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56 साल बाद घर पहुंचेगा नारायण सिंह का पार्थिव शरीर, 1968 वायु सेना प्लेन क्रैश में हुए थे शहीद - 1968 Air Force plane crash

Narayan Singh body recovered after 56 year, Uttarakhand Latest News, Chamoli Latest News: विमान हादसे में शहीद हुए उत्तराखंड के जवान नारायण सिंह का पार्थिव शरीर करीब 56 साल बाद अपने गांव पहुंचेगा. इसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. इस घटना ने परिवार के 56 साल पुराने जख्म को फिर से हरा कर दिया.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 1, 2024, 10:35 PM IST

Updated : Oct 1, 2024, 11:03 PM IST

चमोली: भारतीय वायुसेना का एएन-12 विमान आज से करीब 56 साल पहले 1968 में हिमाचल में रोहतांग दर्रे के पास क्रैश हो गया था, जिसमें करीब 102 लोग सवार थे. इस हादसे में शहीद हुए जवानों के पार्थिव शरीर अभीतक नहीं मिले है. हालांकि अब करीब 56 साल बाद चारों जवानों के पार्थिव शरीर मिले, जिनमें से एक उत्तराखंड के चमोली जिले के नारायण सिंह का है. नारायण सिंह का पार्थिव शरीर करीब 56 साल बाद अपने घर पहुंचेगा, जहां सैन्य सम्मान के साथ नारायण सिंह का अंतिम संस्कार किया जाएगा.

नारायण सिंह का परिवार चमोली जिले के कोलपूडी गांव में रहता हैं. कोलपूडी गांव के ग्राम प्रधान जयवीर सिंह, नारायण सिंह के भतीजे है. उन्होंने बताया कि उनके ताऊ नारायण सिंह शादी साल 1962 में बसंती देवी से हुई थी. तब बसंती देवी की उम्र करीब 9 साल थी. साल 1968 में नारायण सिंह का विमान हादसे में शहीद हो गए थे.

जयवीर सिंह ने बताया कि बसंती देवी को उम्मीद थी कि उनके पति जरूर घर लौटेंगे, लेकिन वक्त बीतने के साथ उम्मीद भी खत्म होती चली. नारायण सिंह के वापस आने की उम्मीद छोड़ चुके परिजनों ने बसंती देवी की शादी भवान सिंह से करा दी. भवान सिंह, नारायण सिंह के छोटे भाई है और जयवीर सिंह के पिता है.

जयवीर सिंह ने बताया कि सेना की तरफ से अभी तक बसंती देवी को कोई सुविधा नहीं मिली है. जयवीर सिंह के मुताबिक नारायण सिंह का पार्थिव शरीर गुरुवार तक गांव पहुंचेगा. उसके बाद ही सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगाय

बता दें कि सात फरवरी 1968 को भारतीय वायुसेना का AN -12-BL-534 विमान चंडीगढ़ से लेह के लिए उड़ान भरी थी. विमाग में भारतीय सेना के कई जवान सवार थे, लेकिन बीच रास्ते में ही रोहतांग दर्रे के पास विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. विमान सवार सभी 102 जवान शहीद हो गए थे. जिनकी तलाश में सेना में काफी लंबे समय तक सर्च ऑपरेशन चला रही है. इससे पहले 2003 में भी पांच जवानों के पार्थिव शरीर मिले थे. साल 2018 में भी एक जवान का पार्थिव शरीर बरामद हुआ था. वहीं अब 56 साल बाद चार और जवानों के पार्थिव शरीर मिले है.

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Last Updated : Oct 1, 2024, 11:03 PM IST

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