उत्तरकाशीः यमुना घाटी में नाग पंचमी पर संस्कृति और विरासत का अनूठा समागम देखने को मिला. जहां देव डोलियों का अनूठा मिलन हुआ तो वहीं ग्रामीणों ने अपने आराध्य नाग देवता को दूध और दही भेंट की. इसके बाद नाग देवता के पश्वा ने दूध और दही से स्नान कर ग्रामीणों को आशीर्वाद दिया. वहीं, देव डोलियों के साथ ग्रामीणों ने रासो तांदी नृत्य किया.
दरअसल, नाग पंचमी 2023 पर यमुना घाटी के कुपड़ा गांव में शेषनाग मंदिर परिसर में भव्य मेले का आयोजन किया गया. जहां शेषनाग के दर्शन के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ी. इस दौरान मंदिर परिसर में मक्खन की होली खेली गई. नाग पंचमी मेले में स्थानीय ग्रामीणों के साथ ही गंगा घाटी और देहरादून, टिहरी जिले से सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे.
नाग पंचमी की तैयारी एक दिन पहले ही शुरू कर दी जाती है. इस मौके पर ग्रामीण मेले में आने वाले मेहमानों के लिए बुग्यालों से ब्रह्मकमल लाकर एकत्रित करते हैं. नाग पंचमी के मौके पर शेषनाग मंदिर को भव्य तरीके से सजाया गया. उसके बाद सैकड़ों श्रद्धालुओं ने शेषनाग देवता के दर्शन किए.
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वहीं, कुपड़ा समेत आस पास के क्षेत्रों से पहुंचे ग्रामीणों ने शेषनाग को दूध, दही और मक्खन भेंट किया. इस अवसर पर टिहरी के जौनपुर के सिलवाड़ पट्टी के नाग देवता की डोली भी कुपड़ा गांव पहुंची. जहां पर दो देव डोलियों का अनूठा मिलन देखने को मिला. अंत में ग्रामीणों ने शेषनाग देवता की देव डोली के साथ दही मक्खन की होली खेलकर आशीर्वाद लिया.
गंगा घाटी में नाग पंचमी मेले की धूमः उधर, नाग पंचमी पर भंकोली और बार्सू गांव में मेले की धूम रही. बार्सू गांव में सुबह से ही ग्रामीण वासुकी नाग देवता मंदिर परिसर में जमा हुए. जहां ग्रामीणों ने वासुकी नाग देवता, समेश्वर देवता, सर्फनाथ, नारायण देवता और नरसिंह देवता का दुग्धाभिषेक किया. इस दौरान बार्सू गांव के ग्रामीण और आस पास से पहुंचे लोगों ने देव डोलियों के साथ रासो नृत्य किया.
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नाग पंचमी पर भंकोली गांव में भी ग्रामीणों ने नाग देवता की विशेष पूजा अर्चना की. मेले में ग्रामीणों ने बाहर से आए मेहमानों का विशेष स्वागत कर आवभगत की. इसके बाद ग्रामीणों ने नाग देवता से गांव की खुशहाली की कामना की. यमुना और गंगा घाटी में नाग पंचमी पर अलग ही माहौल देखने को मिला.