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क्रिकेटचा देव सचिनही झालाय या मड्डारामवर फिदा...!!

क्रिकेट किती पातळीपर्यंत लोकांना वेडं बनवू शकतं याचं जीवंत उदाहरण आहे...बस्तरच्या दंतेवाडा जिल्ह्यातील एक बालक मड्डाराम कवासी...मड्डारामचे क्रिकेटबद्दलचं वेड असं काही आहे की, क्रिकेटचा देव सचिन तेंडूलकरही त्याचे कौतुक करताना थकला नाही. दोन्ही पायांनी दिव्यांग असलेल्या मड्डारामला क्रिकेट खेळताना पाहून प्रत्येकजण चकित झाल्या शिवाय राहात नाहीत.

madda ram who plays cricket
मड्डाराम कवासी
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Published : Jan 3, 2020, 10:34 PM IST


मड्डाराम गेली दोन वर्षांपासून क्रिकेट खेळतो आहे... पण गेल्या काही दिवसात त्याचा क्रिकेट खेळतानाचा व्हिडिओ व्हायरल झाला.यातून त्याने लोकांचे लक्ष वेधले आणि पाहता पाहता तो जगभर पसरला. त्याच्या व्हिडिओने फक्त सामान्य लोकांनाच प्रेरित केले नाही तर सचिन तेंडूलकरनेही त्याचा व्हिडिओ नवीन वर्षाच्या पहिल्या दिवशी ट्विट करीत त्याचे कौतुक केले.

दिव्यांग क्रिकेटर मड्डाराम कवासी

दंतोवाडा या नक्षल प्रभावीत जिल्ह्यातील बेंगलूर पंचायतमध्ये मड्डारामचे घर आहे. तो सातवीत शिकत आहे. तो नेहमी शाळेच्या मित्रांसोबत क्रिकेट खेळताना दिसतो. मड्डारामला त्याच्या मित्रांचेही पूर्ण सहकार्य मिळतं. तो दिव्यांग असला तरी त्याच्यात क्रिकेट खेळण्याची इतकी जबरदस्त इच्छाशक्ती आहे, की त्याचे सहकारीही त्याच्यासोबत खेळताना आनंदित असतात. मड्डारामही आपल्या टीमला कधी निराश करीत नाही. त्याच्या क्रिकेटवरील प्रेमाकडे पाहून म्हटलं जातं की, मंझीले उन्हेंको मिलती है जिनके सपनों में जान होती है. पंख से कुछ नाही होता, होसलोंसे उडान होती है.

  • Start your 2020 with the inspirational video of this kid Madda Ram playing cricket 🏏 with his friends.
    It warmed my heart and I am sure it will warm yours too. pic.twitter.com/Wgwh1kLegS

    — Sachin Tendulkar (@sachin_rt) January 1, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">


मड्डाराम गेली दोन वर्षांपासून क्रिकेट खेळतो आहे... पण गेल्या काही दिवसात त्याचा क्रिकेट खेळतानाचा व्हिडिओ व्हायरल झाला.यातून त्याने लोकांचे लक्ष वेधले आणि पाहता पाहता तो जगभर पसरला. त्याच्या व्हिडिओने फक्त सामान्य लोकांनाच प्रेरित केले नाही तर सचिन तेंडूलकरनेही त्याचा व्हिडिओ नवीन वर्षाच्या पहिल्या दिवशी ट्विट करीत त्याचे कौतुक केले.

दिव्यांग क्रिकेटर मड्डाराम कवासी

दंतोवाडा या नक्षल प्रभावीत जिल्ह्यातील बेंगलूर पंचायतमध्ये मड्डारामचे घर आहे. तो सातवीत शिकत आहे. तो नेहमी शाळेच्या मित्रांसोबत क्रिकेट खेळताना दिसतो. मड्डारामला त्याच्या मित्रांचेही पूर्ण सहकार्य मिळतं. तो दिव्यांग असला तरी त्याच्यात क्रिकेट खेळण्याची इतकी जबरदस्त इच्छाशक्ती आहे, की त्याचे सहकारीही त्याच्यासोबत खेळताना आनंदित असतात. मड्डारामही आपल्या टीमला कधी निराश करीत नाही. त्याच्या क्रिकेटवरील प्रेमाकडे पाहून म्हटलं जातं की, मंझीले उन्हेंको मिलती है जिनके सपनों में जान होती है. पंख से कुछ नाही होता, होसलोंसे उडान होती है.

  • Start your 2020 with the inspirational video of this kid Madda Ram playing cricket 🏏 with his friends.
    It warmed my heart and I am sure it will warm yours too. pic.twitter.com/Wgwh1kLegS

    — Sachin Tendulkar (@sachin_rt) January 1, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
Intro:जगदलपुर । छत्तीसगढ़ के घोर नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले के कटेकल्याण ब्लॉक के बेंगलुरु में रहने वाले छात्र ने अपने खेल के प्रति जुनून से सबको अपनी और आकर्षित कर लिया है। दोनों पैरों से विकलांग सातवीं कक्षा में अध्यनरत मडाराम के हौसले से भरी खेल से क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर भी प्रेरित होकर मडाराम के वीडियो को सोशल मीडिया में वायरल कर उसे एक पहचान दे दिया है। सोशल मीडिया में तेजी से वीडियो वायरल होने के बाद अब मड्डराम देश दुनिया में नाम कमा चुका है। ईटीवी भारत की टीम आज इस छात्र के खेल के जुनून को देखने उसके गांव पहुंची।

ओपीनिंग पीटीसी 1


Body: बेंगलुरु ग्राम पंचायत के प्राथमिक शाला में सातवीं कक्षा में पढ़ने वाला मडाराम बचपन से ही विकलांग है। घर वालों ने कई जगह इलाज करने के लिए काफी मशक्कत की लेकिन इलाज संभव नहीं हो पाया। कहा जाता है कि हौसले बुलंद हो तो कोई भी व्यक्ति आसमान छू सकता है ठीक इसी प्रकार मडाराम ने विकलांगता को अपनी कमजोरी नहीं समझी और क्रिकेट के प्रति उसका जुनून काबिले तारीफ है । और उसका खेल देखते ही बनता है। अपनी बैटिंग और रनिंग से मडाराम सभी को आकर्षित करता है उसके तेज गति से रन दौड़ने की वजह से उसके संगी साथी भी समझ नहीं पाते और यही वजह है कि उसके साथी भी उसे एक अच्छा बैट्समैन ,बॉलर और ऑलराउंडर कहते हैं।


Conclusion:मडाराम का कहना है कि वह पिछले 2 सालों से क्रिकेट खेलता आ रहा है । और उसके दोस्त भी कभी उसे क्रिकेट खिलाने से कतराते नहीं हैं। हालांकि मडाराम क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर को नहीं जानता लेकिन वह क्रिकेट देखने का शौकीन जरूर है । मडाराम का कहना है कि वह आगे अच्छा पढ़ना चाहता है और डॉक्टर बनना चाहता है ताकि उसकी तरह किसी बच्चे को विकलांगता की मार ना झेलनी पड़े। साथ ही वह अच्छे से पढ़ाई कर अपने जिले और प्रदेश का नाम रोशन करना चाहता है।
पढ़ाई में अव्वल रहने की वजह से मडाराम इससे पहले भी अपनी फर्राटेदार अंग्रेजी से देश के प्रधानमंत्री को प्रभावित कर चुका है। दरअसल 9 मई 2014 को दंतेवाड़ा प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जावंगा एजुकेशन हब में मडाराम से मुलाकात की और उसका नाम पूछा, मडाराम ने बताया कि वह प्रधानमंत्री से हाथ मिला कर काफी खुश हुआ।

इधर मडाराम की माता भीमें का कहना है कि मडाराम को विकलांगता से आजाद कराने के लिए उन्होंने कई अस्पतालों के चक्कर काटे । देसी इलाज के साथ-साथ उन्हें कहीं जद्दोजहद करनी पड़ी और प्रशासन से मदद की गुहार भी लगाई लेकिन उन्हें तब किसी तरह की मदद नहीं मिली । हालांकि भीमे का कहना है कि उनका बेटा पढ़ाई में अव्वल है और हमें उम्मीद है प्रशासन आगे भी उसके पढ़ाई के लिए हाथ बढ़ाएगा और मडाराम ने जो डॉक्टर बनने का सपना देखा है वह उसे पूरा करेगा।

अपने खेल के जुनून से देश दुनिया में चर्चित होने के बाद शिक्षा विभाग ने भी मडाराम की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। जिला के शिक्षा अधिकारी का कहना है कि मडाराम ने अपने खेल के जुनून से न सिर्फ स्कूल का बल्कि अपने जिले और पूरे प्रदेश का नाम रौशन किया है । और इसके लिए शिक्षा विभाग गौरवान्वित महसूस कर रहा है । जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि शिक्षा से संबंधित जो भी आवश्यकता मडाराम को होगी शिक्षा विभाग उसे पूरा करेगा।
सोशल मीडिया में तेजी से मडाराम के खेल का वीडियो वायरल होने के बाद उनके गांव वाले भी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि क्रिकेट के महारथी सचिन तेंदुलकर ने उनके गांव के विकलांग छात्र के वीडियो को अपने द्वारा वायरल करने से मडाराम के चाहने वालों का तांता लगा है। और हम चाहते हैं कि मडाराम के इस हिम्मत और हौसले के लिए प्रशासन उसकी पूरी मदद करें और वह आगे अच्छे से पढ़ाई कर और खेलकर खूब नाम कमाएं।

मडाराम के देश दुनिया में चर्चित होने के बाद अब उससे मिलने के लिए लोगों का ताता लगा हुआ है। सुकमा जिला पंचायत के अध्यक्ष व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के सुपुत्र हरिश कवासी भी मडाराम से मिलने उसके घर पहुंचे और उन्होंने मडाराम को प्रोत्साहित करते हुए जल्द ही उसे बैटरी साइकिल प्रशासन की ओर से दिलाने की बात कही। उसे पढ़ाई और खेल से संबंधित हर सहयोग देने का आश्वासन दिया ।

WT - छात्रों के साथ

वन टू वन - मडाराम कवासी, छात्र

बाईट1- भीमे, मडाराम की माता "महिला"

बाईट2- राजेश कर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी

बाईट3- मुकेश, ग्रामीण "येलो शर्ट"

बाईट4-हरीश कवासी, अध्यक्ष जिला पंचायत सुकमा "तिलक लगाये"

CLOSING PTC - ASHOK NAIDU

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