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بھرت پور میں پان کی کھیتی - پان کی کھیتی کیسے ہوتی ہے

ریاست راجستھان کے ضلع بھرت پور میں پان کی کھیتی کے تعلق سے ای ٹی وی بھارت نے خصوصی رپورٹ پیش کی جا رہی ہے۔

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بھرت پور میں پان کی کھیتی
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Published : Jan 10, 2020, 12:39 PM IST

بھرت پور کے علاقے میں پیدا ہونے والا پان دنیا کے مختلف خطوں میں کھایا جاتا ہے، کیوں کہ اس کا ذائقہ الگ ہوتا ہے۔

بھرت پور میں پان کی کھیتی

غیر موسمی بارش ، دھند ، شدید سردی اور ٹھنڈ کی وجہ سے اس بار خطے کی پان کی فصل تباہ ہوگئی ہے۔ صورتحال یہ ہے کہ اس علاقے میں لگ بھگ 400 کاشتکار پان کی کاشت کے کاروبار سے وابستہ ہیں۔

اگر کاشتکاروں کا یقین کیا جائے تو ، پان کی کاشت میں رواں برس تقریباً 13 کروڑ کے نقصان کا خدشہ ہے۔

محکمہ زراعت کے عہدیداروں نے علاقے کے پان کھیتوں (باریجا) میں جاکر اس نقصان کا جائزہ لیا۔

باگرین گاؤں کھری کے کاشتکار بہاری لال تمولی نے بتایا کہ گاؤں کے 300 کے قریب کسان پان کی کاشت کاری کے کاروبار میں شامل ہیں۔ لیکن اس بار سردی کی وجہ سے پان کی فصل پوری طرح تباہ ہوگئی ہے۔

ان کا کہنا ہے کہ حکومت کی جانب سے پان کے کاشت کاروں کو کسی بھی قسم کی امداد نہیں مل رہی ہے، حالاں کہ انھوں نے اس ضمن میں حکموت کے اہلکاروں کو میورنڈم بھی دیا ہوا ہے۔

بھرت پور کے علاقے میں پیدا ہونے والا پان دنیا کے مختلف خطوں میں کھایا جاتا ہے، کیوں کہ اس کا ذائقہ الگ ہوتا ہے۔

بھرت پور میں پان کی کھیتی

غیر موسمی بارش ، دھند ، شدید سردی اور ٹھنڈ کی وجہ سے اس بار خطے کی پان کی فصل تباہ ہوگئی ہے۔ صورتحال یہ ہے کہ اس علاقے میں لگ بھگ 400 کاشتکار پان کی کاشت کے کاروبار سے وابستہ ہیں۔

اگر کاشتکاروں کا یقین کیا جائے تو ، پان کی کاشت میں رواں برس تقریباً 13 کروڑ کے نقصان کا خدشہ ہے۔

محکمہ زراعت کے عہدیداروں نے علاقے کے پان کھیتوں (باریجا) میں جاکر اس نقصان کا جائزہ لیا۔

باگرین گاؤں کھری کے کاشتکار بہاری لال تمولی نے بتایا کہ گاؤں کے 300 کے قریب کسان پان کی کاشت کاری کے کاروبار میں شامل ہیں۔ لیکن اس بار سردی کی وجہ سے پان کی فصل پوری طرح تباہ ہوگئی ہے۔

ان کا کہنا ہے کہ حکومت کی جانب سے پان کے کاشت کاروں کو کسی بھی قسم کی امداد نہیں مل رہی ہے، حالاں کہ انھوں نے اس ضمن میں حکموت کے اہلکاروں کو میورنڈم بھی دیا ہوا ہے۔

Intro:भरतपुर.
जिले के बयाना और वैर क्षेत्र के खरैरी - बागरैन, उमरैण समेत कई गांवों में पैदा होने वाले पान का स्वाद इस बार पाकिस्तान समेत अन्य मुस्लिम देश के लोग नहीं चख पाएंगे। बेमौसम बरसात, कोहरा, तेज सर्दी और पाले की वजह से इस बार क्षेत्र के पान की फसल चौपट हो चुकी है। हालात यह है कि क्षेत्र में करीब 400 किसान पान की खेती के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं और सभी की फसलों में भारी नुकसान है। किसानों की माने तो पान की खेती में करीब 13 करोड़ का नुकसान होने की आशंका है। वहीं कृषि विभाग के अधिकारियों ने क्षेत्र के पान के खेतों ( बरेजा) में जाकर नुकसान का जायजा लिया है।Body:गांव खरैरी - बागरैन के किसान बिहारीलाल तमोली ने बताया कि गांव में करीब 300 किसान पान की खेती के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। लेकिन इस बार तेज सर्दी और पाने की वजह से पान की फसल पूरी तरह से चौपट हो गई है। किसान तमोली ने बताया कि फसल में हुए नुकसान के मुआवजे के लिए बयाना एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा है लेकिन अभी तक विभाग की ओर से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है।

पान की खेती से हो रहा मोहभंग
किसान बिहारी लाल तमोली ने बताया कि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में पान की खेती करने वाले किसानों को वहां की सरकार मदद करती है लेकिन राजस्थान सरकार की ओर से यहां पान की खेती करने वाले किसानों को कोई मदद नहीं दी जाती। ऐसे में युवा पीढ़ी का पान की खेती से मोहभंग हो रहा है। किसान तमोली ने बताया कि पूर्व में वर्ष 2002, 2003, 2004 और 2015 में पान की खेती में इसी प्रकार नुकसान हुआ था। यही वजह है कि पान की खेती के व्यवसाय से जुड़े हुए करीब 200 परिवार यहां से पलायन कर चुके हैं। पूर्व में यहां 500 परिवार इस व्यवसाय से जुड़े हुए थे।

विभाग ने किया नुकसान का निरीक्षण
कृषि विभाग बयाना के सहायक निदेशक दयाराम वर्मा ने बताया कि क्षेत्र में खरैरी - बागरैन, खानखेडा और उमरैण में करीब 400 किसान पान की खेती कर रहे हैं। पान की खेती से जुड़े किसानों के बरेजा का निरीक्षण किया जिसमें काफी नुकसान होना सामने आया है। इसका सर्वे कर उच्चाधिकारियों को भेजेंगे और किसानों को सुविधा दिलाने की सिफारिश भी करेंगे।

यह उपाय हो सकते हैं कारगर
- तेज सर्दी होने के दौरान यदि किसान अपने बरेजा में मटको में कंडे जलाकर तापमान बढ़ा दे तो पान की खेती में नुकसान को रोका जा सकता है।

- पाला पड़ने के बाद यदि किसान 1 लीटर पानी में 1 ग्राम ग्लूकोस मिलाकर पान की खेती पर छिड़काव कर दे तो पान की फसल में फिर से फुटान हो सकता है।Conclusion:गौरतलब है कि बयाना और वैर क्षेत्र के खरैरी - बागरैन, खानखेडा और उमरैण गांव में पैदा होने वाला पान पाकिस्तान समेत सऊदी अरब, बांग्लादेश आदि देशों में निर्यात होता है।

बाइट - बिहारी लाल तमोली, किसान, खरैरी - बागरैन गांव

बाइट 2- दयाराम वर्मा, सहायक निदेशक ,कृषि विभाग बयाना ( बुजुर्ग, ब्लेजर में)

बाइट 3- सुरेश चंद गुप्ता, कृषि अधिकारी ( चैक शर्ट, काली जैकेट)

सादर
श्यामवीर सिंह
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