उत्तरकाशी: चरस तस्करी के मामले में विशेष सत्र न्यायाधीश कौशल किशोर शुक्ला की अदालत ने अशोक पुत्र सतवीर और पुष्पेंद्र पुत्र वीरमपाल को दस-दस साल के कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दोनों पर एक-एक लाख रुपए का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया है. वहीं, अर्थदंड अदा न करने पर 6 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतने के आदेश दिए हैं.
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता पूनम सिंह ने बताया कि 3 दिसंबर 2017 को मोरी जंगलात वेरियर के पास मोरी पुलिस सघन चेकिंग कर रही थी. इसी दौरान एक वाहन में सवार होकर आ रहे अशोक पुत्र सतवीर और पुष्पेंद्र पुत्र वीरमपाल निवासी थाना छपरोली, जिला बागपत से पूछताछ की गई. जिसमें पुष्पेंद्र ने बताया कि मोरी से उसकी ससुराल है, लेकिन जब पुलिस ने तलाशी ली तो अशोक के पास से 2 किलो 50 ग्राम और पुष्पेन्द्र के पास से 2 किलो 350 ग्राम यानी की कुल 4 किलो 400 ग्राम चरस बरामद की गई. इस पर पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया.
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चरस को सील कर आरोपियों के विरूद्ध एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया. पुलिस ने विवेचना पूर्ण कर 14 मार्च 2018 को आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया. मंगलवार को अभियोजन पक्ष की ओर से न्यायालय में 8 गवाह व अन्य साक्ष्य पेश किये गये. सुनवाई के बाद न्यायालय ने दोनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए दस-दस साल का कठोर कारावास व एक-एक लाख रूपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है.