उत्तरकाशीः एशिया के सबसे बड़े बांधों में शुमार टिहरी डैम के किनारे 234 किमी लंबी रिंग रोड निर्माण होना है. इससे पहले रिंग रोड के लिए फिजिबिलिटी यानी व्यवहार्यता का सर्वे होगा. लोक निर्माण विभाग चंबा ने इस सर्वे के लिए करीब 70 लाख रुपए बजट की मांग की थी. जिसमें से विभाग को 40 लाख रुपए जारी हो गए हैं. वहीं, सर्वे के लिए निविदा के बाद अनुबंध प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है. माना जा रहा है कि टिहरी झील के किनारे रिंग रोड निर्माण से पर्यटन गतिविधियों को पंख लगेंगे.
दरअसल, टिहरी बांध झील को पर्यटन के विश्व मानचित्र पर लाने के लिए राज्य सरकार ने मेगा प्रोजेक्ट तैयार किया है. जिसके तहत झील किनारे करीब 234 किमी लंबी रिंग रोड बनाए जाएगी. जिसमें झील किनारे पहले से निर्मित ऑल वेदर और पुरानी 197.6 किमी सड़क को भी शामिल किया गया है. रिंग रोड निर्माण के लिए जहां पुरानी 197 किमी सड़क का चौड़ीकरण किया जाएगा.
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वहीं, 36.4 किमी नई रिंग रोड का निर्माण किया जाएगा. जिसमें चिन्यालीसौड़ से रिंग रोड डोबरा चांठी टिहरी बांध के टॉप से सेंदुल से प्रताप नगर तक बनाई जाएगी. जबकि, चंबा-चिन्यालीसौड़ में 20 किमी और प्रतापनगर में 16.4 किमी रिंग रोड बनेगी. रिंग रोड निर्माण के लिए टीसीएस नाम की फर्म के साथ फिजिबिलिटी सर्वे कार्य के लिए अनुबंध अंतिम चरण में है. इस सर्वे के बाद भूमि अधिग्रहण आदि कार्य के लिए डीपीआर यानी विस्तृत कार्य योजना तैयार की जाएगी. प्रस्तावित रिंग रोड 20 मीटर चौड़ी होगी.
क्या बोले अधिशासी अभियंता जगदीश खाती? चंबा के लोनिवि अधिशासी अभियंता जगदीश खाती ने बताया कि सरकार ने हाल में अनुपूरक बजट में टिहरी बांध झील किनारे रिंग रोड निर्माण के लिए वन, निजी और राजस्व भूमि अधिग्रहण के लिए बजट की व्यवस्था की है. रिंग रोड निर्माण के लिए सर्वे कार्य शुरू कराने के लिए निविदा जारी कर दी गई है.