परमवीर चक्र विजेता मेजर शैतान सिंह की शौर्यगाथा, मरते दम तक दुश्मनों से लिया लोहा
'दस-दस को एक ने मारा, फिर गिर गए होश गंवा के, जब अंत समय आया तो कह गए कि हम चलते हैं, खुश रहना मेरे देश के प्यारों अब हम तो सफर करते हैं' कवि ये पंक्तियां मेजर शैतान सिंह की शौर्य गाथा को जीवंत करती हैं. उत्तराखंड के कुमाऊं रेजिमेंट के 13वीं बटालियन की सी कम्पनी के मेजर रहे परमवीर चक्र विजेता मेजर शैतान सिंह की वीर गाथा सुनकर आपका दिल भी जोश से भर जाएगा.