उत्तरकाशीः सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोरी में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है. यहां बिना एक भी दिन चले 10 लाख कीमत की एक्सरे मशीन खराब हो गई. जिसे ठीक करवाने के लिए अब विभाग की ओर से पत्राचार किया जा रहा है. विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इस मशीन को ठीक करवाने पर दो लाख रुपए से ज्यादा का खर्चा आएगा. वहीं, मोरी में एक्सरे की सुविधा न मिलने पर ग्रामीणों को 40 किमी से ज्यादा दूरी तय कर पुरोला पहुंचना पड़ रहा है.
जानकारी के मुताबिक, उत्तरकाशी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोरी में साल 2020 में करीब 10 लाख रुपए कीमत की एक्सरे मशीन स्थापित की गई थी. ताकि, मोरी क्षेत्र के दूरदराज के ग्रामीणों को एक्सरे की सुविधा का लाभ मिल सके, लेकिन जब मशीन स्थापित की गई तब यहां तकनीशियन ही नहीं था. जिसके चलते मशीन का संचालन नहीं हो पाया. जब यहां तकनीशियन की व्यवस्था की गई तो कोरोना काल में स्वास्थ्य केंद्र में मरम्मत कार्य शुरू हो गया.
ऐसे में एक्सरे मशीन समेत तमाम साजो सामान को आवासीय भवन में स्थानांतरित करना पड़ा. स्वास्थ्य केंद्र में मरम्मत कार्य पूरा होने पर जब दोबारा मशीन को स्थापित कर इसका संचालन शुरू करने के लिए इंजीनियर को बुलाया गया तो मशीन खराब मिली. ऐसे में इसका संचालन ही नहीं हो पाया. वहीं, एक्सरे के लिए ग्रामीणों को पुरोला, बड़कोट या विकासनगर का रुख करना पड़ रहा है.
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जब चेक किया तो खराब मिली मशीनः मशीन की जांच करने वाले किर्लोस्कर टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के इंजीनियर दीपक चौरसिया का कहना है कि केयर स्ट्रीम कंपनी की विटा फ्लेक्स मॉडल एक्सरे मशीन की कीमत 10.46 लाख रुपए है. जब उन्होंने मशीन की जांच की तो वो पहले से खराब थी. उन्होंने बताया कि मशीन रिपेयर का एस्टीमेट तैयार कर उनकी ओर से एनएचएम को भेजा गया है.
कोरोना की दूसरी लहर में स्वास्थ्य केंद्र मोरी में नवीनीकरण के लिए मरम्मत के कार्य हुए थे. जिसके चलते एक्सरे मशीन को आवासीय भवन में शिफ्ट करना पड़ा था. ऐसे में मशीन में कुछ लेजर की दिक्कतें आई है. इंजीनियर से भी इसे दिखवाया गया है. अब मशीन को ठीक करवाने के लिए कार्रवाई की जा रही है. - डॉक्टर नितिश रावत, प्रभारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोरी