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गंगा स्वच्छता का संदेश लेकर ग्लेशियर-पहाड़ पार कर रहे दो बुजुर्ग, रचेंगे कीर्तिमान

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Published : Sep 29, 2021, 7:02 AM IST

Updated : Sep 29, 2021, 10:16 AM IST

पुणे और अहमदाबाद के दो बुजुर्गों का हौसला देखने लायक है. दोनों बुजुर्ग बर्फीले ग्लेशियरों और पहाड़ों को पार कर मां गंगा की परिक्रमा पर निकले हैं.

Uttarkashi News
गंगा स्वच्छता का संदेश लेकर ग्लेशियर-पहाड़ पार कर रहे दो बुजुर्ग.

उत्तरकाशी: मन में कुछ कर गुजरने की चाह और स्वच्छता का संदेश लेकर मां गंगा की परिक्रमा पर निकले पुणे और अहमदाबाद के दो बुजुर्ग बर्फीले ग्लेशियरों और पहाड़ों को पार कर रहे हैं. पुणे निवासी रिटायर कर्नल और अहमदाबाद के किसान बुजुर्ग 22 सितंबर को गौमुख और तपोवन से गंगा परिक्रमा कर गंगा के दूसरी ओर से ग्लेशियर और पहाड़ के कठिन रास्ते पार कर गंगोत्री पहुंचे. जहां से यह वो ऋषिकेश तक करीब 5000 मीटर की ऊंचाई से लेकर गांव बुग्याल होते हुए पैदल यात्रा करेंगे.

इस परिक्रमा में नियम है कि चलते हुए गंगा इनके दाहिने हाथ पर बह रही हो, वहीं इस ट्रैक में दोनों बुजुर्ग स्थानीय ट्रैकिंग-एडवेंचर एजेंसी एक्सप्लोर इनफिनिटी के टीम लीडर और गाइड का सहयोग ले रहे हैं. स्थानीय ट्रेकिंग एडवेंचर एजेंसी के संयोजक दीपक सिंह ने बताया कि पुणे निवासी रिटायर कर्नल आरके पांडे (68) और किरण पटेल (64) ने प्रयागराज से शुरू की.

गंगा स्वच्छता का संदेश लेकर ग्लेशियर-पहाड़ पार कर रहे दो बुजुर्ग.

पढ़ें-समय कम और चुनौतियां ज्यादा, क्यों HC जाने में देर कर रही धामी सरकार, जानें पूरा मामला

गंगा परिक्रमा के अभियान के तहत बीती 22 सितंबर को गंगा को बिना क्रॉस किए गौमुख और तपोवन में गंगोत्री ग्लेशियर पार कर मुश्किल भरे रास्तों को पार कर तक गंगा के दूसरी और से मंगलवार सुबह गंगोत्री तक अपनी यात्रा पूरी कर दी है. इस दौरान जहां दोनों बुजुर्गों ने अपने जज्बे के साथ मुश्किल ग्लेशियर और रास्तों को पार किया. अभी आगे दोनों बुजुर्ग अपने 12 सदस्यीय दल के साथ करीब 5000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित रुद्रगेरा बेस कैंप और श्रीकंठ बेस कैंप जैसे मुश्किल रास्तों और कंपकपाती ठंड को पार करेंगे.

पढ़ें-पौड़ी के करोड़ों के थीम पार्क में लगा ताला, जनवरी में त्रिवेंद्र ने धूमधाम से किया था उद्घाटन

रिटायर कर्नल आरके पांडे और किरण पटेल ने कहा कि उन्होंने 16 दिसम्बर 2020 को प्रयागराज से गंगा स्वच्छता को लेकर गंगा सागर और उसके बाद उत्तराखंड तक यात्रा की. लेकिन कोविड के कारण यह यात्रा रोकनी पड़ी. अब दोबारा यात्रा शुरू कर दी है और इस यात्रा ने प्रयागराज पर ही समाप्त होना है. जिसमें नदी परिक्रमा यात्री के दाहिने ओर रहेगी और कहीं भी नदी पार नहीं करनी है. कहा कि अभी तक शायद ही गंगा की किसी ने पूरी परिक्रमा की है. अगर वह यह कार्य कर देते हैं तो यह एक कीर्तिमान होगा. साथ ही अपने पड़ावों पर वह गंगा स्वच्छता को लेकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं.

उत्तरकाशी: मन में कुछ कर गुजरने की चाह और स्वच्छता का संदेश लेकर मां गंगा की परिक्रमा पर निकले पुणे और अहमदाबाद के दो बुजुर्ग बर्फीले ग्लेशियरों और पहाड़ों को पार कर रहे हैं. पुणे निवासी रिटायर कर्नल और अहमदाबाद के किसान बुजुर्ग 22 सितंबर को गौमुख और तपोवन से गंगा परिक्रमा कर गंगा के दूसरी ओर से ग्लेशियर और पहाड़ के कठिन रास्ते पार कर गंगोत्री पहुंचे. जहां से यह वो ऋषिकेश तक करीब 5000 मीटर की ऊंचाई से लेकर गांव बुग्याल होते हुए पैदल यात्रा करेंगे.

इस परिक्रमा में नियम है कि चलते हुए गंगा इनके दाहिने हाथ पर बह रही हो, वहीं इस ट्रैक में दोनों बुजुर्ग स्थानीय ट्रैकिंग-एडवेंचर एजेंसी एक्सप्लोर इनफिनिटी के टीम लीडर और गाइड का सहयोग ले रहे हैं. स्थानीय ट्रेकिंग एडवेंचर एजेंसी के संयोजक दीपक सिंह ने बताया कि पुणे निवासी रिटायर कर्नल आरके पांडे (68) और किरण पटेल (64) ने प्रयागराज से शुरू की.

गंगा स्वच्छता का संदेश लेकर ग्लेशियर-पहाड़ पार कर रहे दो बुजुर्ग.

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गंगा परिक्रमा के अभियान के तहत बीती 22 सितंबर को गंगा को बिना क्रॉस किए गौमुख और तपोवन में गंगोत्री ग्लेशियर पार कर मुश्किल भरे रास्तों को पार कर तक गंगा के दूसरी और से मंगलवार सुबह गंगोत्री तक अपनी यात्रा पूरी कर दी है. इस दौरान जहां दोनों बुजुर्गों ने अपने जज्बे के साथ मुश्किल ग्लेशियर और रास्तों को पार किया. अभी आगे दोनों बुजुर्ग अपने 12 सदस्यीय दल के साथ करीब 5000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित रुद्रगेरा बेस कैंप और श्रीकंठ बेस कैंप जैसे मुश्किल रास्तों और कंपकपाती ठंड को पार करेंगे.

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रिटायर कर्नल आरके पांडे और किरण पटेल ने कहा कि उन्होंने 16 दिसम्बर 2020 को प्रयागराज से गंगा स्वच्छता को लेकर गंगा सागर और उसके बाद उत्तराखंड तक यात्रा की. लेकिन कोविड के कारण यह यात्रा रोकनी पड़ी. अब दोबारा यात्रा शुरू कर दी है और इस यात्रा ने प्रयागराज पर ही समाप्त होना है. जिसमें नदी परिक्रमा यात्री के दाहिने ओर रहेगी और कहीं भी नदी पार नहीं करनी है. कहा कि अभी तक शायद ही गंगा की किसी ने पूरी परिक्रमा की है. अगर वह यह कार्य कर देते हैं तो यह एक कीर्तिमान होगा. साथ ही अपने पड़ावों पर वह गंगा स्वच्छता को लेकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं.

Last Updated : Sep 29, 2021, 10:16 AM IST
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