طلبہ کی جانب سے دیے گئے جوابات بیحد حیران کن تھے۔
ایک طالب علم کا کہنا تھا:' ایسے وقت میں جب ملک کے وزیر اعظم مزدور کے حقوق کی بات کرتے ہیں، ملک میں مزدوروں کے ایک طبقہ کو آج بھی دو وقت کی روٹی نصیب نہیں ہوتی'۔
یوم مزدور سے نئی نسل کتنی آشنا ہے؟ - یوم مزدور کے بارے میں دہلی یونیورسٹی کے طلبا کی رائے
یوم مزدور کے موقعے سےای ٹی بھارت نے دہلی یونیورسٹی کے طلبا سے بات کی اور انکی رائےجاننے کی کوسش کی۔
یوم مزدور کے بارے میں دہلی یونیورسٹی کے طلبا کی رائے
طلبہ کی جانب سے دیے گئے جوابات بیحد حیران کن تھے۔
ایک طالب علم کا کہنا تھا:' ایسے وقت میں جب ملک کے وزیر اعظم مزدور کے حقوق کی بات کرتے ہیں، ملک میں مزدوروں کے ایک طبقہ کو آج بھی دو وقت کی روٹی نصیب نہیں ہوتی'۔
Intro:कहा जाता है कि बच्चे देश का भविष्य होते हैं इन्हीं के हाथ में देश को आगे ले जाने की ज़िम्मेदारी होने बात कही जाती है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए हुए ईटीवी भारत ने दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ रहे छात्रों से एक मई यानि मजदूर दिवस के बारे कितना बच्चे जानते हैं और कब मनाया जाता है को लेकर युवाओं से सवाल किया. जिसपर जाने को मिला कि करीब 70 फीसदी युवाओं को पता ही नहीं है कि मजदूर दिवस कब, क्यों और किस वजह से मनाया जाता है.
Body:वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय की एक छात्रा से जब पूछा कि मजदूर दिवस कब, क्यों और किस वजह से मनाया जाता है उसपर छात्रा ने एक शब्द में जवाब देते हुए कहा कि नहीं पता है कि मजदूर दिवस कब और क्यों मनाया जाता है. यह हाल केवल एक छात्र या छात्रा का नहीं बल्कि अधिकतर छात्रों को मजदूर दिवस के बारे में पता ही नहीं है. वहीं एक छात्र पंकज ने कहा कि मजदूर दिवस श्रमिकों के लिए मनाया जाता हैं लेकिन यह नहीं पता है कि कब और क्यों मनाया जाता है.
वहीं जब एक अन्य छात्र अमन से पूछा कि मजदूर दिवस कब मनाया जाता है तो छात्र ने कहा कि पता नहीं है कि मजदूर दिवस कब मनाया जाता है. साथ ही कहा कि कभी मजदूर दिवस के बारे सामान्य ज्ञान की किताब में पढ़ा था लेकिन अब याद नहीं है. वहीं एक अन्य छात्र शौर्य से जब पूछा कि मजदूर दिवस कब मनाया जाता है तो छात्र ने जवाब दिया और कहा कि यह मजदूर पर निर्भर करता है कि वह कब मजदूर दिवस मानता है.
वहीं एक छात्रा इक़ानूर से जब पूछा कि मजदूर दिवस कब मनाया जाता है तो छात्रा ने कहा कि एक मई को मनाया जाता है. साथ ही कहा कि मजदूर दिवस मजदूरों के लिए मनाया जाता है जो हमारे देश के विकास लिए काम करते है. इसके अलावा जब छात्रा से पूछा कि मजदूर दिवस कब से मनाया जा रहा है तो छात्रा ने कहा कि यह नहीं पता है कि कब से मजदूर दिवस मनाया जाना शुरू हुआ है.
Conclusion:वहीं इस आधुनिक युग में छात्र बेशक डिजिटली सशक्त हो गए हैं. लेकिन छात्रों को यह नहीं पता है कि मजदूर दिवस क्या है बेशक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मजदूरों की उथान की बात करते हैं उन्हें सशक्त करने की बात करते हैं. उनके कौशल विकास की बात करते हैं पर इन्हीं मजदूरों के बारे में देश के भविष्य को बिल्कुल भी जानकारी नहीं है.
Body:वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय की एक छात्रा से जब पूछा कि मजदूर दिवस कब, क्यों और किस वजह से मनाया जाता है उसपर छात्रा ने एक शब्द में जवाब देते हुए कहा कि नहीं पता है कि मजदूर दिवस कब और क्यों मनाया जाता है. यह हाल केवल एक छात्र या छात्रा का नहीं बल्कि अधिकतर छात्रों को मजदूर दिवस के बारे में पता ही नहीं है. वहीं एक छात्र पंकज ने कहा कि मजदूर दिवस श्रमिकों के लिए मनाया जाता हैं लेकिन यह नहीं पता है कि कब और क्यों मनाया जाता है.
वहीं जब एक अन्य छात्र अमन से पूछा कि मजदूर दिवस कब मनाया जाता है तो छात्र ने कहा कि पता नहीं है कि मजदूर दिवस कब मनाया जाता है. साथ ही कहा कि कभी मजदूर दिवस के बारे सामान्य ज्ञान की किताब में पढ़ा था लेकिन अब याद नहीं है. वहीं एक अन्य छात्र शौर्य से जब पूछा कि मजदूर दिवस कब मनाया जाता है तो छात्र ने जवाब दिया और कहा कि यह मजदूर पर निर्भर करता है कि वह कब मजदूर दिवस मानता है.
वहीं एक छात्रा इक़ानूर से जब पूछा कि मजदूर दिवस कब मनाया जाता है तो छात्रा ने कहा कि एक मई को मनाया जाता है. साथ ही कहा कि मजदूर दिवस मजदूरों के लिए मनाया जाता है जो हमारे देश के विकास लिए काम करते है. इसके अलावा जब छात्रा से पूछा कि मजदूर दिवस कब से मनाया जा रहा है तो छात्रा ने कहा कि यह नहीं पता है कि कब से मजदूर दिवस मनाया जाना शुरू हुआ है.
Conclusion:वहीं इस आधुनिक युग में छात्र बेशक डिजिटली सशक्त हो गए हैं. लेकिन छात्रों को यह नहीं पता है कि मजदूर दिवस क्या है बेशक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मजदूरों की उथान की बात करते हैं उन्हें सशक्त करने की बात करते हैं. उनके कौशल विकास की बात करते हैं पर इन्हीं मजदूरों के बारे में देश के भविष्य को बिल्कुल भी जानकारी नहीं है.