उत्तरकाशी: आपदा प्रभावित अस्सी गंगा घाटी के कई गांव आज भी सड़क सुविधा से महरूम हैं. साल 2012-13 की आपदा में तबाह हुई घाटी अब भी पुनर्निर्माण की बाट जोह रही है. आलम ये है कि आपदा के 6 साल बीत जाने के बाद भी जिला मुख्यालय से महज 15 किमी की दूरी पर स्थित अस्सी गंगा घाटी में सड़कों और पुलों का निर्माण अधूरा है. जिससे चलते ग्रामीणों को पैदल ही दूरी नापनी पड़ रही है.
भंकोली गांव के वासुदेव रावत बताते हैं कि 1970 में विश्व पर्यटन स्थल डोडीताल के करीब कुड़गोड़ी गाड़ (मांझी) तक सड़क निर्माण हुआ था. इसी दौरान गंगोरी से मांझी तक करीब 20 किमी तक सड़क बनाई गई थी. लेकिन आज डोडीताल के मुख्य पड़ावों अगोड़ा, दासड़ा, भंकोली डंडालका गांव सड़क से महरूम है. जबकि, साल 1960 में वन विभाग ने संगमचट्टी से सेकू गांव तक सड़क तैयार की थी. इस सड़क से विभाग द्वारा लकड़ी का ढुलान किया जाता था.
समय के साथ विकास न होने के चलते संगमचट्टी से सेकू गांव तक जाने वाली इस सड़क का अस्तित्व अब समाप्त हो गया. ये सड़क अब यातायात के लिए सुरक्षित नहीं रह गई है. आलम ये है कि अस्सी घाटी के कई गांव में सड़क सुविधा न के बराबर है. वहीं. संगमचट्टी से अगोड़ा होते हुए डोडीताल तक 21 किमी का पैदल ट्रैक भी काफी जोखिम भरा है.
ग्रामीणों का कहना है कि अस्सी गंगा घाटी में 1970 में बनी सड़क का आधा हिस्सा बनाने का कार्य 90 के दशक में लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरित हो गया था. बावजूद इसके सड़क का निर्माणकार्य अब भी पूरा नहीं हो पाया है. हालांकि, अब इस सड़क निर्माण का कार्य पीएमजीएसवाई को सौंपा गया है. अमूमन बरसात के दिनों में गजोली गांव तक ये सड़क बंद हो जाती है. जिससे चलते ग्रामीणों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है.