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उत्तरकाशी: जर्जर भवन में संचालित हो रहे पूर्ति विभाग के गोदाम - उत्तरकाशी में पूर्ति विभाग के 16 गोदाम संचालित

उत्तरकाशी में पूर्ति विभाग के 16 गोदाम संचालित होते हैं, 10 गोदाम सरकारी भवनों और छह निजी भवनों में संचालित हो रहे हैं. बरसात में छत से पानी टपकने और दीवारों पर सीलन के कारण राशन भी खराब होता है.

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Published : Oct 20, 2022, 2:52 PM IST

उत्तरकाशी: पूर्ति विभाग के गोदाम जर्जर भवनों में संचालित हो रहे हैं, कुछ भवनों की स्थिति इतनी खराब है कि कभी भी गिर सकते हैं. वहीं कुछ गोदाम निजी भवनों से संचालित किया जाएगा. पूर्ति विभाग का कहना है कि जर्जर भवनों की मरम्मत का प्रस्ताव विभागीय आयुक्त को भेजने के साथ ही जिला प्रशासन से भी अनुरोध किया गया है. स्वीकृति मिलने पर मरम्मत का काम किया जाएगा.

उत्तरकाशी में पूर्ति विभाग के 16 गोदाम संचालित होते हैं, 10 गोदाम सरकारी भवनों और छह निजी भवनों में संचालित हो रहे हैं. जिन सरकारी भवनों में गोदाम संचालित हो रहे हैं उन सभी की स्थिति जर्जर है. बरसात में छत से पानी टपकने और दीवारों पर सीलन के कारण राशन भी खराब होता है. वहीं बधाणगांव, बनचौरा, तालुका, दौणी, डामटा और जखोल में पूर्ति विभाग के गोदाम निजी भवनों पर संचालित हो रहे हैं.

पढ़ें: ज्वलंत मुद्दों को लेकर बदरीनाथ जाएंगे यूकेडी नेता, पीएम मोदी से मांगेंगे जवाब

पूर्ति विभाग का कहना है कि जर्जर भवनों की मरम्मतीकरण के लिए प्रस्ताव विभागीय आयुक्त को भेजा गया है. वहीं, डीएसओ संतोष भट्ट का कहना है कि गोदाम के भवनों की मरम्मत के लिए विभागीय आयुक्त को प्रस्ताव भेजा गया है. आरईएस को इस्टीमेट तैयार करने के लिए कहा गया है और जिलाधिकारी से भी अनुरोध किया गया है.

उत्तरकाशी: पूर्ति विभाग के गोदाम जर्जर भवनों में संचालित हो रहे हैं, कुछ भवनों की स्थिति इतनी खराब है कि कभी भी गिर सकते हैं. वहीं कुछ गोदाम निजी भवनों से संचालित किया जाएगा. पूर्ति विभाग का कहना है कि जर्जर भवनों की मरम्मत का प्रस्ताव विभागीय आयुक्त को भेजने के साथ ही जिला प्रशासन से भी अनुरोध किया गया है. स्वीकृति मिलने पर मरम्मत का काम किया जाएगा.

उत्तरकाशी में पूर्ति विभाग के 16 गोदाम संचालित होते हैं, 10 गोदाम सरकारी भवनों और छह निजी भवनों में संचालित हो रहे हैं. जिन सरकारी भवनों में गोदाम संचालित हो रहे हैं उन सभी की स्थिति जर्जर है. बरसात में छत से पानी टपकने और दीवारों पर सीलन के कारण राशन भी खराब होता है. वहीं बधाणगांव, बनचौरा, तालुका, दौणी, डामटा और जखोल में पूर्ति विभाग के गोदाम निजी भवनों पर संचालित हो रहे हैं.

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पूर्ति विभाग का कहना है कि जर्जर भवनों की मरम्मतीकरण के लिए प्रस्ताव विभागीय आयुक्त को भेजा गया है. वहीं, डीएसओ संतोष भट्ट का कहना है कि गोदाम के भवनों की मरम्मत के लिए विभागीय आयुक्त को प्रस्ताव भेजा गया है. आरईएस को इस्टीमेट तैयार करने के लिए कहा गया है और जिलाधिकारी से भी अनुरोध किया गया है.

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