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بابری مسجد گرانے والے کا اعتراف جرم - سی بی آئی

بابری مسجد کو مسمار کرنے کے کیس میں راجستھان کے بیکانیر سے تعلق رکھنے والے ستیہ نارائن ویاس عرف گنا مہاراج بھی سی بی آئی کی موسٹ وانٹیڈ لسٹ میں شامل ہیں مگر اب تک سی بی آئی گنا مہاراج کو گرفتار نہیں کر سکی ہے۔

بابری مسجد گرانے والے کا اعتراف جرم
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Published : Jul 6, 2019, 9:23 PM IST

بابری مسجد کو مسمار کرنے کے کیس میں سی بی آئی کو مطلوب لوگوں میں شامل گنا مہاراج نے ای ٹی وی بھارت سے بات چیت کی۔

بابری مسجد گرانے والے کا اعتراف جرم

انہوں نے کہا کہ 'میں راجستھان کے بیکانیر کا ہوں۔ میں 6 دسمبر 1992 میں بابری مسجد توڑنے والا ستیہ نارائن ویاس ہوں۔ اس سلسلے میرے خلاف سی بی آئی جانچ جاری ہے لیکن مجھے کسی کا ڈر نہیں ہے۔ میں مندر بنانے کے لیے آتا ہوں اور آتا رہوں گا۔'

جب ان سے سوال کیا گیا کہ سی بی آئی انہیں کیوں نہیں پکڑ پا رہی ہے تو انہوں نے کہا کہ 'سی بی آئی کو میں نہیں مل رہا ہوں۔'

بابری مسجد کو مسمار کرنے کے کیس میں سی بی آئی کو مطلوب لوگوں میں شامل گنا مہاراج نے ای ٹی وی بھارت سے بات چیت کی۔

بابری مسجد گرانے والے کا اعتراف جرم

انہوں نے کہا کہ 'میں راجستھان کے بیکانیر کا ہوں۔ میں 6 دسمبر 1992 میں بابری مسجد توڑنے والا ستیہ نارائن ویاس ہوں۔ اس سلسلے میرے خلاف سی بی آئی جانچ جاری ہے لیکن مجھے کسی کا ڈر نہیں ہے۔ میں مندر بنانے کے لیے آتا ہوں اور آتا رہوں گا۔'

جب ان سے سوال کیا گیا کہ سی بی آئی انہیں کیوں نہیں پکڑ پا رہی ہے تو انہوں نے کہا کہ 'سی بی آئی کو میں نہیں مل رہا ہوں۔'

Intro:8808540402 दिनेश मिश्रा अयोध्या. 1992 में अयोध्या में विवादित ढांचे को गिराने का बहुचर्चित केस आज भी चल रहा है श्री राम जन्मभूमि में इसी मामले को लेकर के मंदिर बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक टीम का गठन किया है. वहीं ढांचे को गिराने के मामले में जिन लोगों की तलाश सीबीआई को 1992 से है, उनमें से सीबीआई का मोस्ट वांटेड अयोध्या में राम जन्मभूमि के दर्शन करके लौटते वक्त एक चाय की दुकान पर मिला ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान सत्य नारायण व्यास उर्फ गन्ना महाराज ने बताया कि, वो बीकानेर राजस्थान के रहने वाले हैं। जब 16 साल के थे तब बजरंग दल के कट्टर और दबंग कार्यकर्ता थे वह बजरंग दल के साथ 1992 में अयोध्या ढांचे को गिराने आए थे और पूरी व्यवस्था हथियारों और 1000 और प्लानिंग के साथ उन्होंने उसे गिराया सीबीआई लगातार 92 से मुझे ढूंढ रही है लेकिन प्रभु राम की कृपा है और हनुमान जी का आशीर्वाद है आज तक मुझे पकड़ नहीं पाई।


Body:अयोध्या में रामजन्म भूमि का मुद्दा सालों से कोर्ट में है। सीबीआई के मोस्ट वांटेड गन्ना महाराज ने बताया कि, बीकानेर राजस्थान के रहने वाले हैं जब वह 16 साल के थे उस वक्त बजरंग दल के सक्रिय कार्यकर्ता थे और हिंदूवादी विचारधारा हमेशा से रही है सनातन धर्म के अनुयाई हैं। इस वजह से 1990 में जो गोली कांड हुआ था, उससे मैं काफी आहत हुआ और यही कारण था कि, जब देश भर से कार सेवकों का आव्हान हुआ, तो मैं भी उनके साथ आया। 1992 को जब वो ढांचा गिराया जाना था, तब मेरे अंदर बहुत जोश था, मुझे 12 तेज़ लड़को का लीडर बनाया गया, जिसमे 2 के पास भगवा ध्वज लहराने की जिम्मेदारी भी थी। हम गुम्बद पर चढ़ गए दो लड़कों ने भगवा ध्वज लहराया और बाकी हम सब उसे तोड़कर गिराने में जुट गए थे। देखते ही देखते कुछ ही देर में वहां सब मिट्टी हो गया। उसी वक़्त ढांचा जब गिर रहा था, उसी वक़्त मेरा पैर भी ढांचे में फिसल गया, जिससे मैं नीचे गिर गया। उसके बाद मैं फैज़ाबाद के जिला अस्पताल में भर्ती था। 2 दिन बाद डिस्चार्ज किया गया। उसके बाद जब केस चला तो सीबीआई ने जगह जगह छापेमारी की। लेकिन भगवान राम की कृपा है कि आजतक पकड़ा नहीं गया हूँ। हर साल 6 दिसंबर और 5जुलाई को राम मंदिर बनने की आस में दर्शन करने आता हूँ। आजतक किसी से कुछ नहीं बताया। वरना आज़ाद रहकर भगवान राम के दर्शन नहीं हो पाते।


Conclusion:ऐसे सीबीआई के मोस्ट वांटेड लिस्ट में शुमार गन्ना महाराज को CBI भले न पकड़ पाई हो, लेकिन आज अयोध्या में ईटीवी भारत की टीम ने खोज निकाला।
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