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गंगोत्री हाईवे पर बीआरओ का वैकल्पिक मार्ग अस्सी गंगा के बहाव में बहा, आवाजाही बाधित - Gangotri Highway

गंगोत्री हाईवे पर बीआरओ द्वारा बनाया गया वैकल्पिक मार्ग अस्सी गंगा के तेज बहाव में बह गया है. जिसक चलते वाहनों की आवाजाही के लिए कोई विकल्प नहीं है. ऐसे में स्थानीय लोगों दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

अस्सी गंगा के बहाव में वैकल्पिक मार्ग बहने से आवाजाही बाधित हो गई है.
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Published : Aug 11, 2019, 3:25 PM IST

उत्तरकाशी: गंगोत्री हाईवे पर अस्सी गंगा के बीच से बड़े वाहनों की आवाजाही के लिए बीआरओ द्वारा बनाया गया वैकल्पिक मार्ग अस्सी गंगा के तेज बहाव में बह गया है. जिसक चलते वाहनों की आवाजाही के लिए कोई विकल्प नहीं है. ऐसे में स्थानीय लोगों के साथ ही अन्य बाहरी लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

बीआरओ का वैकल्पिक मार्ग अस्सी गंगा के बहाव में बहा.

स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस तरह समय-समय पर पुल ताश के पत्तों की बिखरे हैं. उससे यही लगता है कि प्रशासन हादसों के बाद ही जागेगा. गंगोरी के व्यापारी और पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य दिग्विजय सिंह ने बताया कि पुल क्षतिग्रस्त होने से चारधाम यात्रा और पर्यटन पर भी बुरा असर होगा.

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चारधाम यात्रा और पर्यटन इस क्षेत्र के लोगों की आजीविका का प्रमुख साधन है. वहीं वैली पुलों के सहारे ही अंतरराष्ट्रीय सीमा तक पहुंचा जाता है. उन्होंने बताया कि पिछली बार पुल के टूटने से भटवाड़ी तहसील सहित कई गांवों का संपर्क जनपद मुख्यालय से टूट गया था. लेकिन प्रशासन का इस ओर ध्यान ही नहीं जा रहा है.

उत्तरकाशी: गंगोत्री हाईवे पर अस्सी गंगा के बीच से बड़े वाहनों की आवाजाही के लिए बीआरओ द्वारा बनाया गया वैकल्पिक मार्ग अस्सी गंगा के तेज बहाव में बह गया है. जिसक चलते वाहनों की आवाजाही के लिए कोई विकल्प नहीं है. ऐसे में स्थानीय लोगों के साथ ही अन्य बाहरी लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

बीआरओ का वैकल्पिक मार्ग अस्सी गंगा के बहाव में बहा.

स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस तरह समय-समय पर पुल ताश के पत्तों की बिखरे हैं. उससे यही लगता है कि प्रशासन हादसों के बाद ही जागेगा. गंगोरी के व्यापारी और पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य दिग्विजय सिंह ने बताया कि पुल क्षतिग्रस्त होने से चारधाम यात्रा और पर्यटन पर भी बुरा असर होगा.

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चारधाम यात्रा और पर्यटन इस क्षेत्र के लोगों की आजीविका का प्रमुख साधन है. वहीं वैली पुलों के सहारे ही अंतरराष्ट्रीय सीमा तक पहुंचा जाता है. उन्होंने बताया कि पिछली बार पुल के टूटने से भटवाड़ी तहसील सहित कई गांवों का संपर्क जनपद मुख्यालय से टूट गया था. लेकिन प्रशासन का इस ओर ध्यान ही नहीं जा रहा है.

Intro:अंतरराष्ट्रीय सीमा की रखवाली वैली पुलों के सहारे,अब स्थानीय निवासियों ने पक्के पुल की आस ही छोड़ दी है। गंगोरी में अब तक तीन पुल टूट चुके हैं और चार बन चुके हैं। उत्तरकाशी। गंगोरी में अप्रैल 2018 में गंगोत्री हाईवे पर तीसरी बार पुल टूटने के बाद बीआरओ ने बड़े वाहनों की आवाजाही के लिए अस्सी गंगा के बीच से वैकल्पिक मार्ग बनाया था। तो अब वह भी अस्सी गंगा के तेज बहाव में बह गया है। इसलिए अब बड़े वाहनों की आवाजाही के लिए कोई विकल्प नहीं बच गया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि अभी तक के टूटे पुलों में कोई हादसा नहीं हुआ है। लेकिन जिस प्रकार पुल ताश के पत्तों की बिखरे हैं। उससे यही लगता है कि प्रशासन उसके बाद ही जागेगा। जब वैली पुल के टूटने से कोई जान जाएगी। साथ ही कहा की पुल अगर टूटता है तो सामरिक सहित चारधाम और पर्यटन की आजीविका पर बुरा असर पड़ेगा।


Body:वीओ-1, गंगोत्री हाईवे पर पुलों को ताश के पत्तों की तरह बिखरते देख अब स्थानीय निवासियों का कहना है कि अगर बीआरओ या प्रशासन पक्के पुल का निर्माण नहीं करता है। तो वैली ब्रिज एक अंतराल के बाद टूटते रहेंगे। कहा कि अभी तक तो पुलों के टूटने पर कोई हादसा नहीं हुआ है। लेकिन अगर इसी प्रकार पुलों के साइड पिलर और एबड़मेन्ट मुड़ते रहे। तो कभी भी कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है। जिसमें जाने भी जा सकती हैं। क्योंकि बड़े वाहनों के बने वैकल्पिक मार्ग के बह जाने के बाद अब वैली ब्रिज पर ही दबाव बनता जा रहा है। ऐसी स्थिति में सेना के बड़े- बड़े वाहन और मालवाहक भी इसी पुल से गुजर रहे हैं।


Conclusion:वीओ-2, गंगोरी के व्यापारी और पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य दिग्विजय सिंह का कहना है कि यह पुल अगर क्षतिग्रस्त होता है। तो इससे चारधाम यात्रा और पर्यटन पर भी बुरा असर पड़ेगा। कहा कि चारधाम यात्रा और पर्यटन मुख्य आजीविका का साधन है। अगर इसी प्रकार वैली पुलों के सहारे ही अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा और चारधाम यात्रा को शासन प्रशासन चलाता रहा। तो यह जनपदवासियों के लिए भी नुकसान देय होगा। कहा कि पिछली बार पुल के टूटने से भटवाड़ी तहसील सहित कई गांव का सम्पर्क जनपद मुख्यालय से टूट गया था। इसलिए आपदा के दृष्टिकोण से सवेदनशील जिले में वैली ब्रिज कभी भी किसी बड़े खतरे को न्यौता दे सकता है। बाईट- दिग्विजय सिंह,स्थानीय निवासी,गंगोरी। बाईट- उमेद सिंह,स्थानीय निवासी गंगोरी।
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