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उत्तरकाशी: बर्फबारी ने बढ़ाई लोगों की मुश्किलें, भीषण ठंड से जमे नदी-नाले - बर्फबारी से पहाड़ों में बढ़ी लोगों की मुश्किलें

हर्षिल घाटी में सड़कों पर पड़ी बर्फ के ऊपर गिरे पाले के कारण अब बर्फ कांच का रूप ले चुकी है, जो कि दुर्घटनाओं को न्योता दे रही है. वहीं, बर्फबारी के कारण शीतलहर भी लोगों के लिए मुसीबत साबित हो रही है.

बर्फबारी ने बढाई लोगों की मुश्किलें
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Published : Dec 31, 2020, 7:04 PM IST

Updated : Dec 31, 2020, 8:46 PM IST

उत्तरकाशी: पिछले दो दिनों पहले जनपद में हुई बर्फबारी के बाद हर्षिल-गंगोत्री सहित बड़कोट और मोरी के ऊंचाई वाले इलाकों में ठंड बढ़ गई है. इन इलाकों ने बर्फ की सफेद चादर ओढ़ ली है. जहां बर्फबारी के बाद चटक धूप खिलने के बाद पहाड़ अपनी खूबसूरत छटा बिखेर रहे हैं, तो वहीं बर्फ के कारण लोगों की मुसीबतें भी बढ़ गई हैं. तापमान में भारी गिरावट आने के कारण हर्षिल घाटी के बड़े-बड़े नाले भी बर्फ के रूप में बदल चुके हैं.

ये भी पढ़ें: अलविदा 2020: जानें इस वर्ष उत्तराखंड की क्या रही उपलब्धियां ?

बर्फबारी के बाद अब पहाड़ों में मौसम खुशगवार हो चुका है. इस खुशगवार मौसम के बाद पर्यटक और स्थानीय लोग गंगोत्री धाम और हर्षिल घाटी के दीदार करने के लिए पहुंच रहे हैं. गंगोत्री धाम में गंगा(भागीरथी) नदी बर्फ के बीच एक छोटी सी नदी के रूप में बह रही है. वहीं, बर्फबारी के बाद तापमान में आई भारी गिरावट के चलते हर्षिल का करीब 500 मीटर से अधिक लम्बा पंचमुखी नाला पूरी तरह बर्फ में तब्दील हो चुका है.

भीषण ठंड से जमे नदी-नाले

पढ़ें: 2022 चुनावी दंगल: प्रदेश में AAP ने झोंकी ताकत, जोर आजमाइश के लिए तैयार

जहां सफेद चादर ओढ़े पहाड़ बहुत खूबसूरत लग रहे हैं, वहीं यह बर्फ स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए मुसीबत भी बन रही है. हर्षिल घाटी में सड़कों पर पड़ी बर्फ के ऊपर गिरे पाले के कारण अब बर्फ कांच का रूप ले चुकी है, जो कि दुर्घटनाओं को न्योता दे रही है. वहीं, बर्फबारी के कारण शीतलहर भी लोगों के लिए मुसीबत साबित हो रही है.

उत्तरकाशी: पिछले दो दिनों पहले जनपद में हुई बर्फबारी के बाद हर्षिल-गंगोत्री सहित बड़कोट और मोरी के ऊंचाई वाले इलाकों में ठंड बढ़ गई है. इन इलाकों ने बर्फ की सफेद चादर ओढ़ ली है. जहां बर्फबारी के बाद चटक धूप खिलने के बाद पहाड़ अपनी खूबसूरत छटा बिखेर रहे हैं, तो वहीं बर्फ के कारण लोगों की मुसीबतें भी बढ़ गई हैं. तापमान में भारी गिरावट आने के कारण हर्षिल घाटी के बड़े-बड़े नाले भी बर्फ के रूप में बदल चुके हैं.

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बर्फबारी के बाद अब पहाड़ों में मौसम खुशगवार हो चुका है. इस खुशगवार मौसम के बाद पर्यटक और स्थानीय लोग गंगोत्री धाम और हर्षिल घाटी के दीदार करने के लिए पहुंच रहे हैं. गंगोत्री धाम में गंगा(भागीरथी) नदी बर्फ के बीच एक छोटी सी नदी के रूप में बह रही है. वहीं, बर्फबारी के बाद तापमान में आई भारी गिरावट के चलते हर्षिल का करीब 500 मीटर से अधिक लम्बा पंचमुखी नाला पूरी तरह बर्फ में तब्दील हो चुका है.

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जहां सफेद चादर ओढ़े पहाड़ बहुत खूबसूरत लग रहे हैं, वहीं यह बर्फ स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए मुसीबत भी बन रही है. हर्षिल घाटी में सड़कों पर पड़ी बर्फ के ऊपर गिरे पाले के कारण अब बर्फ कांच का रूप ले चुकी है, जो कि दुर्घटनाओं को न्योता दे रही है. वहीं, बर्फबारी के कारण शीतलहर भी लोगों के लिए मुसीबत साबित हो रही है.

Last Updated : Dec 31, 2020, 8:46 PM IST
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