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शिवलिंग हिमशिखर की परिक्रमा कर लौटा दल, जल्द मानसरोवर यात्रा की तर्ज पर शुरू की जाएगी यात्रा

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Published : Oct 1, 2019, 2:52 PM IST

उत्तरकाशी जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने शिवलिंग हिमशिखर की परिक्रमा कर लौटी टीम को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि टीम का यह प्रयास अनूठा था, जो सफल रहा है.

उत्तरकाशी

उत्तरकाशी: त्रिवेंद्र सरकार प्रदेश में कई ट्रैकिंग रूट खोलना चाहती है. जिसके तहत उत्तरकाशी जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान के निर्देश पर एक 6 सदस्यीय दल शिवलिंग हिमशिखर रूट की रेकी करने गया. यहां दल रेकी करके सकुशल लौट आया है.

बता दें कि जिलाधिकारी डॉ.आशीष चौहान की ओर से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शिवलिंग हिमशिखर के परिक्रमा अभियान की योजना तैयार की गई थी, जिससे कैलाश मानसरोवर यात्रा की तर्ज पर जिले में भी रोमांचक और आध्यात्मिक यात्रा शुरू की जा सके.

शिवलिंग हिमशिखर की परिक्रमा 6 सदस्यीय दल ने 4 दिन में पूरी की. इसके लिए टीम ने कृति ग्लेशियर को बेस कैंप बनाया था. वहीं, डीएम डॉ. आशीष चौहान के निर्देशन में यह परिक्रमा स्थानीय पर्वतारोही दीपक राणा की लीडरशिप में पूर्ण की गई. तो वहीं, इस परिक्रमा के अंतिम पड़ाव 20 किमी तक टीम के लीडर सहित तीन सदस्यों ने पूरी की.

uttarkashi
शिवलिंग हिमशिखर की परिक्रम कर लौटी सकुशल लौटी टीम

अभियान के टीम लीडर दीपक राणा ने कहा कि डीएम के निर्देशानुसार पहली बार शिवलिंग चोटी की परिक्रमा की योजना बनी. टीम में दीपक राणा (टीम लीडर), तीन स्थानीय पर्वतारोही, दो एसडीआरएफ के जवान और एक वन विभाग के कर्मचारी को शामिल किया गया था. इसके साथ ही टीम में एक महिला ब्लॉगर भी शामिल की गई थी.

पढ़ें- उत्तराखंडः त्रिशूल पर्वत पर गए दो विदेशी पर्वतारोही लापता, रेस्क्यू के लिए SDRF रवाना

राणा ने बताया कि 22 सितम्बर को उनका दल गंगोत्री धाम से रवाना हुआ था. 23 सितंबर को दल तपोवन होते हुए कृति गलेशियर पहुंचा, जहां पर टीम ने बेस कैंप बनाया. जिसके बाद 24 सितम्बर से शिवलिंग चोटी का परिक्रमा अभियान शुरू किया गया, जो कि करीब 20 किमी के रोमांच और साहसिक सफर के साथ 28 सितम्बर को पूरा हुआ.

दीपक राणा ने बताया कि परिक्रमा के दौरान उन्होंने गंगोत्री घाटी के गंगोत्री ग्लेशियर, पीक ग्लेशियर और मेरु ग्लेशियर को पार किया. इस सफर में सबसे चुनौतीपूर्ण थी 5,659 मीटर की ऊंचाई पर स्थित 700 मीटर ऊंची बर्फ की दीवार, जिसे उनकी टीम ने सफलता पूर्वक पार किया.

जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने टीम को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के भीतर एक यह अलग तरह का प्रयास था, जिसे टीम ने सफलता पूर्वक पूरा किया है.

उत्तरकाशी: त्रिवेंद्र सरकार प्रदेश में कई ट्रैकिंग रूट खोलना चाहती है. जिसके तहत उत्तरकाशी जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान के निर्देश पर एक 6 सदस्यीय दल शिवलिंग हिमशिखर रूट की रेकी करने गया. यहां दल रेकी करके सकुशल लौट आया है.

बता दें कि जिलाधिकारी डॉ.आशीष चौहान की ओर से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शिवलिंग हिमशिखर के परिक्रमा अभियान की योजना तैयार की गई थी, जिससे कैलाश मानसरोवर यात्रा की तर्ज पर जिले में भी रोमांचक और आध्यात्मिक यात्रा शुरू की जा सके.

शिवलिंग हिमशिखर की परिक्रमा 6 सदस्यीय दल ने 4 दिन में पूरी की. इसके लिए टीम ने कृति ग्लेशियर को बेस कैंप बनाया था. वहीं, डीएम डॉ. आशीष चौहान के निर्देशन में यह परिक्रमा स्थानीय पर्वतारोही दीपक राणा की लीडरशिप में पूर्ण की गई. तो वहीं, इस परिक्रमा के अंतिम पड़ाव 20 किमी तक टीम के लीडर सहित तीन सदस्यों ने पूरी की.

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शिवलिंग हिमशिखर की परिक्रम कर लौटी सकुशल लौटी टीम

अभियान के टीम लीडर दीपक राणा ने कहा कि डीएम के निर्देशानुसार पहली बार शिवलिंग चोटी की परिक्रमा की योजना बनी. टीम में दीपक राणा (टीम लीडर), तीन स्थानीय पर्वतारोही, दो एसडीआरएफ के जवान और एक वन विभाग के कर्मचारी को शामिल किया गया था. इसके साथ ही टीम में एक महिला ब्लॉगर भी शामिल की गई थी.

पढ़ें- उत्तराखंडः त्रिशूल पर्वत पर गए दो विदेशी पर्वतारोही लापता, रेस्क्यू के लिए SDRF रवाना

राणा ने बताया कि 22 सितम्बर को उनका दल गंगोत्री धाम से रवाना हुआ था. 23 सितंबर को दल तपोवन होते हुए कृति गलेशियर पहुंचा, जहां पर टीम ने बेस कैंप बनाया. जिसके बाद 24 सितम्बर से शिवलिंग चोटी का परिक्रमा अभियान शुरू किया गया, जो कि करीब 20 किमी के रोमांच और साहसिक सफर के साथ 28 सितम्बर को पूरा हुआ.

दीपक राणा ने बताया कि परिक्रमा के दौरान उन्होंने गंगोत्री घाटी के गंगोत्री ग्लेशियर, पीक ग्लेशियर और मेरु ग्लेशियर को पार किया. इस सफर में सबसे चुनौतीपूर्ण थी 5,659 मीटर की ऊंचाई पर स्थित 700 मीटर ऊंची बर्फ की दीवार, जिसे उनकी टीम ने सफलता पूर्वक पार किया.

जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने टीम को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के भीतर एक यह अलग तरह का प्रयास था, जिसे टीम ने सफलता पूर्वक पूरा किया है.

Intro:उत्तरकाशी। गंगोत्री गलेशियर के अंतर्गत स्थिति शिवलिंग चोटी की परिक्रमा 6 सदस्यीय दल ने 4 दिन में पूर्ण की। इसके लिए टीम ने कृति ग्लेशियर को बेस कैम्प बनाया था। वहीं डीएम डॉ आशीष चौहान के निर्देशानुसार यह परिक्रमा स्थानीय पर्वतारोही दीपक राणा की लीडरशिप में पूर्ण किया गया। तो वहीं इस परिक्रमा के अंतिम पड़ाव 20 किमी तक टीम के लीडर सहित तीन सदस्यों ने इस परिक्रमा को पूरा किया। साथ ही शिवलिंग चोटी की परिक्रमा का यह अपने आप मे एक अनूठा प्रयास था। जो कि सफल रहा। टीम ने इस अभियान के दौरान तीन ग्लेशियरों को पार कर यह सफलता पाई है।Body:वीओ-1, शिवलिंग परिक्रमा अभियान के टीम लीडर दीपक राणा ने etv bharat को दी एक्सक्लूसिव जानकारी में बताया कि डीएम डॉ आशीष चौहान के निर्देशानुसार पहली बार शिवलिंग चोटी की परिक्रमा की योजना बनी। जिसमें टीम लीडर दीपक राणा सहित तीन स्थानीय पर्वतारोही और दो एसडीआरएफ के जवान व एक वन विभाग कर्मचारी को शामिल किया गया। साथ ही एक महिला ब्लॉगर भी शामिल की गई। राणा ने बताया कि 22 सितम्बर को उनका दल गंगोत्री धाम से रवाना हुआ और 23 को दल तपोवन होते हुए कृति गलेशियर पहुंचे। जहां पर टीम ने बेस कैम्प बनाया और 24 सितम्बर से शिवलिंग चोटी की परिक्रमा अभियान का शुरू हुआ। जो कि 20 किमी के रोमांच और साहसिक सफर के साथ 28 सितम्बर को पूर्ण हुआ।Conclusion:वीओ-2, दीपक राणा ने बताया कि शिवलिंग परिक्रमा के इस सफर के दौरान उन्होंने गंगोत्री घाटी के गंगोत्री ग्लेशियर सहित पीक गलेशियर और मेरु गलेशियर को पार किया। इस सफर में सबसे चुनोतिपूर्ण थी 5659 मीटर की ऊंचाई पर स्थित 700 मीटर ऊंची बर्फ की दीवार। जिसे उनकी टीम ने सफल पार किया। वहीं अंत मे टीम लीडर दीपक राणा सहित अन्य दो स्थानीय युवा पर्वतारोहियों अंकुर और दीपक ने 4 दिन के भीतर इस 20 किमी की शिवलिंग चोटी की परिक्रमा के अभियान को सफल किया। टीम को डीएम डॉ आशीष चौहान ने बधाई दी और कहा कि प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के भीतर एक यह अलग तरह का प्रयास था और टीम के साहस ने इस कार्य को पूर्ण करके दिखाया।
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