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सरकार को आईनाः हाथों में कुदाल, फावड़ा और गैंती लिये खुद सड़क बनाने निकल पड़े ग्रामीण

उत्तरकाशी के जसपुर सिल्याण गांव के ग्रामीण सरकार के लापरवाह रवैये के कारण खुद ही सालों से लटकी सड़क को बनाने में जुट गए हैं.

ग्रामीणों ने शुरू किया सड़क निर्माण कार्य.
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Published : Jun 30, 2019, 9:08 PM IST

उत्तरकाशीः हाथों में कुदाल, फावड़ा और गैंती लिये ये ग्रामीण सड़क बनाने के लिए निकले हैं. सड़क निर्माण करने का जोश और इसे पूरा करने की बेकरारी ग्रामीणों की आंखों में साफ देखी जा सकती है. दरअसल, सरकार के लापरवाह रवैये के कारण नाराज ग्रामीणों ने खुद ही सालों से लटकी सड़क बनाने का फैसला लिया है.

जसपुर सिल्याण के ग्रामीण कहते हैं, क्या करें धरना प्रदर्शन कर लिया, ज्ञापन सौंप दिया... लेकिन न तो प्रशासन सुन रहा है और न ही शासन कोई कदम उठा रहा है. ऐसे में सड़क निर्माण की राह देखने से तो अच्छा है कि खुद ही गांव तक जाने का रास्ता बना लिया जाए. शासन प्रशासन की अनदेखी से परेशान ग्रामीणों की मजबूरी पर देखिये ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट...

ग्रामीणों ने शुरू किया सड़क निर्माण कार्य.

पढ़ें: NH-74 घोटाला: बीजेपी विधायक ने SIT पर उठाये सवाल, कहा- बड़े 'मगरमच्छों' तक नहीं पहुंची जांच

रविवार को शासन प्रशासन की अनदेखी से मजबूर जसपुर-सिल्याण, निराकोट के ग्रामीण कूटेटी देवी के समीप मोड़ पर पहुंचे. जहां से लोक निर्माण विभाग भटवाड़ी खंड ने तीनों गांव के लिए 8 किमी सड़क का सर्वे किया था. यहां पहुंचकर गांववासियों ने स्वयं भूमि पूजन किया और सड़क खोदनी शुरू कर दी.

सिल्याण गांव के पूर्व प्रधान गब्बर सिंह ने बताया कि जिला मुख्यालय के समीप होने के बाद भी गांव में सड़क नहीं पहुंची है. इस वजह से स्थानीय लोगों को समय पर उपचार नहीं मिल पाता है, जिस कारण गांव में कई मौतें हो चुकी हैं. ग्रामीणों का कहना है कि कई बार धरना, जुलूस प्रदर्शन के माध्यम से शासन प्रशासन को परेशानी बताई गयी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. स्थानीय निवासियों ने बताया कि अब ग्रामीण तबतक सड़क निर्माण में जुटे रहेंगे, जब तक विभाग की जेसीबी सड़क खोदने के लिए मौके पर नहीं पहुंचती.

ग्रामीण किशन सिंह ने बताया कि साल 2007 में जसपुर-सिल्याण-निराकोट तीनों गांव को जोड़ने के लिए 8 किमी सड़क का सर्वे हुआ और तत्कालीन सीएम निशंक ने शिलान्यास भी किया. लेकिन, 12 साल बीत जाने के बाद भी सड़क निर्माण शुरू नहीं किया गया. अब ग्रामीणों के पास खुद ही सड़क निर्माण करने के लिए अलावा और कोई चारा नहीं है, क्योंकि शासन-प्रशासन तो सुनवाई को तैयार ही नहीं है.

वहीं, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता आरएस खत्री ने बताया कि जसपुर सिल्याण निराकोट मोटर मार्ग की स्वीकृति के लिए वन मंत्रालय भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है. वहां से स्वीकृति मिलने के बाद ही आगे की कार्य शुरू किया जाएगा.

उत्तरकाशीः हाथों में कुदाल, फावड़ा और गैंती लिये ये ग्रामीण सड़क बनाने के लिए निकले हैं. सड़क निर्माण करने का जोश और इसे पूरा करने की बेकरारी ग्रामीणों की आंखों में साफ देखी जा सकती है. दरअसल, सरकार के लापरवाह रवैये के कारण नाराज ग्रामीणों ने खुद ही सालों से लटकी सड़क बनाने का फैसला लिया है.

जसपुर सिल्याण के ग्रामीण कहते हैं, क्या करें धरना प्रदर्शन कर लिया, ज्ञापन सौंप दिया... लेकिन न तो प्रशासन सुन रहा है और न ही शासन कोई कदम उठा रहा है. ऐसे में सड़क निर्माण की राह देखने से तो अच्छा है कि खुद ही गांव तक जाने का रास्ता बना लिया जाए. शासन प्रशासन की अनदेखी से परेशान ग्रामीणों की मजबूरी पर देखिये ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट...

ग्रामीणों ने शुरू किया सड़क निर्माण कार्य.

पढ़ें: NH-74 घोटाला: बीजेपी विधायक ने SIT पर उठाये सवाल, कहा- बड़े 'मगरमच्छों' तक नहीं पहुंची जांच

रविवार को शासन प्रशासन की अनदेखी से मजबूर जसपुर-सिल्याण, निराकोट के ग्रामीण कूटेटी देवी के समीप मोड़ पर पहुंचे. जहां से लोक निर्माण विभाग भटवाड़ी खंड ने तीनों गांव के लिए 8 किमी सड़क का सर्वे किया था. यहां पहुंचकर गांववासियों ने स्वयं भूमि पूजन किया और सड़क खोदनी शुरू कर दी.

सिल्याण गांव के पूर्व प्रधान गब्बर सिंह ने बताया कि जिला मुख्यालय के समीप होने के बाद भी गांव में सड़क नहीं पहुंची है. इस वजह से स्थानीय लोगों को समय पर उपचार नहीं मिल पाता है, जिस कारण गांव में कई मौतें हो चुकी हैं. ग्रामीणों का कहना है कि कई बार धरना, जुलूस प्रदर्शन के माध्यम से शासन प्रशासन को परेशानी बताई गयी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. स्थानीय निवासियों ने बताया कि अब ग्रामीण तबतक सड़क निर्माण में जुटे रहेंगे, जब तक विभाग की जेसीबी सड़क खोदने के लिए मौके पर नहीं पहुंचती.

ग्रामीण किशन सिंह ने बताया कि साल 2007 में जसपुर-सिल्याण-निराकोट तीनों गांव को जोड़ने के लिए 8 किमी सड़क का सर्वे हुआ और तत्कालीन सीएम निशंक ने शिलान्यास भी किया. लेकिन, 12 साल बीत जाने के बाद भी सड़क निर्माण शुरू नहीं किया गया. अब ग्रामीणों के पास खुद ही सड़क निर्माण करने के लिए अलावा और कोई चारा नहीं है, क्योंकि शासन-प्रशासन तो सुनवाई को तैयार ही नहीं है.

वहीं, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता आरएस खत्री ने बताया कि जसपुर सिल्याण निराकोट मोटर मार्ग की स्वीकृति के लिए वन मंत्रालय भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है. वहां से स्वीकृति मिलने के बाद ही आगे की कार्य शुरू किया जाएगा.

Intro:उत्तरकाशी के जसपुर सिल्याण निराकोट के लिए 2007 में 8 किमी सड़क स्वीकृत हुई थी। जो कि आज तक नहीं बन पाई है। ग्रामीणों ने आज स्वयं सड़क निर्माण का कार्य शुरू कर दिया है। उत्तरकाशी। ....जब ग्रामीणों ने स्वयं कुदाल गैंती और फावड़ा उठाया और स्वयं करीब 8 किमी सड़क का निर्माण करने में जुट गए। कहा कि क्या करें, धरना कर दिया,प्रदर्शन कर दिया। लेकिन न ही प्रशासन के पास सुनवाई हो रही है और न ही शासन सुन रहा है। जिला मुख्यालय के समीप होने के बावजूद भी सड़क न होने के कारण स्थानीय लोगों को समय पर उपचार नहीं मिल पाता है। जिस कारण गांव में कई मोतें हो चुकी हैं। यह कहना है सिल्याण गांव के पूर्व प्रधान गब्बर सिंह का। शासन प्रशासन की अनदेखी से परेशान ग्रामीणों की मजबूरी की कहानी etv bharat की exclusive ग्राउंड रिपोर्ट।


Body:वीओ-1, रविवार को शासन प्रशासन की अनदेखी से मजबूर जसपुर-सिल्याण,निराकोट के ग्रामीण कूटेटी देवी के समीप मोड़ पर पहुंचे और जहाँ से लोक निर्माण विभाग भटवाड़ी खण्ड ने तीनों गांव के लिए 8 किमी का सर्वे किया था। वहाँ पर स्वयं भूमि पूजन किया और उसके बाद ग्रामीणों ने सड़क खोदनी शुरू की। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार धरना जुलूस प्रदर्शन के माध्यम से शासन प्रशासन को बताया,लेकिन उसके बाद भी कोई उनकी परेशानी नहीं सुन रहा है। ग्रामीणों का कहना है सड़क न होने के कारण जब तक बीमार लोगों को अस्पताल तक पहुंचाया जाता है। तब तक वह दम तोड़ देते हैं।इसलिए अब ग्रामीण तब तक सड़क निर्माण में जुटे रहेंगे। जब तक विभाग की जेसीबी सड़क खोदने के लिए मौके पर नहीं पहुंचती है।


Conclusion:वीओ-2, ग्रामीण किशन सिंह ने etv bharat को बताया कि वर्ष 2007 में जसपुर-सिल्याण-निराकोट तीन गांव को जोड़ने के लिए 8 किमी सड़क का सर्वे हुआ था। वहीं सड़क का शिलान्यास भी तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के समय हुआ था। लेकिन तब से लेकर आज तक सड़क निर्माण के लिए किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं हो पाई है। वहीं लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता आर एस खत्री का कहना है कि जसपुर सिल्याण निराकोट मोटर मार्ग की स्वीकृति के लिए वन मंत्रालय भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। वहाँ से स्वीकृति मिलने के बाद ही आगे की कार्यवाही की जाएगी। बाईट- किशन सिंह,ग्रामीण जसपुर। बाईट-गब्बर सिंह,ग्रामीण सिल्याण।
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