग कर वहां से हटाया गया है. प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश कर विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न करने, अफ़वाह फैलाने और लोगों को उकसाने वालों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है."- डॉ अनु कुमारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, सचिवालय

नॉर्मलाइजेशन को लेकर छात्रों में नाराजगी : 70वीं BPSC परीक्षा को लेकर परीक्षार्थी में पहले से नाराजगी थी. पटना में 6 दिसंबर को BPSC की परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन को लागू करने को लेकर अभ्यर्थियों ने बिहार लोक सेवा आयोग के दफ्तर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस ने उनके ऊपर लाठीचार्ज किया.

अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज करती पुलिस (ETV Bharat)

क्या था पूरा मामला: 2031 पदों के लिए 4 लाख 80 हजार परीक्षार्थी बीएससी की परीक्षा में आवेदन किया था. 13 दिसंबर को बिहार के 36 जिलों के 912 केंद्रों पर 70वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा हुई थी. पटना कुम्हरार स्थित बापू परीक्षा केंद्र पर 12000 परीक्षार्थी परीक्षा में बैठे थे. परीक्षा के दौरान कुछ अभ्यर्थियों ने बापू परीक्षा केंद्र पर विरोध प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि दोपहर 1 बजे के बाद प्रश्नपत्र वायरल हो गया.

बापू सभागार के परीक्षाकेंद्र में हुआ था हंगामा : इसको लेकर छात्रों में आक्रोश हुआ बापू सभागार स्थित परीक्षा केंद्र पर हंगामा भी हुआ. इसी हंगामा के बीच एक वीडियो चर्चा में रहा कि पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने एक अभ्यर्थी को थप्पड़ मारा था.बापू परीक्षा केंद्र पर 12 हजार छात्रों की परीक्षा थी.

इसलिए लगा धांधली का आरोप: परीक्षा के बाद लगभग 5200 ओएमआर शीट आयोग को प्राप्त हुई. हालांकि, हंगामे की वजह से हजार से अधिक अभ्यर्थियों को परीक्षा कक्ष में मौजूद होने के बावजूद ओएमआर शीट नहीं मिली थी. इसी को लेकर छात्रों की मांग थी की परीक्षा में धांधली हुई है और इस परीक्षा को रद्द किया जाए.

''यहां आकर एक बार सभी मुद्दों पर बात कर ली जाए यदि हम लोग गलत साबित हुए तो अपना आंदोलन वापस ले लेंगे नहीं तो यदि बीपीएससी की गलती होगी तो छात्रों की मांग उनको माननी पड़ेगी. उन लोगों के पास कई ऐसे प्रमाण हैं जिससे साबित होता है कि 70वीं बीपीएससी परीक्षा में धांधली हुई है. यदि यदि आयोग ने चार जनवरी को एग्जाम लिया तो यह मामला कोर्ट में जाएगा और परीक्षा रद्द होगी.''- रमांशु, छात्र नेता

बीपीएससी के छात्रों की प्रमुख मांगें

70वीं बीपीएससी परीक्षा को रद्द किया जाए :छात्रों का कहना है कि इस परीक्षा में कई अनियमितताएं हुईं, जैसे कि प्रश्न पत्र लीक होना और परीक्षा केंद्रों पर व्यवस्था में गड़बड़ी. इसलिए वे पूरी परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं.

नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया का विरोध:70वीं बीपीएससी परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन प्रणाली लागू की गई थी, जिसे छात्रों ने गलत और अत्यधिक जटिल बताया है. वे इसकी समीक्षा और हटाने की मांग कर रहे हैं.

पूरे राज्य में परीक्षा का पुनः आयोजन:छात्रों का कहना है कि सिर्फ एक परीक्षा केंद्र की परीक्षा रद्द नहीं होनी चाहिए, बल्कि पूरे बिहार में गड़बड़ी को ध्यान में रखते हुए पूरी परीक्षा को रद्द किया जाए और फिर से आयोजित किया जाए.

बीपीएससी परीक्षा की पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए:छात्रों ने आयोग से यह अपील की है कि परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाएं ताकि भविष्य में इस तरह की गड़बड़ियों की पुनरावृत्ति न हो.

मानसिक दबाव से छात्रों को राहत दी जाए:छात्रों का कहना है कि परीक्षा की तैयारी के दौरान उन पर अत्यधिक मानसिक दबाव डाला जाता है, और उन्हें मानसिक स्वास्थ्य समर्थन की आवश्यकता है.

प्रश्न पत्र की लीकिंग और अन्य धांधलियों पर कार्रवाई:छात्र यह मांग कर रहे हैं कि जिन केंद्रों पर प्रश्न पत्र लीक हुआ, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और दोषियों को सजा दी जाए.

आयोग के अधिकारियों से संवाद की मांग:छात्रों ने बीपीएससी के अध्यक्ष और अधिकारियों से मांग की है कि वे उनके साथ बातचीत करें और उनकी समस्याओं का समाधान करें.

प्रदर्शन के दौरान पुलिस लाठीचार्ज की निंदा:छात्रों का कहना है कि जब वे अपने अधिकारों के लिए प्रदर्शन कर रहे थे, तब पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया, जिसकी वे निंदा कर रहे हैं. वे चाहते हैं कि इस तरह की कार्रवाई बंद हो.

छात्रों के सवाल? : 12000 परीक्षार्थियों की अलग से परीक्षा होगी तो उनका मूल्यांकन किस तरह और किस आधार पर होगा, छात्रों को डर है कि कहीं बैक डोर से नॉर्मलाइजेशन न लागू हो जाए. लेकिन यहां बता देना जरूरी है कि लोक सेवा आयोग ने 70वीं बीपीएससी की परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन लागू नहीं करने की बात कही है. इसलिए भ्रम की स्थिति नहीं होनी चाहिए. छात्रों की इस दुविधा को आयोग द्वारा क्लियर करना चाहिए.

1 जनवरी को क्या होगा? : क्या नए साल में छात्र आंदोलन में जाएंगे? या फिर उससे पहले सरकार और प्रशासनिक स्तर पर हल निकाल लिया जाएगा? छात्रों के मन में जो सवाल हैं उसका समाधान आखिर किस तरह होगा. सब कुछ समय पर है निर्भर है. फिलहाल इस मुद्दे पर सियासत भी साथ-साथ चल रही है.

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