उत्तरकाशी: स्वच्छ भारत अभियान के तहत भारत वर्ष के हर गांव को खुले शौच से मुक्त बनाने की परिकल्पना की जा रही है लेकिन इसके उलट हकीकत कुछ और ही है. यही कारण है कि आज भी विकासखंड भटवाड़ी के नाल्ड गांव के ग्रामीण खुले में शौच को मजबूर हैं. आज भी गांव के करीब 12 परिवारों के पास शौचालय नहीं है.
दरअसल, ब्लॉक प्रमुख विनीता रावत ग्रामीणों की जनसमस्याएं सुनने नाल्ड गांव में पहुंचीं थीं. इस दौरान प्रधान सुनील राणा सहित अन्य ग्रामीणों ने ब्लॉक प्रमुख के सामने अपनी समस्याओं को रखा और बताया कि गांव के 12 परिवारों के पास शौचालय ही नहीं है. वहीं, कई ग्रामीण ऐसे हैं कि जिन्हें वर्षों से सरकार की शौचालय निर्माण की योजनाओं का इंतजार है लेकिन आज तक उन्हें कोई लाभ नहीं मिल पाया. गांव की प्यारी देवी ने ब्लॉक प्रमुख को बताया कि न ही उन्हें आज तक प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिल पाया और न ही शौचालय योजना का.
ग्राम प्रधान सुनील राणा का कहना है कि गांव को ओडीएफ तो घोषित किया है लेकिन आज भी गांव में कई ऐसे परिवार हैं, जिनके शौचालय नहीं बन पाए हैं, विभागीय लापरवाही के चलते लोग बाहर खुले में शौच करने को मजबूर हैं.
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ग्रामीणों की समस्याएं सुनने के बाद ब्लॉक प्रमुख विनीता रावत ने कहा कि उनको पता चला है कि जो पात्र व्यक्ति हैं, उनको भी शौचालय का लाभ नहीं मिल पाया है. सम्बंधित विभागीय अधिकारियों से इस विषय मे जानकारी लेकर उच्च अधिकारियों से जांच की मांग की जाएगी.
उधर, स्वजल परियोजना के प्रबंधक संजय सिंह ने कहा कि सर्वे के बाद गांव में परिवार आए होंगे. इसके चलते जो नए परिवार हैं, उनके पास शौचालय नहीं होगा.