ETV Bharat / state

इस संग्रहालय में होंगे हिमालय की सुंदरता के दीदार, PM मोदी और CM योगी कर सकते हैं उद्घाटन

स्वामी ने गंगोत्री धाम से लेकर उपला टकनोर और हर्षिल घाटी की संस्कृति और खूबसूरती को कैमरे में कैद किया है. जिनसे हिरण्यगर्भ कलादीर्घा एक संग्रहालय का रूप ले चुका है. स्वामी सुंदरानंद ने इस तीन मंजिला संग्राहलय को आरएसएस को सौंप दिया है. जिसका शुभारंभ आगामी सितंबर माह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर सकते हैं.

स्वामी सुंदरानंद द्वारा कैमरे में कैद की गई कुछ दुर्लभ तस्वीरें.
author img

By

Published : Jun 18, 2019, 3:08 PM IST

उत्तरकाशी: उच्च हिमालय की दुर्लभता और उत्तरकाशी के उपला टकनोर की संस्कृति को स्वामी सुंदरानंद की तस्वीरों में देखा जा सकता है. जी हां, गंगोत्री धाम के स्वामी सुंदरानंद की तपोवन हिरण्यगर्भ कलादीर्घा में हिमालय के दर्शन फोटोग्राफ के रूप में हो सकते हैं. यह सब 94 वर्षीय स्वामी सुंदरानंद की 1948 से अभी तक की तपस्या का ही फल है. जिसके चलते यह संभव हो पाया है.

जानकारी देते स्वामी सुंदरानंद.

बता दें कि स्वामी ने गंगोत्री धाम से लेकर उपला टकनोर और हर्षिल घाटी की संस्कृति और खूबसूरती को कैमरे में कैद किया है. जिनसे हिरण्यगर्भ कलादीर्घा एक संग्रहालय का रूप ले चुका है. जिसे स्वामी सुंदरानंद ने आरएसएस को सौंप दिया है. आम जनता के लिए इसका शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा करने की उम्मीद है.

गौरतलब है कि स्वामी सुंदरानंद वर्षों से गंगा और हिमालय के संरक्षण का कार्य कर रहे हैं. और अभी भी 94 वर्ष की उम्र में गंगोत्री धाम आने वाले यात्रियों और पर्यटकों को पर्यावरण और पर्वतारोहण के बीच में सामंजस्य बनाने की जानकारी देते हैं.

स्वामी सुंदरानंद ने पूरे गंगोत्री हिमालय क्षेत्र का भ्रमण किया है. फोटोग्राफी के शौकीन स्वामी सुंदरानंद ने हिमालय के हर पहलू को तस्वीरों में कैद किया हैं. जिसे अब उन्होंने पटांगिनी पहाड़ी पर तपोवन हिरण्यगर्भ कलादीर्घा में तीन मंजिला संग्रालय का निर्माण कर उसमें आने वाली पीढ़ी के लिए संजोकर रखा है. स्वामी सुंदरानंद ने इस तीन मंजिला संग्राहलय को आरएसएस को सौंप दिया है. जिसका शुभारंभ आगामी सितंबर माह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर सकते हैं.

स्वामी सुंदरानंद के अनुसार योगी आदित्यनाथ ने हामी भर दी है. जबकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अभी वार्ता चल रही है. स्वामी सुंदरानंद ने बताया कि जिस प्रकार हिमालय का दोहन हो रहा है. उस हिसाब से तो आने वाली पीढ़ी हिमालय के दर्शन के लिए तरसेगी. जिसके चलते आने वाली पीढ़ी के लिए उन्होंने इसका संग्रहण किया है.

उत्तरकाशी: उच्च हिमालय की दुर्लभता और उत्तरकाशी के उपला टकनोर की संस्कृति को स्वामी सुंदरानंद की तस्वीरों में देखा जा सकता है. जी हां, गंगोत्री धाम के स्वामी सुंदरानंद की तपोवन हिरण्यगर्भ कलादीर्घा में हिमालय के दर्शन फोटोग्राफ के रूप में हो सकते हैं. यह सब 94 वर्षीय स्वामी सुंदरानंद की 1948 से अभी तक की तपस्या का ही फल है. जिसके चलते यह संभव हो पाया है.

जानकारी देते स्वामी सुंदरानंद.

बता दें कि स्वामी ने गंगोत्री धाम से लेकर उपला टकनोर और हर्षिल घाटी की संस्कृति और खूबसूरती को कैमरे में कैद किया है. जिनसे हिरण्यगर्भ कलादीर्घा एक संग्रहालय का रूप ले चुका है. जिसे स्वामी सुंदरानंद ने आरएसएस को सौंप दिया है. आम जनता के लिए इसका शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा करने की उम्मीद है.

गौरतलब है कि स्वामी सुंदरानंद वर्षों से गंगा और हिमालय के संरक्षण का कार्य कर रहे हैं. और अभी भी 94 वर्ष की उम्र में गंगोत्री धाम आने वाले यात्रियों और पर्यटकों को पर्यावरण और पर्वतारोहण के बीच में सामंजस्य बनाने की जानकारी देते हैं.

स्वामी सुंदरानंद ने पूरे गंगोत्री हिमालय क्षेत्र का भ्रमण किया है. फोटोग्राफी के शौकीन स्वामी सुंदरानंद ने हिमालय के हर पहलू को तस्वीरों में कैद किया हैं. जिसे अब उन्होंने पटांगिनी पहाड़ी पर तपोवन हिरण्यगर्भ कलादीर्घा में तीन मंजिला संग्रालय का निर्माण कर उसमें आने वाली पीढ़ी के लिए संजोकर रखा है. स्वामी सुंदरानंद ने इस तीन मंजिला संग्राहलय को आरएसएस को सौंप दिया है. जिसका शुभारंभ आगामी सितंबर माह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर सकते हैं.

स्वामी सुंदरानंद के अनुसार योगी आदित्यनाथ ने हामी भर दी है. जबकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अभी वार्ता चल रही है. स्वामी सुंदरानंद ने बताया कि जिस प्रकार हिमालय का दोहन हो रहा है. उस हिसाब से तो आने वाली पीढ़ी हिमालय के दर्शन के लिए तरसेगी. जिसके चलते आने वाली पीढ़ी के लिए उन्होंने इसका संग्रहण किया है.

Intro:हेडलाइन- पर्यटकों के लिए खुला तपोवन हिरण्यगर्भ कलादीर्घा। उत्तरकाशी। अगर आपने उच्च हिमालय की दुर्लभता को नहीं देखा और उत्तरकाशी के उपला टकनोर की संस्कृति को नहीं देखा है। तो अब गंगोत्री धाम के स्वामी सुंदरानंद की तपोवन हिरण्यगर्भ कलादीर्घा में हिमालय के दर्शन फोटोग्राफ के रूप में हो सकते हैं। यह 94 वर्षीय स्वामी सुंदरानंद की 1948 तक की अब तक कि तपस्या है। जिसमे हिमालय और गंगोत्री धाम से लेकर उपला टकनोर और हर्षिल घाटी की संस्कृति और खूबसूरती को कैमरे में कैद किया है। और अब यह एक संग्रहालय का रूप ले चुका है। जिसे स्वामी सुंदरानंद ने आरएसएस को सौंप दिया है।


Body:वीओ-1, स्वामी सुंदरानंद ने पूरे गंगोत्री हिमालय का भर्मण किया। फोटोग्राफी के शौकीन स्वामी सुंदरानंद ने हिमालय के हर पहलू को समझा परखा और बारीकी से आने वाली पीढ़ी के लिए उसे आज पटांगिनी पहाड़ी पर तपोवन हिरण्यगर्भ कलादीर्घा संग्रालय का निर्माण कर उसे संजो कर रखा है। स्वामी सुंदरानंद के तीन मंजिला संग्राहलय को आरएसएस को सौंप दिया है। जिसका शुभारम्भ आगामी सितम्बर माह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर सकते हैं। स्वामी सुंदरानंद के अनुसार योगी आदित्यनाथ ने हामी भर दी है। तो साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अभी वार्ता चल रही है।




Conclusion:वीओ-2, स्वामी सुंदरानंद कहते हैं कि आज जिस प्रकार हिमालय का दोहन हो रहा है। तो आने वाली पीढ़ी हिमालय के दर्शन के लिए तरसेगी। इस पीढ़ी के लिए उन्होंने इसका संग्रहण किया है। स्वामी सुंदरानंद वर्षों से गंगा और हिमालय संरक्षण का कार्य कर रहे हैं और अभी भी 94 वर्ष की उम्र में गंगोत्री धाम आने वाले यात्रियों और पर्यटकों को पर्यावरण और पर्वतारोहण के बीच के सामंजस्य को बनाये रखने की जानकारी देते हैं। बाईट- स्वामी सुंदरानंद, गंगोत्री।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.