ईश्वर के करीब होने का एहसास कराता है जागर, जानिए क्या कहते हैं पद्मश्री प्रीतम भरतवाण - देहरादून समाचार
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देवभूमि उत्तराखंड में पारंपरिक जागर का अपना अलग महत्व है. मौका चाहे खुशी का हो या फिर गम का. प्रदेश के दुरस्थ पहाड़ी जनपदों में हर मौके पर जागर गाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. जागर को और बेहतर तरीके से समझने के लिए ईटीवी भारत ने जागर सम्राट पद्मश्री डॉ प्रीतम भरतवाण से खास बातचीत की.
Last Updated : Jul 31, 2019, 2:37 PM IST