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उत्तरकाशी पहुंची स्वर्णिम विजय मशाल यात्रा, भारत-पाक युद्ध शहीद को दी श्रद्धांजलि

भारतीय सेना की मशाल यात्रा शुक्रवार को उत्तरकाशी पुहंची. इस दौरान भारत-पाकिस्तान युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए सैनिक को श्रद्धांजलि दी गई.

Uttarkashi mashal yatra
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Published : Jan 29, 2021, 7:15 PM IST

उत्तरकाशी: साल 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध को 50 साल पूरे हो चुके हैं. भारतीय सेना इसे स्वर्णिम विजय वर्ष के तौर पर मना रही है. देश में आर्मी की ओर से चार मशाल यात्राएं निकाली गईं हैं. सेना की मशाल यात्रा शुक्रवार को उत्तरकाशी पहुंची. मशाल का स्वागत शहीद पार्क में डीएम मयूर दीक्षित, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी और पूर्व सैनिक संगठन के पूर्व सैनिकों ने स्वागत किया. इस दौरान शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई.

Uttarkashi mashal yatra
शहीद की पत्नी अमरा देवी को दिया गया सम्मान.

विजय मशाल यात्रा उत्तरकाशी पहुंचने पर भारत-पाक युद्ध में शहीद गार्ड्समैन सुंदर सिंह की पत्नी अमरा देवी को सम्मानित किया. साथ ही उनके इस बलिदान को याद किया गया कि अमरा देवी ने कभी अपने शहीद पति की शक्ल ही नहीं देखी और आज भी उन्हें अपने शहीद पति का चेहरा याद नहीं है.

अमरा देवी बताती हैं कि जिस समय उनका विवाह गार्ड्समैन सुंदर सिंह से हुआ था, उस समय उनकी उम्र 12 से 13 वर्ष के बीच थी. उस समय नई बहू कई दिनों तक पति की शक्ल नहीं देखते थी. इसी बीच वह ड्यूटी पर वापस चले गए और उसके बाद लौट कर आई तो मात्र शहीद पति की अस्थियां और एक बक्सा.

Uttarkashi mashal yatra
शहीद गार्ड्समैन सुंदर सिंह को दी गई श्रद्धांजलि.

पढ़ें- रुद्रप्रयाग पहुंची स्वर्णिम विजय मशाल यात्रा, 1971 के शहीदों को दी श्रद्धांजलि

अमरा देवी ने पूरा जीवन शहीद की पत्नी के रूप में बिता दी. गत वर्ष पूर्व डीएम आशीष चौहान ने किसी प्रकार शहीद गार्ड्स मैन सुंदर सिंह की एक तस्वीर अमरा देवी को भेंट की थी और आज अमरा देवी के पास अपने शहीद पति की बस यही एक याद है.

उत्तरकाशी: साल 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध को 50 साल पूरे हो चुके हैं. भारतीय सेना इसे स्वर्णिम विजय वर्ष के तौर पर मना रही है. देश में आर्मी की ओर से चार मशाल यात्राएं निकाली गईं हैं. सेना की मशाल यात्रा शुक्रवार को उत्तरकाशी पहुंची. मशाल का स्वागत शहीद पार्क में डीएम मयूर दीक्षित, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी और पूर्व सैनिक संगठन के पूर्व सैनिकों ने स्वागत किया. इस दौरान शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई.

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शहीद की पत्नी अमरा देवी को दिया गया सम्मान.

विजय मशाल यात्रा उत्तरकाशी पहुंचने पर भारत-पाक युद्ध में शहीद गार्ड्समैन सुंदर सिंह की पत्नी अमरा देवी को सम्मानित किया. साथ ही उनके इस बलिदान को याद किया गया कि अमरा देवी ने कभी अपने शहीद पति की शक्ल ही नहीं देखी और आज भी उन्हें अपने शहीद पति का चेहरा याद नहीं है.

अमरा देवी बताती हैं कि जिस समय उनका विवाह गार्ड्समैन सुंदर सिंह से हुआ था, उस समय उनकी उम्र 12 से 13 वर्ष के बीच थी. उस समय नई बहू कई दिनों तक पति की शक्ल नहीं देखते थी. इसी बीच वह ड्यूटी पर वापस चले गए और उसके बाद लौट कर आई तो मात्र शहीद पति की अस्थियां और एक बक्सा.

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शहीद गार्ड्समैन सुंदर सिंह को दी गई श्रद्धांजलि.

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अमरा देवी ने पूरा जीवन शहीद की पत्नी के रूप में बिता दी. गत वर्ष पूर्व डीएम आशीष चौहान ने किसी प्रकार शहीद गार्ड्स मैन सुंदर सिंह की एक तस्वीर अमरा देवी को भेंट की थी और आज अमरा देवी के पास अपने शहीद पति की बस यही एक याद है.

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