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माउंट एवरेस्ट पर उत्तरकाशी के प्रवीण राणा ने लहराया तिरंगा, इन बेटियों ने भी बनाया है कीर्तिमान - सविता कंसवाल एवरेस्ट फतह

उत्तरकाशी जिले के पर्वतारोही लगातार नए नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं. इसी कड़ी में अस्सी गंगा घाटी के ढासड़ा गांव के पर्वतारोही प्रवीण सिंह राणा ने माउंट एवरेस्ट फतह किया है. जबकि, महिला पर्वतारोही तो पहले ही आगे हैं. जिनमें बछेंद्री पाल, सविता कंसवाल, अनामिका बिष्ट आदि ऐसे नाम हैं, जो उत्तरकाशी जिले के छोटे से गांव से ताल्लुख रखती हैं. जिन्होंने इतिहास रचा है.

Mountaineer Praveen Singh Rana
पर्वतारोही प्रवीण सिंह राणा
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Published : May 24, 2022, 6:02 PM IST

Updated : May 24, 2022, 6:11 PM IST

उत्तरकाशीः अस्सी गंगा घाटी के ढासड़ा गांव के पर्वतारोही प्रवीण सिंह राणा ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (8848.86 मीटर) का सफल आरोहण किया है. यह आरोहण प्रवीण सिंह राणा ने 21 मई को किया. प्रवीण ने सफल एवरेस्ट आरोहण की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से साझा की है.

उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी ब्लॉक के ढासड़ा गांव निवासी प्रवीण सिंह राणा ने शनिवार सुबह 11ः30 मिनट पर विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट का सफल आरोहण किया. उन्होंने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए माउंट एवरेस्ट की चोटी से इस एक्सपीडिशन को सफल बनाने में सहयोग करने वाले सभी लोगों का आभार जताया है. सामान्य परिवार में जन्म लेने वाले प्रवीण इससे पहले नेहरू पर्वतारोहण संस्थान और टाटा एडवेंचर में प्रशिक्षक का कार्य कर चुके हैं.

ये भी पढ़ेंः सविता कंसवाल ने एवरेस्ट पर फहराया तिरंगा, दुनिया की सबसे ऊंची चोटी की फतह

प्रवीण के पिता नागेंद्र राणा भी ट्रेकिंग का काम करते थे, जबकि उनकी मां गृहणी हैं. प्रवीण के पिता नागेंद्र राणा ने बताया कि प्रवीण बचपन से ही एडवेंचर के शौकीन हैं. प्रवीण ने अपनी शिक्षा सरकारी स्कूलों में की. पढ़ाई के साथ-साथ प्रवीण ने नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से बेसिक कोर्स किया. जबकि, वर्तमान समय में वह बंगलुरु में किसी कंपनी में नौकरी कर रहे हैं. प्रवीण की एवरेस्ट फतह का समाचार मिलने पर स्थानीय लोगों ने खुशी जताई है. निम यानी नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (Nehru Institute Of Mountaineering) के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने भी उनको बधाई दी है.

ये भी पढ़ेंः उत्तरकाशी की बेटी अनामिका ने बनाया कीर्तिमान, यूरोप की सबसे ऊंची चोटी एलब्रुस किया फतह

उत्तरकाशी की बेटियां भी पर्वतारोहण में आगेः बीते दिनों भी उत्तरकाशी जिले के ही लौंथरू गांव की सविता कंसवाल (Mountaineer Savita Kanswal) ने भी दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया था. इसके अलावा उत्तरकाशी के बरसाली गांव की 22 वर्षीय अनामिका बिष्ट (Mountaineer Anamika Bisht) यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुस का सफल आरोहण कर कीर्तिमान हासिल कर चुकी हैं. अनामिका माउंट एलब्रुस का सफल आरोहण करने वाली उत्तरकाशी की पहली महिला पर्वतारोही बनी हैं.

ये भी पढ़ेंः घरवाले चाहते थे टीचर बने, एवरेस्ट विजेता बन गईं बछेंद्री पाल

वहीं, भारत की पहली माउंट एवरेस्ट विजेता महिला पर्वतारोही बछेंद्री पाल (Indian mountaineer Bachendri Pal) से सभी वाकिफ हैं. उनका जन्म भी उत्तरकाशी जिले के नाकुरी गांव में हुआ था. 38 साल पहले 23 मई 1984 को उत्तराखंड की इस बेटी ने दुनिया में इतिहास रचा था. बछेंद्री दुनिया की सबसे ऊंची चोटी ‘माउंट एवरेस्ट’ को फतह करने वाली भारत की पहली और दुनिया की पांचवीं महिला बनी थीं.

उत्तरकाशीः अस्सी गंगा घाटी के ढासड़ा गांव के पर्वतारोही प्रवीण सिंह राणा ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (8848.86 मीटर) का सफल आरोहण किया है. यह आरोहण प्रवीण सिंह राणा ने 21 मई को किया. प्रवीण ने सफल एवरेस्ट आरोहण की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से साझा की है.

उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी ब्लॉक के ढासड़ा गांव निवासी प्रवीण सिंह राणा ने शनिवार सुबह 11ः30 मिनट पर विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट का सफल आरोहण किया. उन्होंने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए माउंट एवरेस्ट की चोटी से इस एक्सपीडिशन को सफल बनाने में सहयोग करने वाले सभी लोगों का आभार जताया है. सामान्य परिवार में जन्म लेने वाले प्रवीण इससे पहले नेहरू पर्वतारोहण संस्थान और टाटा एडवेंचर में प्रशिक्षक का कार्य कर चुके हैं.

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प्रवीण के पिता नागेंद्र राणा भी ट्रेकिंग का काम करते थे, जबकि उनकी मां गृहणी हैं. प्रवीण के पिता नागेंद्र राणा ने बताया कि प्रवीण बचपन से ही एडवेंचर के शौकीन हैं. प्रवीण ने अपनी शिक्षा सरकारी स्कूलों में की. पढ़ाई के साथ-साथ प्रवीण ने नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से बेसिक कोर्स किया. जबकि, वर्तमान समय में वह बंगलुरु में किसी कंपनी में नौकरी कर रहे हैं. प्रवीण की एवरेस्ट फतह का समाचार मिलने पर स्थानीय लोगों ने खुशी जताई है. निम यानी नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (Nehru Institute Of Mountaineering) के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने भी उनको बधाई दी है.

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उत्तरकाशी की बेटियां भी पर्वतारोहण में आगेः बीते दिनों भी उत्तरकाशी जिले के ही लौंथरू गांव की सविता कंसवाल (Mountaineer Savita Kanswal) ने भी दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया था. इसके अलावा उत्तरकाशी के बरसाली गांव की 22 वर्षीय अनामिका बिष्ट (Mountaineer Anamika Bisht) यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुस का सफल आरोहण कर कीर्तिमान हासिल कर चुकी हैं. अनामिका माउंट एलब्रुस का सफल आरोहण करने वाली उत्तरकाशी की पहली महिला पर्वतारोही बनी हैं.

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वहीं, भारत की पहली माउंट एवरेस्ट विजेता महिला पर्वतारोही बछेंद्री पाल (Indian mountaineer Bachendri Pal) से सभी वाकिफ हैं. उनका जन्म भी उत्तरकाशी जिले के नाकुरी गांव में हुआ था. 38 साल पहले 23 मई 1984 को उत्तराखंड की इस बेटी ने दुनिया में इतिहास रचा था. बछेंद्री दुनिया की सबसे ऊंची चोटी ‘माउंट एवरेस्ट’ को फतह करने वाली भारत की पहली और दुनिया की पांचवीं महिला बनी थीं.

Last Updated : May 24, 2022, 6:11 PM IST
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