उत्तरकाशी: जिला प्रशासन पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए स्यूंणा के ग्रामीणों ने देर शाम गंगोरी के पास गंगोत्री हाईवे पर चक्का जाम लगा दिया, जिसके चलते हाईवे के दोनों तरफ वाहनों का लंबा जाम लग गया. जाम के चलते गंगोत्री हाईवे पर कुछ देर के लिए ट्रैफिक व्यवस्था पटरी से उतर गई. इस दौरान चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को कुछ देर के लिए परेशानी का सामना करना पड़ा.
दरअसल, स्यूंणा गांव में वर्तमान में 30 से 35 परिवार निवास करते हैं. पुल सुविधा न होने से ग्रामीण सड़क मार्ग से काफी समीप होने के बावजूद 6 से 7 किमी का पैदल सफर तय करते हैं. शासन-प्रशासन के रवैये से परेशान होकर स्यूंणा के ग्रामीण हर साल गंगोरी के पास स्वयं के संसाधनों से गंगा भागीरथी में पानी कम होने पर लकड़ी का वैकल्पिक पुल बनाकर आवाजाही करते हैं. लकड़ी के पुल से आवाजाही करते समय ग्रामीणों के साथ छोटे स्कूली बच्चों को भी गंगा भागीरथी नदी पार करनी पड़ती है.
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बुधवार को इसी लकड़ी के वैकल्पिक पुल से आवाजाही करते समय गांव की एक लड़की भागीरथी नदी में गिर गई थी. हालांकि, नदी में गिरी लड़की को किसी तरह ग्रामीणों ने बचा लिया लेकिन इस घटना के बाद ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ गया. ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में एकत्रित होकर गंगोरी में गंगोत्री हाईवे जाम कर दिया. चक्का जाम के दौरान ग्रामीणों ने शासन प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रोष जताया.
ग्रामीणों का कहना है कि जनपद मुख्यालय से मात्र 4 किमी की दूरी पर स्थित स्यूंणा के ग्रामीण लंबे समय जिला प्रशासन से गांव को जोड़ने के लिए पुल बनाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन ग्रामीणों की मांग आजतक पूरी नहीं हो पाई है. वहीं, जाम की सूचना पर एसडीएम भटवाड़ी सीएस चौहान मौके पर पहुंचे. उन्होंने ग्रामीणों से पुल बनाने व इलेक्ट्रिक ट्रॉली जल्द से जल्द लगवाने का लिखित आश्वासन दिया, तब जाकर ग्रामीणों ने जाम खोला. इस बीच करीब एक घंटे तक जाम के कारण गंगोत्री धाम की यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्री जाम में फंसे रहे.