उत्तरकाशी: उत्तराखंड संस्कृत अकादमी की ओर से एक अनूठी पहल शुरू की गई है. संस्कृत अकादमी की ओर से पहाड़ के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के छात्र-छात्राओं का चयन कर उन्हें संस्कृत भाषा में थिएटर कार्यशाला में प्रतिभाग करवाया जा रहा है. इस पहल में संस्कृत अकादमी की ओर से संस्कृत भाषा में नागानंदम नाटक का मंचन गढ़वाल और कुमाऊं के विभिन्न स्थानों पर किया जा रहा है. जिसको दर्शक खूब सराहना रहे हैं.
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बता दें कि यह नाटक जीमूतवाहन नामक राजा और एक नाग पर आधारित है. नाटक में राजा प्रजा से बहुत प्यार करता था. वहीं, एक गरुड़ जिसे एक नाग का भोजन करने की रोज आज्ञा थी. एक दिन एक नाग की मां राजा के पास रोती है कि उसका एक ही बेटा है. इसलिए उसे बचा लो मां की करुणा पर राजा स्वयं को गरुड़ का भोजन बना लेता है.
वहीं, जब यह बात गरुड़ को पता चलती है, तो वह अपने पाप का प्रयाश्चित करता है और स्वर्ग के देवी देवताओं से राजा और उसके खाए नागों को जिंदा करने की प्रार्थना करता है. जिस पर राजा और सभी नाग जिंदा हो जाते हैं. नाटक का निर्देशन डॉ. अजीत पंवार ने किया है. वहीं, नाटक में प्रदेश के विभिन्न जिलों के छात्र-छात्राएं अभिनय कर रहे हैं.