ETV Bharat / state

सालों से अधर में लटका कॉलेज भवन का निर्माण, जर्जर भवन के नीचे पढ़ रहे छात्र

उत्तरकाशी का राजकीय इंटर कॉलेज साल्ड सरकारी दावों का पोल खोल रही है. पिछले 3 सालों से भवन निर्माण का काम अधर में लटका हुआ है. हालत यह है कि यहां के छात्र जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर हैं.

uttarkashi
अधूरा निर्माण
author img

By

Published : Jan 18, 2020, 3:57 PM IST

उत्तरकाशी: एक ओर जहां सरकार जहां विद्यालयों में हर प्रकार की सुविधा देने का दावा करती है तो, वहीं इन दावों को हवाई साबित कर रहा है राजकीय इंटर कॉलेज साल्ड का निर्माणाधीन भवन. जो 3 सालों से अधर में लटका हुआ है. जिस कारण छात्रों को जर्जर भवन में पढ़ना पड़ रहा है. वहीं, बरसात और बर्फबारी के दिनों में क्लास रूम की टपकती छत के नीचे छात्र पढ़ने को मजबूर हैं.

राजकीय इंटर कॉलेज का निर्माणाधीन भवन.

3 सालों से स्कूल भवन की निर्माण प्रक्रिया के किसी भी प्रकार के कदम किसी भी स्तर पर नहीं उठाए गए हैं. शायद शासन-प्रशासन को किसी बड़ी अनहोनी का इंतजार है. क्योंकि, छात्र जिस जर्जर भवन में पढ़ रहे हैं उसे विभाग ने पहले से ही असुरक्षित बताया हुआ है.

ये भी पढ़े: पीएम मोदी से आज मिलेंगे CM त्रिवेंद्र, मंत्रिमंडल विस्तार पर हाईकमान से मिल सकती है मंजूरी

राजकीय इंटर कॉलेज साल्ड में करीब 160 बच्चे पढ़ रहे हैं. जहां पर उनके जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. विद्यालय के लिए नया भवन स्वीकृत हुआ. जिसके तहत भवन का करीब 20 प्रतिशत ही निर्माण किया गया, लेकिन उसके बाद 3 साल से भवन निर्माण का कार्य अधर में ही लटका हुआ है.

वहीं, विभाग की ओर से कोई भी कार्रवाई नहीं की जा रही है. स्कूली बच्चों का कहना है कि बरसात और बर्फबारी के दौरान कक्षाओं में पानी भर जाता है. क्लास रूम भी टपकता रहता है. जिस कारण पठन पाठन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

उत्तरकाशी: एक ओर जहां सरकार जहां विद्यालयों में हर प्रकार की सुविधा देने का दावा करती है तो, वहीं इन दावों को हवाई साबित कर रहा है राजकीय इंटर कॉलेज साल्ड का निर्माणाधीन भवन. जो 3 सालों से अधर में लटका हुआ है. जिस कारण छात्रों को जर्जर भवन में पढ़ना पड़ रहा है. वहीं, बरसात और बर्फबारी के दिनों में क्लास रूम की टपकती छत के नीचे छात्र पढ़ने को मजबूर हैं.

राजकीय इंटर कॉलेज का निर्माणाधीन भवन.

3 सालों से स्कूल भवन की निर्माण प्रक्रिया के किसी भी प्रकार के कदम किसी भी स्तर पर नहीं उठाए गए हैं. शायद शासन-प्रशासन को किसी बड़ी अनहोनी का इंतजार है. क्योंकि, छात्र जिस जर्जर भवन में पढ़ रहे हैं उसे विभाग ने पहले से ही असुरक्षित बताया हुआ है.

ये भी पढ़े: पीएम मोदी से आज मिलेंगे CM त्रिवेंद्र, मंत्रिमंडल विस्तार पर हाईकमान से मिल सकती है मंजूरी

राजकीय इंटर कॉलेज साल्ड में करीब 160 बच्चे पढ़ रहे हैं. जहां पर उनके जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. विद्यालय के लिए नया भवन स्वीकृत हुआ. जिसके तहत भवन का करीब 20 प्रतिशत ही निर्माण किया गया, लेकिन उसके बाद 3 साल से भवन निर्माण का कार्य अधर में ही लटका हुआ है.

वहीं, विभाग की ओर से कोई भी कार्रवाई नहीं की जा रही है. स्कूली बच्चों का कहना है कि बरसात और बर्फबारी के दौरान कक्षाओं में पानी भर जाता है. क्लास रूम भी टपकता रहता है. जिस कारण पठन पाठन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

Intro:उत्तरकाशी। एक और शासन प्रशासन जहां सरकारी विद्यालयों में हर प्रकार की सुविधा देने के दावे कर रहा है। तो इन दावों को हवाई साबित कर रहा है,राजकीय इंटर कॉलेज साल्ड का निर्माणधीन भवन,जो कि विगत 3 वर्षो से अधर में लटका हुआ है। जिस कारण स्कूली बच्चों को खतरे में पठन पाठन करना पड़ रहा है। 3 वर्षों से स्कूल भवन की निर्माण प्रक्रिया के किसी भी प्रकार के कदम किसी भी स्तर पर नहीं उठाए गए हैं। शायद जिम्मेदार महकमा और शासन प्रशासन किसी बड़ी अनहोनी का इंतजार कर रहा है। क्योंकि बच्चे उन जीर्ण शीर्ण भवनों में पढ़ रहे हैं। जिन्हें स्वयं विभाग ने असुरक्षित बताया है।


Body:वीओ-1, राजकीय इंटर कॉलेज साल्ड में करीब 160 बच्चे पढ़ रहे हैं। जहां पर उनके जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। विद्यालय के लिए नया भवन स्वीकृत हुआ। जिसके तहत भवन का करीब 20 प्रतिशत निर्माण किया गया। लेकिन उसके बाद कार्य अधर में लटक गया। 3 वर्ष से भवन निर्माण का कार्य अधर में ही लटका हुआ है। लेकिन विभाग और प्रशासन की और सब किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की जा रही है। स्कूली बच्चों का कहना है कि बरसात के दौरान और बर्फबारी के दौरान कक्षाओं में पानी भर जाता है तो साथ ही क्लास रूम भी टपकता रहता है। जिस कारण पठन पाठन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।


Conclusion:वीओ-2, स्कूल के पुराने भवनों की बात करें,तो यह अब स्लाइड जोन में आ गए हैं। साथ ही स्वयं विभाग ने इन पुराने भवनों को असुरक्षित घोषित किया है। लेकिन उसके बाद भी विद्यालय के भवन के निर्माण के लिए अभी तक कोई कार्यवाही शुरू नहीं हो पाई है। शायद प्रशासन और विभाग किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रहा है। राजकीय इंटर कॉलेज साल्ड की बात करें,तो यहां पर करीब 6 गांव के बच्चे पढ़ने आते हैं। यह कहना अपवाद नहीं होगा कि यह वरुणा घाटी के शिक्षा का मुख्य केंद्र है। लेकिन उसके बाद भी यह लगातार अनदेखी का शिकार हो रहा है। बाइट- अवधेष नौटियाल,प्रधानाचार्य।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.