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ସିସିଡି ମାଲିକଙ୍କ ମୃତ୍ୟୁର ହେଉ ନିରପେକ୍ଷ ତଦନ୍ତ: ସିଦ୍ଧରମୈୟା - ସିସିଡି ମାଲିକଙ୍କ ମୃତ୍ୟୁ

ବୁଧବାର ନେତ୍ରାବତୀ ନଦୀ କୂଳରୁ ସିସିଡି ମାଲିକ ଭିଜି ସିଦ୍ଧାର୍ଥଙ୍କ ମୃତଦେହ ମିଳିବା ପରେ ପ୍ରତିକ୍ରିୟା ରଖିଛନ୍ତି କର୍ଣ୍ଣାଟକର ପୂର୍ବତନ ମୁଖ୍ୟମନ୍ତ୍ରୀ ସିଦ୍ଧରମୈୟା। ଏ ଘଟଣାର ସେ ନିରପେକ୍ଷ ତଦନ୍ତ ଦାବି କରିଛନ୍ତି ।

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Published : Aug 1, 2019, 3:15 AM IST

ବେଙ୍ଗାଲୁରୁ: ‘କେଫ୍ କଫି ଡେ’ ର (ସିସିଡି) ମାଲିକ ଭିଜି ସିଦ୍ଧାର୍ଥଙ୍କ ମୃତ୍ୟୁକୁ ନେଇ ତଦନ୍ତ ନିର୍ଦ୍ଦେଶ ଦେଳେ କର୍ଣ୍ଣାଟକ ପୂର୍ବ ମୁଖ୍ୟମନ୍ତ୍ରୀ ସିଦ୍ଧାରମୈୟା । ବୁଧବାର ନେତ୍ରାବତୀ ନଦୀ କୂଳରୁ ସିସିଡି ମାଲିକ ଭିଜି ସିଦ୍ଧାର୍ଥତାଙ୍କ ମୃତଦେହ ମିଳିବା ପରେ ଘଟଣାର ନିରପେକ୍ଷ ତଦନ୍ତ ନିର୍ଦ୍ଦେଶ ଦେଇଛନ୍ତି ସିଦ୍ଧାରମୈୟା ।


ସୋମବାର ସନ୍ଧ୍ୟାରେ ଭିଜି ସିର୍ଦ୍ଧାର୍ଥଙ୍କ ଅଚାନକ କେଉଁଆଡେ ନିଖୋଜ ହୋଇଯାଇଥିଲେ । ତେବେ ତାଙ୍କ ନାଁରେ ପାଖାପାଖି 8 ହଜାରରୁ ଉର୍ଦ୍ଧ୍ବ କରଜ ରହିଥିଲା ବେଳେ କମ୍ପାନୀ କ୍ଷତିରେ ଚାଲିଥିଲେ । ଏଥିରେ ଭାରକ୍ରାନ୍ତ ହୋଇ ସେ ଆତ୍ମହତ୍ୟା କରିଥିବା ସନ୍ଦେହ କରାଯାଉଥିଲା ବେଳେ ନିଖୋଜର ଦୁଇଦିନ ପରେ ଅର୍ଥାତ୍ ବୁଧବାର ସକାଳେ ନେତ୍ରାବତୀ ନଦୀ କୂଳରୁ ତାଙ୍କ ମୃତଦେହ ଉଦ୍ଧାର କରାଯାଇଥିଲା ।

ଏଠାରେ ସୂଚନାଯୋଗ୍ୟ, କର୍ଣ୍ଣାଟକର ମେଙ୍ଗାଲୁରୁ ନିକଟ ନେତ୍ରାବତୀ ନଦୀରେ ନିଖୋଜ ହେବା ପରେ ଭିଜି ସିଦ୍ଧାର୍ଥଙ୍କୁ ପ୍ରାୟ ୨୦୦ ଜଣ ଖୋଜୁଥିଲେ । ଏଥିରେ ପୋଲିସ, ମତ୍ସଜୀବୀ ଓ ଅନ୍ୟ ଉଦ୍ଧାରକାରୀ ଟିମ ସାମିଲ ଥିଲେ ।

ବେଙ୍ଗାଲୁରୁ: ‘କେଫ୍ କଫି ଡେ’ ର (ସିସିଡି) ମାଲିକ ଭିଜି ସିଦ୍ଧାର୍ଥଙ୍କ ମୃତ୍ୟୁକୁ ନେଇ ତଦନ୍ତ ନିର୍ଦ୍ଦେଶ ଦେଳେ କର୍ଣ୍ଣାଟକ ପୂର୍ବ ମୁଖ୍ୟମନ୍ତ୍ରୀ ସିଦ୍ଧାରମୈୟା । ବୁଧବାର ନେତ୍ରାବତୀ ନଦୀ କୂଳରୁ ସିସିଡି ମାଲିକ ଭିଜି ସିଦ୍ଧାର୍ଥତାଙ୍କ ମୃତଦେହ ମିଳିବା ପରେ ଘଟଣାର ନିରପେକ୍ଷ ତଦନ୍ତ ନିର୍ଦ୍ଦେଶ ଦେଇଛନ୍ତି ସିଦ୍ଧାରମୈୟା ।


ସୋମବାର ସନ୍ଧ୍ୟାରେ ଭିଜି ସିର୍ଦ୍ଧାର୍ଥଙ୍କ ଅଚାନକ କେଉଁଆଡେ ନିଖୋଜ ହୋଇଯାଇଥିଲେ । ତେବେ ତାଙ୍କ ନାଁରେ ପାଖାପାଖି 8 ହଜାରରୁ ଉର୍ଦ୍ଧ୍ବ କରଜ ରହିଥିଲା ବେଳେ କମ୍ପାନୀ କ୍ଷତିରେ ଚାଲିଥିଲେ । ଏଥିରେ ଭାରକ୍ରାନ୍ତ ହୋଇ ସେ ଆତ୍ମହତ୍ୟା କରିଥିବା ସନ୍ଦେହ କରାଯାଉଥିଲା ବେଳେ ନିଖୋଜର ଦୁଇଦିନ ପରେ ଅର୍ଥାତ୍ ବୁଧବାର ସକାଳେ ନେତ୍ରାବତୀ ନଦୀ କୂଳରୁ ତାଙ୍କ ମୃତଦେହ ଉଦ୍ଧାର କରାଯାଇଥିଲା ।

ଏଠାରେ ସୂଚନାଯୋଗ୍ୟ, କର୍ଣ୍ଣାଟକର ମେଙ୍ଗାଲୁରୁ ନିକଟ ନେତ୍ରାବତୀ ନଦୀରେ ନିଖୋଜ ହେବା ପରେ ଭିଜି ସିଦ୍ଧାର୍ଥଙ୍କୁ ପ୍ରାୟ ୨୦୦ ଜଣ ଖୋଜୁଥିଲେ । ଏଥିରେ ପୋଲିସ, ମତ୍ସଜୀବୀ ଓ ଅନ୍ୟ ଉଦ୍ଧାରକାରୀ ଟିମ ସାମିଲ ଥିଲେ ।

Intro:बीते दिनों को हुए एक्सीडेंट के बाद पीड़िता व वकील को राजधानी लखनऊ के केजीएमयू ट्रामा सेंटर में भर्ती किया गया था। इन दोनों लोगों की स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है। इस बीच कई राजनीतिक व सामाजिक संगठन भी पीड़िता के परिवार से मिलने आये और सरकार के नुमाइंदे भी पीड़िता के परिजनों से मिलने के लिए ट्रामा सेंटर पहुंचे। हालांकि पीड़िता की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। सरकार ने पीड़िता के इलाज में किसी भी तरह की कोई दिक्कत ना होने की दावे किए हैं तो वहीं विपक्ष ने भी सरकार को न्याय दिलाने की जिम्मेदारी याद दिलाई।Body:रायबरेली में हुए हादसे के बाद उन्नाव रेप पीड़िता और अधिवक्ता को केजीएमयू के ट्रामा वेंटीलेटर यूनिट (टीवीयू) में भर्ती किया गया है। यहां दोनों वेंटीलेटर पर हैं। उनकी हालत स्थिर बनी हुई है। मंगलवार को भी स्थिति जस की तस रही। दोपहर करीब एक बजे पीड़िता को ट्रामा के तीसरी मंजिल पर बने टीवीयू वार्ड से ग्राउंडफ्लोर पर लाया गया। यहां उसका सिटी स्कैन कराया गया। इसके बाद फिर टीवीयू वार्ड शिफ्ट कर दिया गया। सूत्रों की मानें तो सीटी स्कैन रिपोर्ट में पीड़िता के सिर में भी कई जगह चोट पाई गई है। लेकिन अभी उसकी हालत सर्जरी लायक नहीं है। इसलिए इंजेक्शन के जरिए क्लाटिंग को ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है। मालूम हो कि सोमवार रात केजीएमयू प्रशासन ने बताया था कि दोनों को मल्टीपल फ्रैक्चर हैं। वे वेंटीलेटर पर हैं। सीने में चोट होने की वजह से सांस लेने में दिक्त हैं। लंग्स में भी इंजरी पाई गई है। ब्लड प्रेशर अनियंत्रित हो रहा है। लंग में ब्लीडिंग होने की वजह से सांस नहीं ले पा रहे है। मंगलवार शाम करीब चार बजे केजीएमयू के मीडिया प्रभारी प्रोफेसर संदीप तिवारी ने बताया कि दोनों की हालत जस की तय है। सीटी स्कैन हो गया है। रिपोर्ट के आधार पर चिकित्सकों की टीम आगे इलाज की दिशा तय करेगी। हालांकि उन्होंने गोपनीयता का हवाला देकर सीटी स्कैन रिपोर्ट उजागर करने से इनकार कर दिया।

पेरोल की मांग लेकर धरने पर बैठा परिवार

पीडिता के चाचा महेश सिंह के पेरोल को लेकर परिवार के लोग ट्रामा में ही धरने पर बैठ गए। करीब घंटेभर तक पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी उन्हें मनाने की कोशिश में लगे रहे, लेकिन वे नहीं मानें। इस दौरान पीड़िता की बहन और मां ने कई गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना हैकि परिवार में कोई नहीं है। सिर्फ महेश सिंह ही देखरेख करने वाले हैं। उनकी पत्नी की मौत हो चुकी है। उसका अंतिम संस्कार होना है। इसके बाद भी उन्हें नहीं छो़ड़ा जा रहा है। पीड़िता की बहन ने क हा कि यदि महेश सिंह को जेल से नहीं छोड़ा गया तो वे लोग अंतिम संस्कार भी नहीं करेंगे।

अखिलेश यादव, दिनेश शर्मा, राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य जेवती सिंघल मिलने पहुंचे


कल दोपहर करीब 12 बजे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पीड़िता से मिलने पहुंचे। उन्होंने पीड़िता की बहन को समझाकर धरना खत्म कराया। इसके बाद उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा भी ट्रामा सेंटर पहुंचे। उन्होनें पीड़िता के परिजनों से बात की। मदद का भरोसा दिया। इसी तरह राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य जेवती सिंघल भी ट्रामा पहुंची। उन्होंने दोनों की हालत नाजूक बताया। कहा कि दोनों मरीजों की हर हाल में मदद की जाएगी। सुबह से लेकेर शाम तक ट्रामा सेंटर में विभिन्न राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों के लोगों के आने जाने का क्रम बना रहा।

 

 

किसने क्या कहा

मामले पर गंभीर है सरकार

पीड़ित परिवार की मांग को गंभीरता से लिया जा रहा है। सरकार ने हादसे की जांच के लिए सीबीआई की सिफारिश कर दी है। अंतिम संस्कार के लिए पीड़िता के चाचा को हाईकोर्ट से पेरोल मिल गई है। डाक्टरों ने बताया हैकि पीड़िता और अधिवक्ता की हालत स्थिर है। दोनों के परिवारों को हर संभव सहयोग दिया जाएगा। आरोपी विधायक कुलदीप सेंगर को पार्टी से निकाला जा चुका है।

- डा. दिनेश शर्मा उप मुख्यमंत्री

 

पीड़ित परिवार की मांग माने सरकार

परिवार में कोई अन्य व्यक्ति नहीं है। इसलिए पीड़ित परिवार की मांग सरकार को मानना चाहिए। यह परिवार पहले दिन से संघर्ष कर रहा है। एफआईआर लिखाने के लिए कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी। पीड़िता के पिता की पुलिस की पिटाई से थाने में मौत हुई। अब कार की टक्कर से गवाह की मौत हुई है। पीड़ित परिवारों को मदद दी जाए। मामले में सिटिंग जज के अधीन एसआईटी बनाकर जांच कराई जानी चाहिए। भाजपा केलोग जो कहेंगे पुलिस वही करेगी। इसलिए मामले की उच्चस्तरीय जांच कराना जरूरी है। विधायक के खिलाफ सरकार की ओर से भी कार्रवाई होनी चाहिए। यूपी की जेलों की हालत सब जानते हैं। क ैसे कैसे वीडियो वायरल होते रहे हैँ। ऐसे में पीड़िता के परिजन रायबरेली जेल को लेकर आशंका जाहिर कर रहे हैं तो गलत नहीं है।

 

सीएम से बात करेंगे

दोनों की हालत गंभीर बताई जा रही है। इलाज में टीम लगी हुई है। मुख्यमंत्री से मिलकर पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की जाएगी। परिवार को हर हाल में न्याय दिलाया जाएगा।

- जेवती सिंघल, सदस्य राष्ट्रीय महिला आयोग

 

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में होगा अंतिम संस्कार

जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने भी ट्रामा पहुंच कर पीड़िता और अधिवक्ता के बारेमें जानकारी ली। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों का कहना है कि कल से आज तक दोनों की हालत में न तो सुधार हुआ है और न ही गिरावट आई है। स्थिति जस की तस है। डाक्टरों की टीम उन्हें बचाने की कोशिश में लगी है। यहां इलाज की सभी सुविधाएं मौजूद हैं। दुर्घटना में मृत दोनों महिलाओँ का शव मोर्चरी में रखवाया गया है। हाईकोर्ट का आदेश अपलोड होते ही महेश सिंह को ले आने की कवायद शुरू कर दी जाएगी। अंतिम संस्कार के बारे में बातचीत हुई है। पीड़िता की चाची का अंतिम संस्कार उन्नाव में और दूसरी महिला का बाराबंकी में करने की बात कह रहे हैं। परिजन जहां कहेंगे वहा सुरक्षा व्यवस्था के बीच शव भेजवाकर अंतिम संस्कार कराया जाएगा। इलाज का खर्च सरकार उठाएगी। अभी तक जो खर्च हुआ है उसकी भरपाई की जाएगी। यदि बाहर से डाक्टर बुलाने की ज रूरत पड़ेगी तो बुलाया जाएगा।




 Conclusion:एन्ड
शुभम पाण्डेय
7054605976
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