उत्तरकाशीः मोरी ब्लॉक के आपदाग्रस्त आराकोट बंगाण क्षेत्र में एक बार फिर से तबाही देखने को मिली है. इस बार दुचाणू गांव के जला खड्ड में सैलाब आया है. जिसके चलते टिकोची के ठीक सामने जला डोगरी नामे तोक में दो आवासीय भवनों समेत तीन गौशालाओं को नुकसान पहुंचा है. जबकि, हादसे में एक महिला की बहने की सूचना है. दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. वहीं, गाय और बकरियां भी बह गई. साथ ही कृषि भूमि को भी नुकसान हुआ है.
उप जिलाधिकारी देवानंद शर्मा ने बताया कि गदेरे के उफान पर आने से मदन सिंह की पत्नी भूमि देवी (उम्र 55 वर्ष) बह गई हैं. जबकि, मदन सिंह और उनकी बहू सुमित्रा देवी पत्नी करतार सिंह को बचा लिया गया है, जो घायल हुए हैं. उन्हें अस्पताल ले जाया गया है. उधर, घटना की सूचना मिलते ही मोरी तहसीलदार जबर असवाल राजस्व टीम और एसडीआरएफ टीम के साथ मौके पर पहुंच गई हैं.
वहीं, जागटा गांव में भी नाले का रौद्र रूप देखने को मिला है, जिससे गांव में भारी नुकसान की खबरें है. क्योंकि, यह नाला गांव के बीचों बीच होकर गुजरता है. बताया जा रहा है कि खेतों को भी काफी नुकसान पहुंचा है. इसके अलावा बारिश से जगह-जगह झरने फूट पड़े हैं. बरसाती नालों में पानी की धार बह रही है. जबकि, कई लोगों के सेब के पेड़ों को नुकसान हुआ है.
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कांग्रेस जिलाध्यक्ष दिनेश चौहान ने स्थानीय प्रशासन और सरकार पर साल 2019 की आपदा से सीख न लेने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि चिंवा, टिकोची, माकुड़ी, मोल्डी, आराकोट क्षेत्र में आपदा के जख्म आज तक नहीं भरे हैं. तभी से लोग आराकोट में एसडीआरएफ की टीम तैनात करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है.
बीती रात भी दुचाणू गांव के पास जला डोगरी नामे तोक में गदेरे के उफान से एक महिला बह गई है. जिसका अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है. जबकि, दो लोग घायल हैं. उनका कहना है कि घटना के 12 घंटे बाद तक स्थानीय प्रशासन और एसडीआरएफ मौके पर नहीं पहुंची. यदि एसडीआरएफ टीम आराकोट या कहीं नजदीक होती तो समय रहते मौके पर पहुंच जाती. जिससे रेस्क्यू आदि में मदद मिलती. वहीं, आपदा परिचालन केंद्र उत्तरकाशी की मानें तो रेस्क्यू टीम घटना स्थल में पहुंच गई है.
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