उत्तरकाशी: उत्तर भारत में मौसम का मिजाज बदल चुका है. पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी और मैदानी इलाकों में हुई बारिश से ठिठुरन बढ़ने लगी है. बर्फबारी का स्थानीय लोग हों या फिर पर्यटक साल भर इंतजार करते हैं. बर्फ की सफेद चादर पहाड़ों को चांदी के श्रृंगार की भांति सजाती है.
ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिल रहा है हर्षिल घाटी के धराली गांव के सातताल में. यहां अभी जीवित पांच ताल बर्फ के बीच जमे हुए हैं. केदारपाती और देवदार के पेड़ों के बीच बर्फ से ढकी सातताल अपनी खूबसूरत छटा बिखेर रही है.
सोमवार को गंगोत्री, हर्षिल घाटी, खरसाली सहित मोरी के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जमकर बर्फबारी हुई. बर्फबारी के बाद ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों ने बर्फ की सफेद चादर ओढ़ ली है. वहीं इस बर्फबारी के बाद हर्षिल घाटी के धराली गांव के सातताल के ताल बर्फ से पूरी तरह जम चुके हैं. यहां मैदानी जगहों पर पड़ी बर्फ वातावरण को बेहद खूबसूरत बना रही है. स्थानीय लोग बर्फ की खूबसूरती का जमकर लुफ्त उठा रहे हैं.
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सातताल हर्षिल घाटी का सड़क से सबसे नजदीक का पर्यटक स्थल है. यहां धराली गांव से करीब 3 किमी ट्रैक के बाद पहुंचा जा सकता है. अभी इन सात तालों में से पांच ताल जीवित हैं.
स्थानीय निवासी मंजुल पंवार ने कहा कि अभी हल्की बर्फबारी के साथ सातताल पर्यटकों की कैंपिंग के सबसे उपयुक्त स्थान है. क्योंकि यह सड़क मार्ग से नजदीक है. पर्यटक यहां पर प्रकृति के सौंदर्य का जमकर लुफ्त उठा सकते हैं. उन्होंने पर्यटकों से सातताल आने की अपील की.
बेहद खूबसूरत है हर्षिल
हिमालय की ऊंची चोटियों में बसा हर्षिल 7,860 फीट की ऊंचाई पर है. यहां की वादियों की खूबसूरती को देवदार के घने जंगल चार चांद लगाते हैं. रंग-बिरंगे फूल और हिमनदों के बीच बहती भागीरथी यहां से नजर आती है. हर्षिल में पर्यटकों के रुकने और खाने-पीने की पूरी व्यवस्था है. लकड़ी के घरों वाले गांव बगोरी में होम स्टे किया जा सकता है.
ऐसे पहुंचें हर्षिल
हर्षिल ऋषिकेश के उत्तरकाशी होते हुए जा सकते हैं. देहरादून से उत्तरकाशी होते हुए भी हर्षिल पहुंचा जा सकता है. मसूरी-धनोल्टी मार्ग हर्षिल जाने के लिये ज्यादा अच्छा है. ऋषिकेश से उत्तरकाशी 160 किलोमीटर है. देहरादून से उत्तरकाशी की दूरी 200 किलोमीटर पड़ेगी. मसूरी-धनोल्टी मार्ग से सिर्फ 140 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ेगा. उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से हर्षिल की दूरी 75 किलोमीटर है. यहां पहुंचने के लिये कार या बस का सहारा लिया जा सकता है.