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ମୁଜାଫରପୁର ସେଲଟର ହୋମ ମାମଲା: ଦୋଷୀଙ୍କ ଦଣ୍ଡବିଧାନର ହେଲାନି ଶୁଣାଣି - ମୁଜାଫରପୁର ସେଲଟର ହୋମ ମାମଲା

ମଙ୍ଗଳବାର ମୁଜାଫରପୁର ସେଲଟର ହୋମ ମାମଲାର ଦୋଷୀଙ୍କ ବିରୋଧରେ ଦଣ୍ଡବିଧାନର ଶୁଣାଣି ହୋଇ ପାରିଲାନାହିଁ। ଶୁଣାଣି କରୁଥିବା ସାକେତ କୋର୍ଟ ଜଜ୍‌ ଛୁଟିରେ ଥିବାରୁ 19 ଦୋଷୀଙ୍କ ଦଣ୍ଡବିଧାନର ଶୁଣାଣି ହୋଇପାରିନଥିବା ଜଣାପଡିଛି।

Saket Court
ମୁଜାଫରପୁର ସେଲଟର ହୋମ ମାମଲା: ଦୋଷୀଙ୍କ ଦଣ୍ଡବିଧାନର ହେଲାନି ଶୁଣାଣି
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Published : Jan 28, 2020, 1:17 PM IST

ନୂଆଦିଲ୍ଲୀ: ମଙ୍ଗଳବାର ମୁଜାଫରପୁର ସେଲଟର ହୋମ ମାମଲାର ଦୋଷୀଙ୍କ ବିରୋଧରେ ଦଣ୍ଡବିଧାନର ଶୁଣାଣି ହୋଇପାରିଲା ନାହିଁ। ଶୁଣାଣି କରୁଥିବା ସାକେତ କୋର୍ଟ ଜଜ୍‌ ଛୁଟିରେ ଥିବାରୁ 19 ଦୋଷୀଙ୍କ ଦଣ୍ଡବିଧାନର ଶୁଣାଣି ହୋଇ ପାରିନଥିବା ଜଣାପଡିଛି। ଜାନୁଆରୀ 20 ତାରିଖରେ କୋର୍ଟ ମୁଖ୍ୟ ଅଭିଯୁକ୍ତ ବ୍ରଜେଶ ଠାକୁରଙ୍କ ସମେତ 19 ଜଣଙ୍କୁ ଦୋଷୀ ସାବ୍ୟସ୍ତ କରିଥିଲେ।

ମୁଖ୍ୟ ଅଭିଯୁକ୍ତ ସମେତ ଅନ୍ୟ 10 ଜଣଙ୍କୁ ଗଣଦୁଷ୍କର୍ମ ମାମଲାରେ ଦୋଷୀ ସାବ୍ୟସ୍ତ ହୋଇଥିବା ବେଳେ, 9 ଜଣ ମହିଳାଙ୍କୁ ଅପରାଧିକ ଷଡଯନ୍ତ୍ର କରିବା ଲାଗି ଦୋଷୀ ଦର୍ଶାଇଥିଲେ କୋର୍ଟ। ଏହାସହ ଜଣଙ୍କୁ ପ୍ରମାଣ ଅଭାବରୁ ଦୋଷମୁକ୍ତ କରିଥିଲେ କୋର୍ଟ।

ଗତବର୍ଷ ଫେବୃଆରୀ 25 ତାରିଖରୁ ଏହାର ଶୁଣାଣି ହୋଇଥିଲା। କୋର୍ଟ ଜାନୁଆରୀ 20 ତାରିଖରେ ସେମାନଙ୍କୁ ଦୋଷୀ ସାବ୍ୟସ୍ତ କରିବା ସହ, ସେମାନଙ୍କର ଦଣ୍ଡବିଧାନର ଶୁଣାଣି ହେବ ବୋଲି କହିଥିଲେ।

ନୂଆଦିଲ୍ଲୀ: ମଙ୍ଗଳବାର ମୁଜାଫରପୁର ସେଲଟର ହୋମ ମାମଲାର ଦୋଷୀଙ୍କ ବିରୋଧରେ ଦଣ୍ଡବିଧାନର ଶୁଣାଣି ହୋଇପାରିଲା ନାହିଁ। ଶୁଣାଣି କରୁଥିବା ସାକେତ କୋର୍ଟ ଜଜ୍‌ ଛୁଟିରେ ଥିବାରୁ 19 ଦୋଷୀଙ୍କ ଦଣ୍ଡବିଧାନର ଶୁଣାଣି ହୋଇ ପାରିନଥିବା ଜଣାପଡିଛି। ଜାନୁଆରୀ 20 ତାରିଖରେ କୋର୍ଟ ମୁଖ୍ୟ ଅଭିଯୁକ୍ତ ବ୍ରଜେଶ ଠାକୁରଙ୍କ ସମେତ 19 ଜଣଙ୍କୁ ଦୋଷୀ ସାବ୍ୟସ୍ତ କରିଥିଲେ।

ମୁଖ୍ୟ ଅଭିଯୁକ୍ତ ସମେତ ଅନ୍ୟ 10 ଜଣଙ୍କୁ ଗଣଦୁଷ୍କର୍ମ ମାମଲାରେ ଦୋଷୀ ସାବ୍ୟସ୍ତ ହୋଇଥିବା ବେଳେ, 9 ଜଣ ମହିଳାଙ୍କୁ ଅପରାଧିକ ଷଡଯନ୍ତ୍ର କରିବା ଲାଗି ଦୋଷୀ ଦର୍ଶାଇଥିଲେ କୋର୍ଟ। ଏହାସହ ଜଣଙ୍କୁ ପ୍ରମାଣ ଅଭାବରୁ ଦୋଷମୁକ୍ତ କରିଥିଲେ କୋର୍ଟ।

ଗତବର୍ଷ ଫେବୃଆରୀ 25 ତାରିଖରୁ ଏହାର ଶୁଣାଣି ହୋଇଥିଲା। କୋର୍ଟ ଜାନୁଆରୀ 20 ତାରିଖରେ ସେମାନଙ୍କୁ ଦୋଷୀ ସାବ୍ୟସ୍ତ କରିବା ସହ, ସେମାନଙ୍କର ଦଣ୍ଡବିଧାନର ଶୁଣାଣି ହେବ ବୋଲି କହିଥିଲେ।

Intro:नई दिल्ली। दिल्ली की साकेत कोर्ट ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में दोषी करार दिए गए 19 आरोपियों की सजा पर सुनवाई टाल दिया है। सुनवाई करनेवाले एडिशनल सेशंस जज सौरभ कुलश्रेष्ठ के आज छुट्टी पर होने के चलते इस मामले पर सुनवाई टली है।



Body:20 जनवरी को कोर्ट ने दोषी ठहराया था
पिछले 20 जनवरी को कोर्ट ने इस मामले में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर समेत 19 आरोपियों को दोषी करार दिया था। कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर समेत दस आरोपियों को पॉक्सो और गैंगरेप का दोषी करार दिया था। कोर्ट ने 9 महिला आरोपियों को आपराधिक साजिश रचने का दोषी माना था । कोर्ट ने कहा था कि शेल्टर होम में रहनेवाली नाबालिग लड़कियों के साथ कई बार रेप हुए। कोर्ट ने इस मामले में एक आरोपी विक्की को दोषमुक्त कर दिया था ।
आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट से कहा था कि नाबालिग पीड़ितों के बयानों से साफ है कि सभी 20 आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। अभियुक्तों की ओर से कहा गया  था कि सीबीआई ने निष्पक्ष जांच नहीं की है। सभी केस भ्रमपूर्ण हैं । न कोई घटना की तिथि है और न ही समय और स्थान। आरोपियों की तरफ से कहा गया था कि सभी पीड़ितों ने पहली बार कोर्ट में ही बयान दिया। कोर्ट के पहले पीड़ितों ने पुलिस या मजिस्ट्रेट या सीबीआई को कोई बयान नहीं दिया।
25 फरवरी 2019 से सुनवाई शुरू हुई थी
इस मामले में साकेत कोर्ट ने पिछले 25 फरवरी से सुनवाई शुरु की थी। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 7 फरवरी को इस केस की सुनवाई बिहार से दिल्ली की साकेत कोर्ट में ट्रांसफर किया था। सुप्रीम कोर्ट ने निर्दश दिया था कि इस मामले की सुनवाई 6 महीने में पूरी की जाए।
रेप और पॉस्को एक्ट के तहत आरोप तय हुए थे
पिछले 30 मार्च को कोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए थे। कोर्ट ने आरोपियों पर यौन उत्पीड़न, आपराधिक साजिश, पॉस्को एक्ट की धारा 3, 5 और 6 के सहित अन्य धाराओं के तहत मुकदमा चलाने का आदेश दिया था । इस मामले में मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर समेत 21 लोगों को आरोपी बनाया गया है। 



Conclusion:कौन-कौन थे आरोपी
इस मामले में सीबीआई ने जिन लोगों को आरोपी बनाया गया था उनमें मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर, शाइस्ता प्रवीण ऊर्फ मधु, मोहम्मद साहिल ऊर्फ विक्की, मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर का चाचा रामानुज, बाल कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष दिलीप वर्मा, शेल्टर होम के मैनेजर रामाशंकर सिंह , अश्विनी कुमार और कृष्णा कुमार राम शामिल हैं।
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