देहरादून: उत्तराखंड चारधाम की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. वर्तमान स्थिति यह है कि मौतों का आंकड़ा 56 तक पहुंच चुका है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अभी तक जितनी भी श्रद्धालुओं की मौतें हुई हैं, वो चारधाम यात्रा मार्ग पर ही हुई हैं. बीते 24 घंटे की बात की जाए तो केदारनाथ में चार श्रद्धालुओं की मौत हुई है. हालांकि, अब चारधाम यात्रा मार्ग पर व्यवस्थाओं को बेहरत करने में सरकारी अमला जोर-शोर से जुटा हुआ है.
इस बार की चारधाम यात्रा सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन रखी है. एक तरफ जहां सरकार चारधाम में भीड़ को नियंत्रित करने में लगी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ श्रद्धालुओं की मौतों का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है. दस मई को शुरू हुई चारधाम यात्रा में अभीतक 56 लोगों की मौत हो चुकी है.
सरकार ने जारी किया आंकड़ा:राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, 25 मई को सुबह 10.30 बजे तक 56 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है, जिसमे से सबसे अधिक केदारनाथ धाम में 27, बदरीनाथ धाम में 14, यमुनोत्री धाम में 12 और गंगोत्री धाम में 3 श्रद्धालुओं की मौत हुई है.
Death Ratio में आ रही कमी:बता दें कि, साल 2023 में चारधाम यात्रा के दौरान भी करीब 250 श्रद्धालुओं की मौत हुई थी. साल 2023 के Death Ratio की बात की जाए तो 4.5 प्रति लाख था. वहीं साल 2022 में Death Ratio 7.5 प्रति लाख था. इस तरह देखा जाए तो हर साल चारधाम यात्रा में मरने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा कम होता जा रहा है. इस साल अभीतक के Death Ratio की बात की जाए तो वो 0.6 प्रति लाख है.
25 फीसदी अधिक मेडिकल स्टाफ को तैनात किया गया: उत्तराखंड के स्वास्थ्य महानिदेशक डॉक्टर विनीता शाह ने बताया कि चारधाम यात्रा में बीते साल के मुकाबले इस वर्ष 25 फीसदी अधिक मेडिकल स्टाफ को तैनात किया गया है. चारधाम यात्रा के दौरान बीते साल जिस तरह के मामले सामने आए थे, उनको ध्यान में रखते हुए ही मेडिकल स्टाफ को इस बार ट्रेनिंग दी गई है और उसके बाद ही फिल्ड में भेजा गया है. स्वास्थ्य महानिदेशक शाह ने दावा किया है कि चारधाम यात्रा के लिए पर्याप्त मात्रा में मेडिकल स्टाफ है.