उत्तरकाशी: तुनालका गांव की बेटियों ने अपने आराध्य देव भदेश्वर महाराज को चांदी का त्रिशूल और डमरू भेंट किया. गांव की ध्याणियों और अविवाहित लड़कियों ने करीब साढ़े चार लाख रुपए सामूहिक चंदा एकत्र किया. इन पैसों से चांदी का त्रिशूल और डमरू बना कर अपने इष्ट देव को भेंट किया. इस पुण्य कार्य में गांव की दो सौ से अधिक ध्याणियों ने सहयोग किया.
शिव का रूप हैं भदेश्वर महाराज: भदेश्वर महाराज को शिव का रूप माना गया है. नौगांव, मुंगरा, मुराड़ी, तुनालका, धारी, देवलसरी, मुलाना गांव में भगवान शिव को भदेश्वर देवता के रूप में पूजा जाता है. तुनालका गांव की बेटियों ने गांव में दो दिन तक विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान किये. दो दिन तक चले इस धार्मिक अनुष्ठान में गांव से बाहर विवाहित बेटियों और अविवाहित लड़कियों ने पूरा सहयोग किया. इस दौरान गांव से गंगनानी कुंड तक देव यात्रा निकाली.
भदेश्वर महादेव को चढ़ाए चांदी के त्रिशूल और डमरू: देव डोली के साथ त्रिशूल और डमरू को स्नान करवाया. उसके बाद रात्रि जागरण के साथ भव्य मेले का आयोजन किया. महिलाओं ने अपने आराध्य देव को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के भोग चढ़ा कर देव डोली के साथ नृत्य किया. इस दौरान देव पश्वा अमित नौटियाल ने ग्रामीणों को सुख समृद्धि का आशीर्वाद दिया. जिसके बाद उन्होंने अपने आराध्य देव भदेश्वर महाराज को चांदी का त्रिशूल व डमरू भेंट किये.
गांव की महिलाओं ने इकट्ठा किए साढ़े चार लाख रुपए: ग्राम प्रधान विकास मैठाणी ने बताया कि देवता की डोली को चांदी का त्रिशूल और डमरू देने की पहल को गांव की ध्याणियों ने मिल कर निभाया है. दो सौ से अधिक महिलाओं का इसमें सहयोग रहा. दो दिवसीय कार्यक्रम के दौरान गांव में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान रखे गये. उन्होंने कहा कि बेटियों की ये पहल अन्य गांवों के लिए भी एक मिसाल बनेगी. इन बेटियों की हर जगह पर तारीफ हो रही है. उन्होंने कहा कि अपने आराध्य देवता के प्रति बड़ी अस्था है. हर साल श्रावण माह में भदेश्वर महाराज का मेला होता है. तब बड़ी संख्या में आसपास के ग्रामीण एकत्र होते हैं, जहां देवता से आशीर्वाद लेते हैं.
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