उत्तरकाशी: क्रिसमस, थर्टी फस्ट और नए साल के जश्न के लिए उत्तरकाशी के पर्यटन स्थलों में पर्यटकों का आना शुुरु हो गया है. जिले के बर्फबारी वाले हर्षिल और केदारकांठा ट्रैक पर पर्यटक पहुंचने लगे हैं. अभी तक हर्षिल में करीब 90 और केदारकांठा में करीब 5 हजार पर्यटक पहुंच चुके हैं. हर्षिल व केदारकांठा में ज्यादा बर्फबारी नहीं हुई है. यहां पर्यटन कारोबारियों को बर्फबारी का इंतजार है. यहां पर्यटकों की आवक बर्फबारी पर ही निर्भर करती है.
सीमांत जनपद उत्तरकाशी में पर्यटन स्थल हर्षिल और केदारकांठा प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है. यहां की वादियां देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करती हैं. इनमें से पर्यटन स्थल हर्षिल में जहां वर्षभर पर्यटक आते हैं. पिछले कुछ सालों से केदारकांठा ट्रैक ने शीतकालीन पर्यटन स्थल के रूप में पहचान बनाई है. जिला मुख्यालय से करीब 85 किमी दूर हर्षिल भागीरथी व जाड़ गंगा के तट पर बसा हुआ है. देवदार के पेड़ों से घिरे हर्षिल में सुबह भागीरथी नदी में चमक बिखेरती सूरज की किरणों का नजारा मनमोहक होता है. सर्दियों में खासतौर पर बर्फबारी का लुत्फ उठाने यहां देशभर से पर्यटक पहुंचते हैं.
उधर, मोरी के सांकरी से दस किमी की दूर समुद्रतल से 12500 फीट की ऊंचाई पर केदारकांठा बुग्याल स्थित है. जहां दूर-दूर तक फैली पहाड़ियों के बीच सूर्योदय और सूर्यास्त का मनमोहक नजारा दिखाई देता है. यहां भी क्रिसमस, थर्टी फस्ट और नए साल का जश्न मनाने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. केदारकांठा से स्वर्गारोहणी, बंदरपूंछ, व्हाइट माउंटेन, कालानाग, गरूड पर्वत श्रृंखलाओं का मनोहारी दृश्य दिखाई देता है. मंगलवार शाम तक करीब 5 हजार पर्यटकों के यहां पहुंचने की सूचना है. नए साल तक यहां 15 से 16 हजार पर्यटकों के पहुंचने की उम्मीद है.
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पर्यटन कारोबारियों को बर्फबारी का इंतजार: हर्षिल और केदारकांठा दोनों में पर्यटन कारोबारियों को बर्फबारी का इंतजार है. कुछ दिनों पहले यहां हल्की बर्फबारी हुई, लेकिन यह टिक नहीं पाई. इसलिए पर्यटक यहां अच्छी बर्फबारी की उम्मीद कर रहे हैं. हर्षिल के माधवेंद्र सिंह और मोरी के चैन सिंह रावत का कहना है कि यहां बर्फबारी के लिए पर्यटक पहुंचते हैं. ऐसे में जितनी ज्यादा बर्फबारी होगी, पर्यटक भी उतनी ही ज्यादा संख्या में पहुंचेंगे.