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’عام طلبا کے حقوق کی لڑائی لڑ رہا ہوں‘

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Published : Jan 10, 2020, 10:23 AM IST

دارالحکومت دہلی میں واقع جواہر لعل نہر یونیورسٹی میں 5 جنوری 2020 کو طلبا پر ہونے والے تشدد پر سی پی آئی رہنما ڈاکٹر کنہیا کمار نے شدید ناراضگی کا اظہار کیا ہے۔

fight for the education of poor students
’عام طلبا کے تعلیم کے حقوق کی لڑائی‘

ڈاکٹر کنہیا کمار جے این یو ٹیچرز ایسوسی ایشن اور طلباء یونین کے ذریعہ طلب کی گئی سیٹیزن مارچ میں شامل ہوئے۔

dr kanhaiya kumar in jnu
سی پی آئی رہنما ڈاکٹر کنہیا کمار

انہوں نے کہا کہ یہ ان کی ذمہ داری ہے کیونکہ انھوں نے جے این یو کا نمک کھایا ہے اور اب وقت آگیا ہے کہ اس نمک کی ادائیگی ہو ۔

’عام طلبا کے تعلیم کے حقوق کی لڑائی‘

یہ بھی کہا کہ جے این یو میں ملک کے اندر تعلیم کو بچانے کے لئے لڑائی ہے کیونکہ اگر فیس میں اضافہ کیا گیا تو غریب طلبا اعلیٰ تعلیم حاصل نہیں کر پائیں گے۔ یہ دراصل ’عام طلبا کے تعلیم کے حق کی لڑائی‘ ہے۔

ڈاکٹر کنہیا کمار نے اتوار کے روز ہونے والے تشدد کی مذمت کی اور کہا کہ مرکزی حکومت کے ذریعہ کہ یونیورسٹی کو ملک کا دشمن کہنا قطعاً غلط ہے۔

کنہیا کمار نے جے این یو میں موجودہ سیکیورٹی سسٹم پر بھی الزم لگایا ہے اور کہا کہ یہ ممکن نہیں ہے کہ کوئی پولیس اور سکیورٹی اہلکاروں کی شہہ کے بغیر کیمپس کے اندر آجائے۔

انہوں نے کہا کہ یہ سب انتظامیہ کی نگرانی میں ہوا ہے ، اس کے لئے جے این یو انتظامیہ اور مرکزی حکومت ذمہ دار ہے۔ کنہیا کمار نے بتایا کہ تشدد میں طلبا کو زخمی ہوئے تقریباً چار دن گزر چکے ہیں ، لیکن جے این یو کے وائس چانسلر پروفیسر ایم جگدیش کمار طلبا سے ملنے بھی نہیں آئے۔
انہوں نے جے این یو کے طلباء کی حمایت میں آنے والی فلم اداکارہ دیپیکا پڈوکون کے بارے میں میں کہا کہ جو بھی ہماری حمایت میں آتا ہے، وہ ملک کے لیے کیسے ناروا بن جاتا ہے۔

ڈاکٹر کنہیا کمار جے این یو ٹیچرز ایسوسی ایشن اور طلباء یونین کے ذریعہ طلب کی گئی سیٹیزن مارچ میں شامل ہوئے۔

dr kanhaiya kumar in jnu
سی پی آئی رہنما ڈاکٹر کنہیا کمار

انہوں نے کہا کہ یہ ان کی ذمہ داری ہے کیونکہ انھوں نے جے این یو کا نمک کھایا ہے اور اب وقت آگیا ہے کہ اس نمک کی ادائیگی ہو ۔

’عام طلبا کے تعلیم کے حقوق کی لڑائی‘

یہ بھی کہا کہ جے این یو میں ملک کے اندر تعلیم کو بچانے کے لئے لڑائی ہے کیونکہ اگر فیس میں اضافہ کیا گیا تو غریب طلبا اعلیٰ تعلیم حاصل نہیں کر پائیں گے۔ یہ دراصل ’عام طلبا کے تعلیم کے حق کی لڑائی‘ ہے۔

ڈاکٹر کنہیا کمار نے اتوار کے روز ہونے والے تشدد کی مذمت کی اور کہا کہ مرکزی حکومت کے ذریعہ کہ یونیورسٹی کو ملک کا دشمن کہنا قطعاً غلط ہے۔

کنہیا کمار نے جے این یو میں موجودہ سیکیورٹی سسٹم پر بھی الزم لگایا ہے اور کہا کہ یہ ممکن نہیں ہے کہ کوئی پولیس اور سکیورٹی اہلکاروں کی شہہ کے بغیر کیمپس کے اندر آجائے۔

انہوں نے کہا کہ یہ سب انتظامیہ کی نگرانی میں ہوا ہے ، اس کے لئے جے این یو انتظامیہ اور مرکزی حکومت ذمہ دار ہے۔ کنہیا کمار نے بتایا کہ تشدد میں طلبا کو زخمی ہوئے تقریباً چار دن گزر چکے ہیں ، لیکن جے این یو کے وائس چانسلر پروفیسر ایم جگدیش کمار طلبا سے ملنے بھی نہیں آئے۔
انہوں نے جے این یو کے طلباء کی حمایت میں آنے والی فلم اداکارہ دیپیکا پڈوکون کے بارے میں میں کہا کہ جو بھی ہماری حمایت میں آتا ہے، وہ ملک کے لیے کیسے ناروا بن جاتا ہے۔

Intro:नई दिल्ली ।

जेएनयू शिक्षक संघ और छात्र संघ द्वारा बुलाए गए सिटीजन मार्च में शामिल होने के लिए जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार भी पहुंचे. उन्होंने कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी है क्योंकि हमने जेएनयू का नामक खाया है और ये नामक अदायगी का वक़्त है और जेएनयू देश का नामक खाता है तो जेएनयू देश के साथ नामक अदायगी कर रहा है. साथ ही कहा कि जेएनयू में देश की शिक्षा बचाने की लड़ाई है क्योंकि अगर फीस वृद्धि होगी तो कमजोर तबके से आने वाले छात्रों को अच्छी शिक्षा नहीं मिलेगी.
इस दौरान उन्होंने रविवार को हुई हिंसा की निंदा और उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा पूरे विश्वविद्यालय को एन्टी नेशनल कहना पूरी तरह से गलत है.


Body:छात्र ही नहीं शिक्षकों को भी बनाया निशाना

वहीं कन्हैया कुमार ने फीस वृद्धि को वापस लेने के लिए सड़क से संसद तक उतरे पुलिस के डंडे खाये और प्रशासन ने इन्क्वारी बिठा दी लेकिन फिर भी नहीं डरे तो रविवार को छात्रों को गुंडों से मरवा दिया जाता है. लेकिन केवल छात्रों को ही नहीं बल्कि शिक्षकों को भी पीटा गया है. उन्होंने कहा कि जो यह बोले रहे हैं कि छात्रों का दो गुट भीड़ गए हैं तो शिक्षकों का सिर कैसे फट गया है.कन्हैया ने कहा कि यह सुनियोजित तरीके से रची गई हिंसा है.

सुरक्षा पर उठाए सवाल

वहीं कन्हैया कुमार ने इस दौरान जेएनयू में मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाया और कहा कि यह मुमकिन ही नहीं है कि बिना पुलिस और सुरक्षा कर्मियों की मिलीभगत से कोई बाहर का कैंपस के अंदर आ जाए. उन्होंने कहा कि यह सब प्रशासन की देखरेख में हुआ है इसके लिए सिरे से जेएनयू प्रशासन और केंद्र सरकार जिम्मेदार है. कन्हैया कुमार ने कहा कि छात्रों को हिंसा में घायल हुए करीब चार दिन बीत चुके हैं लेकिन जेएनयू के कुलपति प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार गृह मंत्री अमित शाह की तरह बोल रहे हैं कि हमारे दरवाजे हमेशा के लिए खुले हैं लेकिन क्या कभी देखा है कि जो व्यक्ति घायल होता है वह मिलने के लिए जाता है.

जेएनयू को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है

कन्हैया कुमार ने कहा कि जब से मौजूदा सरकार सत्ता में आई है आए दिन किसी न किसी वजह से जेएनयू पर निशान साधती रहती है. उन्होंने कहा कि यह सरकार मुझे टुकड़े टुकड़े गैंग का सरगना कहती है और मैं इस नाम को गर्व से कबूल करता हूं और कहता हूं कि हां मैं टुकड़े गैंग का मुखिया हूं. लेकिन बीजेपी के टुकड़े टुकड़े मैं ही करूंगा. साथ ही उन्होंने इस मौके पर विदेश राज्य मंत्री एस. जय शंकर को टुकड़े टुकड़े गैंग के बयान भी निशाना साधा. वहीं कन्हैया कुमार ने कहा कि इस सरकार के दो मंत्री भी जेएनयू से है यह सरकार जेएनयू पर कुछ बोलने से पहले क्यों भूल जाती है.

दीपिका पादुकोण के जेएनयू आने में दर्द क्यों

वहीं उन्होंने फिल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के जेएनयू के छात्रों के समर्थन में आने को लेकर कहा कि इन लोगों को क्यों दर्द हो रहा है जब वह हम सभी के समर्थन में जेएनयू पहुंची थी. कन्हैया कुमार ने कहा कि जो भी हमारे समर्थन में आ जाए वह देश द्रोही कैसे हो गया. उन्होंने कहा कि जो यह लोग फ़िल्म छपाक का विरोध करने की बात कर रहे हैं केवल दिखावा है.






Conclusion:उन्होंने कहा कि कुलपति प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार रविवार को हुई हिंसा के बाद अब अपनी कुर्सी पर बैठने के लायक नहीं है उन्हें तत्काल प्रभाव से कुलपति के पद से हटना होगा तभी जाकर प्रदर्शन थमेगा.
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