उत्तरकाशी: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत नाल्ड गांव में ग्रामीणों को सड़क योजना का लाभ तो मिला, लेकिन ग्रामीण विकास विभाग की लापरवाही और अनदेखी ग्रामीणों पर भारी पड़ रहा है. विभाग ने सड़क के अंतिम स्टेज पर नालियों का निर्माण नहीं किया. जिसके कारण नाल्ड गांव के आधे हिस्से में जलभराव की स्थिति बन गई है. वहीं, सड़क के आसपास के मकानों पर दरारें पड़ गई हैं. साथ ही ग्रामीणों के लिए खतरा बढ़ गया है.
बता दें कि साल 2006-07 में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत नाल्ड गांव को सड़क से जोड़ा गया था. नाल्ड गांव के ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें नहीं मालूम था कि यह सुविधा ही ग्रामीण विकास विभाग की लापरवाही के कारण उनके लिए मुसीबत बन जाएगी. ग्रामीण विकास विभाग ने सड़क के अंतिम स्टेज में करीब एक किमी के दायरे में नालियों का निर्माण नहीं किया. अब बरसात में गांव के समीप सड़क तालाब में तब्दील हो जाती है.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड के अलग-अलग इलाकों में कोरोना का कहर, सतर्क हुआ प्रशासन
नाल्ड गांव के प्रधान सुनील राणा का कहना है कि पानी की निकासी की व्यवस्थाएं न हो पाने के कारण रिसाव से गांव के आधे हिस्सों में जलभराव का खतरा बन गया है. वहीं खेतों को भी नुकसान हो रहा है. राणा ने बताया कि विभाग को कई बार इस परेशानी के बारे में बताया गया, लेकिन विभाग की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई. बल्कि जो दीवार विभाग ने बनाई थी, वह भी पानी के रिसाव के कारण क्षतिग्रस्त स्थिति में पड़ी हुई है.