ETV Bharat / state

उत्तराखंड में भ्रष्टाचार से किसान परेशान, हिमाचल की पेटियों में भरकर मंडी पहुंचा रहे सेब

उत्तरकाशी के सेब काश्तकारों का कहना है सरकार की तरफ से उनको कोई भी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. इसीलिए वो हिमाचल ब्रांड की पेटियों में सेब बेचने को मजबूर हैं.

ग्रेडिंग उत्तराखंड की ब्राडिंग हिमांचल की
author img

By

Published : Aug 17, 2019, 9:59 AM IST

उत्तरकाशी: इसे विडम्बना कहें या मजबूरी लेकिन हकीकत कुछ ऐसी ही है. मोरी क्षेत्र के हजारों बागवान राज्य सरकार से मिलने वाली सब्सिडी की पेटियों को छोड़ कर दोगुने दामों वाले दूसरे राज्य की मार्क वाली पेटियों में अपना सेब बेचने को मजबूर हैं. काश्तकारों का कहना है कि सरकार उनकी ओर ध्यान नहीं दे रही है और न ही समय पर सरकार की पेटियां पहुंचती हैं.

उत्तराखंड का यह सेब हिमाचल की सेब मंडियों में बिकने को तैयार है, लेकिन राज्य सरकार और सरकारी मशीनरी मौन है और हो भी क्यों न, क्योंकि बागवानों को मिलने वाली सब्सिडी वाली पेटियों में ऊपर से नीचे तक कमीशन खोरी का खेल चल रहा है. काश्तकार पड़ोसी राज्य की मार्क वाली पेटियां खरीदने को मजबूर हैं.

ग्रेडिंग उत्तराखंड की ब्राडिंग हिमांचल की

पढ़ें- उत्तराखंड की यादों में 'अटल' रहेंगे वाजपेयी, इस स्कूटर पर सवार होकर घूमे थे दून

काश्तकारों का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली सेब की पेटियां बगीचे से सड़क तक भी सुरक्षित नहीं पहुंच पा रही हैं, क्योंकि इसमें लगा मैटेरियल दोयम दर्जे का है. जिस वजह से उनका सेब दागी हो जा रहा है.

अब आलम यह है कि मंडियों में उत्तराखंड ब्रांड का सेब कम रेट पर बिकता है और हिमांचल ब्रांड का सेब ऊंचे दामों पर. सेब वही रेट अलग-अलग. तभी तो ग्रेडिंग उत्तराखंड की और ब्रांड हिमाचल का. जिससे साफ जाहिर होता है कि भ्रष्टाचार की वजह से कैसे उत्तराखंड की साख पर दाग लग रहा है.

उत्तरकाशी: इसे विडम्बना कहें या मजबूरी लेकिन हकीकत कुछ ऐसी ही है. मोरी क्षेत्र के हजारों बागवान राज्य सरकार से मिलने वाली सब्सिडी की पेटियों को छोड़ कर दोगुने दामों वाले दूसरे राज्य की मार्क वाली पेटियों में अपना सेब बेचने को मजबूर हैं. काश्तकारों का कहना है कि सरकार उनकी ओर ध्यान नहीं दे रही है और न ही समय पर सरकार की पेटियां पहुंचती हैं.

उत्तराखंड का यह सेब हिमाचल की सेब मंडियों में बिकने को तैयार है, लेकिन राज्य सरकार और सरकारी मशीनरी मौन है और हो भी क्यों न, क्योंकि बागवानों को मिलने वाली सब्सिडी वाली पेटियों में ऊपर से नीचे तक कमीशन खोरी का खेल चल रहा है. काश्तकार पड़ोसी राज्य की मार्क वाली पेटियां खरीदने को मजबूर हैं.

ग्रेडिंग उत्तराखंड की ब्राडिंग हिमांचल की

पढ़ें- उत्तराखंड की यादों में 'अटल' रहेंगे वाजपेयी, इस स्कूटर पर सवार होकर घूमे थे दून

काश्तकारों का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली सेब की पेटियां बगीचे से सड़क तक भी सुरक्षित नहीं पहुंच पा रही हैं, क्योंकि इसमें लगा मैटेरियल दोयम दर्जे का है. जिस वजह से उनका सेब दागी हो जा रहा है.

अब आलम यह है कि मंडियों में उत्तराखंड ब्रांड का सेब कम रेट पर बिकता है और हिमांचल ब्रांड का सेब ऊंचे दामों पर. सेब वही रेट अलग-अलग. तभी तो ग्रेडिंग उत्तराखंड की और ब्रांड हिमाचल का. जिससे साफ जाहिर होता है कि भ्रष्टाचार की वजह से कैसे उत्तराखंड की साख पर दाग लग रहा है.

Intro:एक्सकुलुसिव
-- सेब उत्तराखंड का ब्रांडिंग हिमांचल की
------बागवानों को मिलनें वाली सेब की पेटियां हैं दोयम दर्जे की ,मंडीयों तक नहीं पहुंच पा रहा सेब
एंकर--- इसे विडम्बना कहें या मजबुरी लेकिन हकिकत कुछ एसी ही है।मोरी छेत्र के हजारों बागवान राज्य सरकार से मिलनें वाली सेब्सिडी की पेटियों को छोड कर दोगुने दामों वाले दुसरे राज्य की मार्का वाली पेटियों में अपना सेब बेचनें को मजबुर हैं लेकिन सरकार उदासिन ।

Body:विओ१- उत्तराखंड का ये सेब मंडियों में हिमांचल की से बिकनें को तैयार है लेकिन राज्य सरकार और सरकारी मशिनरी मौन ,हो भी क्यों ना । बागवानों को मिलनें वाले सेब्सिडी वाली पेटियों में कमिशन खोरी उपर से निचे जो चल रहा है और बेचारा बागवान मजबुर हो कर पडोसी राज्य की मार्का वाली पेटियां खरिदनें को मजबुर बागवानों का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली पेटियां बगिचे से सडक तक भी सुरछित ढुलान नहीं हो पा रही क्योंकी इसमें लगा मेटरियल दोयम दर्जे का है जिस वजह से उनका सेब दागी हो जा रहा है
बाईट- स्थानिय कास्तकार
बाईट- स्थानिय कास्तकार
विओ२- अब आलम यह है कि मंडियों में भी उत्तराखंड ब्रांड का सेब कम रेट पर बिकता है और हिमांचल ब्रांड का सेब ऊंचें दामों पर विडम्बना देखिये सेब वही रेट अलग अलग तभी तो ग्रेडिंग उत्तरखंड की और ब्रांड हिमांचल का ।
बाईट- स्थानिय बागवान Conclusion:विओ३- बगवानों के साथ सरकार का यही खेल चलता तो आये दिन राज्य के उत्पाद दूसरे राज्य के ब्रांडिग से ही बिकते रहेगें और राज्य सरकार कागजों में ही सेलिब्रटि को ब्रांड एम्बेस्डर बनाती रहेगी
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.